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ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं ने की पदोन्नति कोटा बढ़ाने की मांग, हमीरपुर में एसोसिएशन की हुई अहम बैठक

पदोन्नति कोटा पांच से बढ़ाकर 30 फीसदी करने को लेकर हमीरपुर में राज्य विद्युत बोर्ड ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता संघ (State Electricity Board Graduate Junior Engineer Association) की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ई. दीपक चौहान ने कहा कि सभी ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता पूरी मेहनत और ईमानदारी से कार्य करते हैं, लेकिन मैनेजमेंट के पक्षपातपूर्ण रवैये से 400 ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं में रोष व्याप्त है.

State Electricity Board Graduate Junior Engineer Association
ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की मांग.
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Published : Aug 29, 2021, 8:14 PM IST

हमीरपुर: ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं (Graduate Junior Engineer) की मांगों को लेकर राज्य विद्युत बोर्ड ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता संघ (State Electricity Board Graduate Junior Engineer Association) की महत्वपूर्ण बैठक हमीरपुर में आयोजित हुई. राज्य कार्यकारिणी की बैठक (state executive meeting) की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष ई. दीपक चौहान ने की. इसमें सभी जिलों के ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं ने भाग लिया और लंबे समय से लंबित मांगों पर चर्चा की गई.

संघ की प्रमुख मांग ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता (Graduate Junior Engineer) का पदोन्नति कोटा पांच फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने पर जोर दिया गया. इस दौरान संघ के महासचिव ई. अनिल चैहान ने बताया कि संघ पिछले चार वर्षों से लगातार बोर्ड मैनेजमेंट व सरकार के सामने इस मांग को रख रहा है. आरएंडपी रूल्स में संशोधन विद्युत बोर्ड में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की संख्या के अनुसार बराबर की मांग की गई है. महासचिव ने कहा कि अईपीएच व पीडब्लयूडी में 2014 में भर्ती ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत कर दिया गया है, जबकि विद्युत बोर्ड में 2011 से कार्यरत ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंत पदोन्नत नहीं हुए हैं.

विद्युत बोर्ड में आईटी और ईसीई के अभियंताओं को इलेक्ट्रिकल अभियंताओं से अलग श्रेणी में रखा जाए. आईटी और ईसीई के अभियंताओं को फील्ड में इलेक्ट्रिकल की पोस्ट पर तैनानी ना दी जाए साथ ही फील्ड स्टाफ की कमी को भी पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि आज भी हमारे फील्ड कर्मचारी पैदल ही लोगों की विद्युत शिकायतें ठीक करने जाते हैं. उपभोक्ताओं को कुशल सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सभी फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता दिया जाए, जिससे की विद्युत बोर्ड की शिकायत निवारण कार्यशैली में तेजी आएगी.

सभी अभियंताओं ने कहा कि जरूरी सामान की खरीद पर रोक लगे और अधिकारियों द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं को गैर जरूरी सामान स्टोरों से उठाने पर विवश न किया जाए. ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत कर डेपुटेशन पर विद्युत बोर्ड के बाकि इंजीनियर काडर की तर्ज पर भेजना, ओल्ड पेंशन लागू करना, लाइन पर दुर्घटना की एफआईआर जेई पर ना करना, 2013 के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को विद्यतु भत्ता फिर से शुरू करने की मांग की.

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कई बार मैनेजमेंट व सरकार को अपना मांगपत्र सौंपा है, लेकिन अभी तक किसी भी बिंदु को अमल में लाने में मैनेजमेंट विफल रही है. सभी ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता पूरी मेहनत एवं लग्न से अपने कार्य को अंजाम देते हैं. मैनेजमेंट के पक्षपातपूर्ण रवैये से 400 ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं में रोष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से आग्रह करता है कि विद्युत बोर्ड में ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं के साथ हो रहे अन्याय का संज्ञान लें और आईपीएच व पीडब्लयूडी की तर्ज पर उन्हें भी लाभ प्रदान करें.

ये भी पढ़ें: दियोटसिद्ध के चढ़ावे में गड़बड़! खंगाला सोने-चांदी का रिकॉर्ड, ट्रस्ट का क्लर्क सस्पेंड

हमीरपुर: ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं (Graduate Junior Engineer) की मांगों को लेकर राज्य विद्युत बोर्ड ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता संघ (State Electricity Board Graduate Junior Engineer Association) की महत्वपूर्ण बैठक हमीरपुर में आयोजित हुई. राज्य कार्यकारिणी की बैठक (state executive meeting) की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष ई. दीपक चौहान ने की. इसमें सभी जिलों के ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं ने भाग लिया और लंबे समय से लंबित मांगों पर चर्चा की गई.

संघ की प्रमुख मांग ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता (Graduate Junior Engineer) का पदोन्नति कोटा पांच फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने पर जोर दिया गया. इस दौरान संघ के महासचिव ई. अनिल चैहान ने बताया कि संघ पिछले चार वर्षों से लगातार बोर्ड मैनेजमेंट व सरकार के सामने इस मांग को रख रहा है. आरएंडपी रूल्स में संशोधन विद्युत बोर्ड में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं की संख्या के अनुसार बराबर की मांग की गई है. महासचिव ने कहा कि अईपीएच व पीडब्लयूडी में 2014 में भर्ती ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत कर दिया गया है, जबकि विद्युत बोर्ड में 2011 से कार्यरत ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंत पदोन्नत नहीं हुए हैं.

विद्युत बोर्ड में आईटी और ईसीई के अभियंताओं को इलेक्ट्रिकल अभियंताओं से अलग श्रेणी में रखा जाए. आईटी और ईसीई के अभियंताओं को फील्ड में इलेक्ट्रिकल की पोस्ट पर तैनानी ना दी जाए साथ ही फील्ड स्टाफ की कमी को भी पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि आज भी हमारे फील्ड कर्मचारी पैदल ही लोगों की विद्युत शिकायतें ठीक करने जाते हैं. उपभोक्ताओं को कुशल सेवा उपलब्ध करवाने के लिए सभी फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता दिया जाए, जिससे की विद्युत बोर्ड की शिकायत निवारण कार्यशैली में तेजी आएगी.

सभी अभियंताओं ने कहा कि जरूरी सामान की खरीद पर रोक लगे और अधिकारियों द्वारा कनिष्ठ अभियंताओं को गैर जरूरी सामान स्टोरों से उठाने पर विवश न किया जाए. ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं को पदोन्नत कर डेपुटेशन पर विद्युत बोर्ड के बाकि इंजीनियर काडर की तर्ज पर भेजना, ओल्ड पेंशन लागू करना, लाइन पर दुर्घटना की एफआईआर जेई पर ना करना, 2013 के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को विद्यतु भत्ता फिर से शुरू करने की मांग की.

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने कई बार मैनेजमेंट व सरकार को अपना मांगपत्र सौंपा है, लेकिन अभी तक किसी भी बिंदु को अमल में लाने में मैनेजमेंट विफल रही है. सभी ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंता पूरी मेहनत एवं लग्न से अपने कार्य को अंजाम देते हैं. मैनेजमेंट के पक्षपातपूर्ण रवैये से 400 ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं में रोष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से आग्रह करता है कि विद्युत बोर्ड में ग्रेजुएट कनिष्ठ अभियंताओं के साथ हो रहे अन्याय का संज्ञान लें और आईपीएच व पीडब्लयूडी की तर्ज पर उन्हें भी लाभ प्रदान करें.

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