हमीरपुर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के मैथेमेटिकल एंड सांइटिफिक कंप्यूटरिंग विभाग ने बुधवार को मैटलैब एप्लीकेशन के इंजीनियरिंग और विज्ञान में अनुप्रयोग पर एक शॉर्ट टर्म कोर्स (short term course in NIT Hamirpur) शुरू किया. एक सप्ताह तक चलने वाली इस कार्यशाला में डॉ. सुबित कुमार जैन ने उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी, विशिष्ट अतिथि डॉ. दीपक कुमार गिरि आईआईटी कानपुर के रजिस्ट्रार, डीन और संकाय सदस्यों का स्वागत किया.
एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने कहा कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देगी और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए एक्सपर्ट बनाएगी. इस कार्यशाला में विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और उद्योगों जैसे मैथवक्र्स इंक आदि के विशेषज्ञ इंजीनियरिंग और साईंस की विभिन्न धाराओं में मैटलैब प्रोग्रामिंग और इसके टूलबॉक्स के क्षेत्रों में विभिन्न विषयों पर वार्तालाप करेंगे.
प्रो. अवस्थी ने यह भी कहा कि एनआईटी हमीरपुर ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत बीटेक में मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट जैसे विकल्पों को लागू किया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना की जाएगी, ताकि छात्र अर्जित क्रेडिट का लाभ उठा सकें और बीटेक प्रोग्राम में मेजर और माइनर की अवधारणाओं के साथ विशेषज्ञता शुरू की जाएगी.
उन्होंने जोर दिया कि इंजीनियरिंग, साईंस और विज्ञान और मानविकी (ह्यूमानिटीस) में और अधिक पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ संस्थान को एक बहुआयामी अनुसंधान संस्थान बनाने के लिए विस्तारित किया जाएगा. संस्थान लेक्सिबल करिकुलम स्ट्रक्चर (short term course on mathlab) शुरू करने जा रहा है जहां छात्रों के पास पाठ्यक्रमों के लिए अधिक विकल्प हैं. छात्रों को ऑनलाइन मोड में एसडब्ल्यूएएम, एनपीटीईएल और अन्य संस्थानों से क्रेडिट अर्जित करने की स्वतंत्रता दी जाएगी.
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रमेश कुमार वत्स ने कार्यशाला की जानकारी साझा की. गणित और वैज्ञानिक कंप्यूटिंग विभाग के प्रमुख डॉ. पवन कुमार शर्मा ने भी प्रतिभागियों का स्वागत किया और उन्हें विभाग के बारे में अवगत कराया. विभागाध्यक्ष ने विभाग में चल रही विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों और विभाग की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी. बताया गया कि वर्तमान में विभाग द्वारा बीटेक, एमएससी और पीएचडी पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं और नियमित रूप से कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है.
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