हमीरपुर: जिला हमीरपुर में स्क्रब टाइफस और डेंगू के अचानक मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में अलग से वार्ड स्थापित कर दिया गया है. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में पिछले कुछ दिनों से 6 से अधिक मामले सामने आए हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन मामलों से निपटने के लिए अलग से वार्ड भी बना लिया है तथा अलग से स्टाफ की नियुक्ति भी की है.
हमीरपुर जिला में जितने भी मामले सामने आए हैं, वे सब बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र से आए हैं. मामले सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की भी अपील की है.
मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि इस तरह के मामले बरसात के बाद सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में इस समय स्क्रब टाइफस के 6 और 4 डेंगू के मरीज आए हैं. हमीरपुर जिला में जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर बाहरी राज्यों पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र से आए हैं. डॉ. रमेश ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे खेतों में काम करते समय खुद को ढंक कर रखें तथा डेंगू से बचने के लिए अपने आस-पास मच्छरों को पनपने न दें. कही पर भी गंदा पानी जमा न होने दें.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले भी लगातार हमीरपुर जिला में बढ़ते जा रहे हैं. वहीं, अब स्क्रब टाइफस के छह मामले अचानक से सामने आने पर जिला स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद हो गया है. इसके अलावा डेंगू के भी मामले सामने आए हैं. हालांकि यह सभी लोग जिला में बाहरी राज्यों में अथवा अन्य जिलों से आए थे. जिला में कोरोना का ग्राफ पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहा है.
ऐसे फैलता है स्क्रब टाइफस: स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों और घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है. चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को चाहिए कि इन दिनों झाड़ियों से दूर रहें, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है. इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टाइफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा रहती है. लोगों को जैसे ही कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
स्क्रब टाइफस के लक्षण: स्क्रब टाइफस होने पर मरीज को तेज बुखार की शिकायत होती है. 104 से 105 तक बुखार संभव है. जोड़ों में दर्द और कंपकपी ठंड के साथ बुखार शरीर में ऐंठन अकड़न या शरीर का टूटा हुआ लगना. अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजू, कमर के नीचे गिल्टी/गांठ होना आदि इसके लक्षण है.
स्क्रब टाइफस से बचने के उपाय: सफाई का विशेष ध्यान रखें. घर और आसपास के वातावरण को साफ रखें. घर और आसपास कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. मरीजों को डॉक्सीसाइक्लिन और एजिथ्रोमाइसिन दवा दी जाती है. स्क्रब टाइफस शुरुआत में आम बुखार की तरह होता है, लेकिन यह सीधे किडनी और लीवर पर अटैक करता है. यही कारण है कि मरीजों की मौत हो जाती है.
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