सुजानपुर: एनआईटी हमीरपुर के पूर्व डायरेक्टर विनोद यादव के टर्मिनेशन के बाद तीन महीने की सैलरी दिए जाने के मामले पर सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने वित्तीय अनिमितताओं के दोषी पाए जाने के बावजूद पूर्व डायरेक्टर को सैलरी सहित टर्मिनेट किया है. ये फैसला न्याय उचित नहीं है.
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पूर्व डायरेक्टर के खिलाफ वित्तीय अनियिमतताओं की सीबीआई जांच करवाकर सरकार आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज करें. हमीरपुर एनआईटी में पिछले दो सालों से तैनात डायरेक्टर विनोद यादव के ऊपर वित्तीय अनिमितताओं के अलावा भर्ती में किए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर सरकार की ओर से बिठाई गई टीम ने प्रथम दृष्टि में दोषी करार देते हुए विनोद यादव को तीन महीने की सैलरी के साथ टर्मिनेट किया है.
विधायक राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हर घोटाले करने वाले को पैसे देकर अपना पीछा छुड़ा रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत को लूटने वाले लोगों को शरण दे रखी है और कई लोग देश से पैसा लेकर विदेशों में चले गए हैं. इसी तरह हमीरपुर एनआईटी में भी डायरेक्टर को सरकार ने तीन माह की सैलरी के साथ विदा किया है.
एनआईटी डायरेक्टर के खिलाफ विधायक राजेन्द्र राणा ने मांग करते हुए कहा कि इस मामले को सीबीआई को देना चाहिए और एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि तीन महीने की सैलरी देकर विदाई देना भी समझ से परे है.
उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले पर जनता में भी गहरा रोष है. उन्होंने कहा कि पूर्व डायरेक्टर की कारगुजारी के कारण ही हमीरपुर एनआईटी की साख पर धब्बा लगा है और रैंकिंग गिर कर 98 पहुंच गई है.