हमीरपुर: हिमाचल की वीरभूमि कहे जाने वाले हमीरपुर जिला का नाम एक बार फिर से दो सगे भाइयों ने सार्थक किया है. जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur assembly constituency ) के टपरे पंचायत के नौहगीं गांव के दो सगे भाई नौसेना और थल सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं. दोनों बेटे जब अफसर बनकर घर लौटे तो मां की आंखें खुशी के आंसुओं से नम हो गई और पिता भी फूले नहीं समा रहे थे. बड़ा भाई रोहन भारद्वाज इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट बना है, तो वहीं छोटा भाई राहुल भारद्वाज इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट (real brothers became lieutenant ) बना है.
इन दोनों भाइयों के पिता सुशील कुमार इंडियन नेवी से ही एमसीपीओ-2 पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. सुशील कुमार वर्तमान में सरकारी स्कूल में बतौर लेक्चरर सेवाएं दे रहे हैं. दोनों भाई सैनिक स्कूल सुजानपुर (Students of Sainik School Sujanpur) के छात्र रहे हैं. दोनों भाइयों ने यूपीएससी एनडीए-एनए की परीक्षा को पास किया है. इसके बाद रोहन भारद्वाज इंडियन नेवल अकादमी और राहुल भारद्वाज ने नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे तथा इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून (Indian Military Academy Dehradun) से ट्रेनिंग पूरी की है.
रोहन भारद्वाज को 27 नवंबर 2021 को इंडियन नेवल अकादमी में सब लेफ्टिनेंट (Sub Lieutenant at Indian Naval Academy) के रैंक से नवाजा गया है, जबकि राहुल भारद्वाज 11 दिसंबर 2021 को इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून में ट्रेनिंग पूरा कर लेफ्टिनेंट बने हैं. सब लेफ्टिनेंट इंडियन नेवी रोहन भारद्वाज ने कहा कि उनकी ट्रेनिंग दरअसल सैनिक स्कूल सुजानपुर से ही शुरू हो गई थी. पिता और चाचा इंडियन नेवी में थे तो बचपन से ही और आर्मी को लेकर उनका रुझान था. उन्होंने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता रिश्तेदारों को को दिया है.
इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट राहुल भारद्वाज (lieutenant Rahul Bhardwaj in indian army) का कहना है कि उन्हें अपने पिता से ही आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली है. उन्होंने कहा कि माता पिता ने उन्हें लक्ष्य के प्रति प्रेरित और फोकस रखा. मामा और नाना भी आर्मी में थे, ऐसे सभी की तरफ से प्रेरणा मिली इसलिए वह सफलता का श्रेय माता पिता के साथ उन सभी लोगों को देंगे जिनका इस सफलता में योगदान रहा है.
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माता रेशमा देवी का कहना है कि ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं. उन्होंने कभी सपने में भी ऐसा नहीं सोचा था. वह अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हैं. रेशमा देवी का कहना है कि भगवान से यह दुआ करते हैं कि सबको ऐसे बेटे दें.
इंडियन नेवी से एमसीपीओ-2 पद से सेवानिवृत्त हुए सुशील कुमार कहते हैं कि यह सफलता में इन दोनों बच्चों के दादा स्व. दिले राम और दादी मां स्व. सुखा देवी का योगदान रहा है. उनकी त्याग और बलिदान का ही नतीजा है कि आज उनके दोनों पोते मां भारती की सेवा में जुटे हैं.
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