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चोरों पर लगाम लगाने में नाकाम हमीरपुर पुलिस, SP साहिबा की दलील- ठीकरी पहरा दें लोग

हमीरपुर शहर में इन दिनों चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं. पिछले 10 दिनों में शहर के वार्ड नंबर 1 और 10 में चोरों ने लाखों के जेवर और नगदी पर हाथ साफ किया है, लेकिन दोनों वारदातों में अभी तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग सका है. वहीं, अब जिला पुलिस हमीरपुर की तरफ से गश्त बढ़ाने की दलील दी जा रही है. साथ ही, पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा ठीकरी पहरे के विकल्प पर भी विचार करने की लोगों से अपील कर रही हैं.

चोरी घटनाएं
हमीरपुर
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Published : Oct 19, 2021, 4:21 PM IST

हमीरपुर: जिला मुख्यालय हमीरपुर में पिछले 10 दिन के भीतर हुई चोरी की दो वारदातों में अभी तक पुलिस खाली हाथ हैं. जिन घरों में चोरी हुई है उनके अगल-बगल के मकानों में जरूर सीसीटीवी कैमरा लगे हैं, लेकिन पुलिस को इनसे भी पुख्ता सबूत हाथ ना लगने के कारण अभी तक सफलता हाथ नहीं लग पाई है. वहीं, अब जिला पुलिस हमीरपुर की तरफ से गश्त बढ़ाने की दलील दी जा रही है. साथ ही पुलिस कप्तान डॉ. आकृति शर्मा ठीकरी पहरे के विकल्प पर भी विचार करने की लोगों से अपील कर रही हैं.

आशंका यह भी है कि जिले में कोई चोर गिरोह सक्रिय है जो इन वारदातों को अंजाम दे रहा है. ऐसे में जिला पुलिस अधिकारियों की ठीकरी पहरे की पारंपरिक तरीकों की दुहाई देना कहां तक लाजमी है, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है. हमीरपुर में सामने आई दोनों चोरी की घटनाओं में संबंधित घरों में सीसीटीवी कैमरा ना होना अभी बड़ी लापरवाही माना जा रहा है. ऐसे में लोगों का सजग होना भी जरूरी है ताकि घरों में सीसीटीवी उपलब्ध होने पर पुलिस को जांच में कुछ हद तक मदद मिल सके. घर में सीसीटीवी ना होना तो लापरवाही माना जा सकता है, लेकिन ठीकरी पहरे का विकल्प भागदौड़ भरी इस जिंदगी में कितना तर्कपूर्ण और व्यावहारिक है यह सोचने का विषय है.

हमीरपुर

पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा ने बताया कि शहर में दो चोरी की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई हैं. दोनों मामलों में पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही क्षेत्र में पुलिस की गश्त को भी बढ़ाया जाएगा. होमगार्ड के जवानों को और अधिक मुस्तैदी के साथ कार्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पुराने समय में चली आ रही परंपरा ठीकरी पहरा भी एक बेहतर विकल्प है. पंचायत के प्रधान और नगर पंचायत के प्रतिनिधि भी अजनबी लोगों पर नजर रखें और संबंधित थाना में उनकी जानकारी दें ताकि पुलिस को सहयोग मिल सके. सभी लोगों का सहयोग होने पर पुलिस को चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.


गौरतलब है कि हमीरपुर शहर में पुलिस थाना से चंद किलोमीटर की दूरी पर नगर परिषद के एरिया में चोरी की 2 वारदातें वार्ड नंबर 10 और 1 में सामने आई हैं. जिले में पुलिस बल की कमी भी किसी से छुपी नहीं है. जिला पुलिस अधिकारी गश्त बढ़ाने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन इस दावे को धरातल पर लंबे समय तक लागू कर पाना भी अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है.

ये भी पढ़ें : हमीरपुर में बढ़ा क्राइम का ग्राफ, शहर में 8 दिन में दो चोरी, हिमाचल पुलिस के हाथ खाली

हमीरपुर: जिला मुख्यालय हमीरपुर में पिछले 10 दिन के भीतर हुई चोरी की दो वारदातों में अभी तक पुलिस खाली हाथ हैं. जिन घरों में चोरी हुई है उनके अगल-बगल के मकानों में जरूर सीसीटीवी कैमरा लगे हैं, लेकिन पुलिस को इनसे भी पुख्ता सबूत हाथ ना लगने के कारण अभी तक सफलता हाथ नहीं लग पाई है. वहीं, अब जिला पुलिस हमीरपुर की तरफ से गश्त बढ़ाने की दलील दी जा रही है. साथ ही पुलिस कप्तान डॉ. आकृति शर्मा ठीकरी पहरे के विकल्प पर भी विचार करने की लोगों से अपील कर रही हैं.

आशंका यह भी है कि जिले में कोई चोर गिरोह सक्रिय है जो इन वारदातों को अंजाम दे रहा है. ऐसे में जिला पुलिस अधिकारियों की ठीकरी पहरे की पारंपरिक तरीकों की दुहाई देना कहां तक लाजमी है, यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है. हमीरपुर में सामने आई दोनों चोरी की घटनाओं में संबंधित घरों में सीसीटीवी कैमरा ना होना अभी बड़ी लापरवाही माना जा रहा है. ऐसे में लोगों का सजग होना भी जरूरी है ताकि घरों में सीसीटीवी उपलब्ध होने पर पुलिस को जांच में कुछ हद तक मदद मिल सके. घर में सीसीटीवी ना होना तो लापरवाही माना जा सकता है, लेकिन ठीकरी पहरे का विकल्प भागदौड़ भरी इस जिंदगी में कितना तर्कपूर्ण और व्यावहारिक है यह सोचने का विषय है.

हमीरपुर

पुलिस अधीक्षक डॉ. आकृति शर्मा ने बताया कि शहर में दो चोरी की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में सामने आई हैं. दोनों मामलों में पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही क्षेत्र में पुलिस की गश्त को भी बढ़ाया जाएगा. होमगार्ड के जवानों को और अधिक मुस्तैदी के साथ कार्य करने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पुराने समय में चली आ रही परंपरा ठीकरी पहरा भी एक बेहतर विकल्प है. पंचायत के प्रधान और नगर पंचायत के प्रतिनिधि भी अजनबी लोगों पर नजर रखें और संबंधित थाना में उनकी जानकारी दें ताकि पुलिस को सहयोग मिल सके. सभी लोगों का सहयोग होने पर पुलिस को चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.


गौरतलब है कि हमीरपुर शहर में पुलिस थाना से चंद किलोमीटर की दूरी पर नगर परिषद के एरिया में चोरी की 2 वारदातें वार्ड नंबर 10 और 1 में सामने आई हैं. जिले में पुलिस बल की कमी भी किसी से छुपी नहीं है. जिला पुलिस अधिकारी गश्त बढ़ाने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन इस दावे को धरातल पर लंबे समय तक लागू कर पाना भी अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है.

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