हमीरपुर: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध (Russia Ukraine war) के दौरान कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंसे (Indian students stranded in Ukraine) हुए हैं. ऐसे में भारत सरकार और निजी प्रयासों से छात्र वापस अपने देश लौट रहे हैं. इन्हीं में शामिल है हिमाचल के हमीरपुर जिले के चुनहाल गांव की अंकिता (Hamirpur student ankita). बेटी के सकुशल घर लौटने पर परिजनों ने सीएम जयराम ठाकुर और पीएम नरेंद्र मोदी का खास अंदाज में आभार व्यक्त किया है.
अंकिता रविवार देर शाम ही एचआरटीसी की वॉल्वो बस से हमीरपुर बस स्टैंड पहुंची. बेटी के लौटने पर सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए अंकिता के पिता डॉ. जेबी ठाकुर ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 21हजार और मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 हजार रुपये का चेक भेजा है. डॉ. जेबी सिंह आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र झलेड़ी में बतौर चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं और उनकी माता अनीता देवी गृहिणी हैं.
अमरोह के साथ लगते गांव चुनहाल की अंकिता ठाकुर यूक्रेन चेरनिबिटीसी शहर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए 2021 में गई थी. युद्ध के हालात बनने के बाद भारतीय दूतावास की मदद से वह चेरनिबिटीसी शहर से रोमानिया के लिए निकली. रोमानिया बॉर्डर से लगभग 6 किमी पीछे उन्हें बस से उतार दिया गया. वहां से भारतीय मेडिकल स्टूडेंट और यूक्रेन के नागरिकों के साथ पैदल सफर कर रोमानिया तक पहुंची. यहां से बस के माध्यम से लगभग 7 घंटे का सफर कर वह बुचररेस्ट एयरपोर्ट तक पहुंची.
अंकिता ठाकुर का कहना है कि रविवार सुबह तीन बजे वह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची. यहां पर हिमाचल भवन में उनको नाश्ता करवाया गया. इसके बाद एचआरटीसी की वॉल्वो बस के जरिए वह हमीरपुर पहुंची. अंकिता का कहना है कि उनका ना तो फ्लाइट का कोई पैसा लगा है और ना ही बस का किराया. हमीरपुर तक वह नि:शुल्क पहुंची हैं. उन्हें भारतीय दूतावास की तरफ से काफी मदद मिली है, जिसके लिए वह सरकार के आभारी हैं.
लांच किया गया 'ऑपरेशन गंगा'- भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत यूक्रेन से अब तक 2400 भारतीयों को निकाला है. इसमें करीब 14000 भारतीय नागरिक रोमानिया और हंगरी के रास्ते बाहर आ चुके हैं और 1000 अन्य लोगों को सड़क मार्ग से यूक्रेन से बाहर निकाला गया है. वहीं, विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे में भारतीयों की मदद के लिए ट्विटर पर OpGanga Helpline नाम से अकाउंट बनाया है, जिसके जरिए लोग मदद हासिल कर सकते हैं. सोमवार को 6ठी उड़ान 249 लोगों को लेकर दिल्ली पहुंची.
कुल 6 उड़ानें भारत पहुंचीं- भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि शुरुआती सलाह के बाद से 8000 से अधिक भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं. भारत में अब तक 6 निकासी उड़ानें भारत पहुंच चुकी हैं. इनमें बुखारेस्ट से 4 उड़ानें और बुडापेस्टो से 2 उड़ानें शामिल हैं. प्रवक्ता ने कहा कि निकासी के प्रयास जारी हैं. जमीन पर स्थिति जटिल बनी हुई है, उनमें से कुछ काफी चिंताजनक हैं, लेकिन हम निकासी प्रक्रिया में तेजी लाने में सक्षम हैं. प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास मोल्दोवा के माध्यम से एक नया मार्ग है, यह अब चालू हो चुका है, हमारी टीम सहायता कर रही है और वे रोमानिया के रास्ते भारतीयों को निकालने में मदद करेंगे.
सीमा चौकियों तक पहुंचने की समस्या- रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने का सोमवार को पांचवां दिन है. इस दौरान भारतीयों के सामने सबसे बड़ी समस्या यूक्रेन से लगे अन्य देशों की सीमाओं तक पहुंचना है, जहां से भारतीय उड़ानें संचालित की जा रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया और यूक्रेन-हंगरी सीमा पर पहुंच रहे हैं, उन्हें भारत सरकार के अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से क्रमश: बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया जा रहा ताकि उन्हें एयर इंडिया की उड़ान के जरिए स्वदेश लाया जा सके. भारतीय छात्रों व अन्य प्रोफेशनल्स के सामने यही समस्या है कि यह सीमा चौकियां उनके रहने वाली जगहों से 500 से लेकर 1000 किलोमीटर दूर हैं. जहां तक बसों से सफर करना पड़ रहा है, जिसमें 8 से 15 घंटे लग रहा है. हालांकि अब ट्रेनों की व्यवस्था करने की घोषणा की गई है.
खाने-पीने की भी समस्या- यूक्रेन में एयर स्ट्राइक होने के बाद अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है. यूक्रेन के सुपर मार्केट में लोगों ने दाल, आटा सब कुछ खरीद लिया है. कई भारतीय छात्रों ने बताया कि जब वे स्टोर पहुंचे तो सब कुछ बिक चुका था. ऐसे में खाने के लिए सिर्फ मैगी, फल, ब्रेड या फिर जूस आदि खरीदना पड़ा. यह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है जिससे समस्या बढ़ गई है. पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं जो चिंता का प्रमुख कारण है. कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है लेकिन वह भी काफी सीमित मात्रा और सीमित जगहों पर ही उपलब्ध है.
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