हमीरपुर: जिला कांग्रेस हमीरपुर की बैठक में हंगामे और हाथापाई (dispute in hamirpur congress meeting ) से जिला में चुनावी साल में सियासी पारा चढ़ गया है. इस मसले में कांग्रेस और भाजपा नेता आमने सामने आ गए है. स्थानीय भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर ने इस घटना के बाद कांग्रेस नेताओं को तंज कसा है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी को कुश्ती का अखाड़ा करार दे दिया है. भाजपा विधायक के इस बयान के बाद हमीरपुर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र जार ने भी प्रतिक्रिया दी है.
राजेंद्र जार ने कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है और परिवार को मनमुटाव चलते रहते हैं, लेकिन भाजपा के संस्कार कांग्रेस में नहीं है. भाजपा में तो वरिष्ठ नेताओं के मुंह पर थूकने तक की घटनाएं पूर्व में सामने आ चुकी हैं. ऐसे में भाजपाई कम से कम कांग्रेस को नसीहत न दें. जार ने पलटवार करते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरे के मकानों पर पत्थर नहीं उछाला करते हैं और भाजपा नेताओं को भी यह ध्यान में रखना चाहिए.
क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि बीते बुधवार को जिला मुख्यालय हमीरपुर में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक को हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं बड़सर विधायक इंद्रदत लखनपाल संबोधित कर रहे थे. उनके संबोधन के दौरान पार्टी का एक पदाधिकारी भड़क उठा और यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में नौबत हाथापाई तक पहुंच गई. वहीं, अब इस घटनाक्रम पर जिला में राजनीति शुरू हो गई है. दोनों की दलों की नेताओं की तरफ से इस मामले पर बयान सामने आ रहे हैं. चुनावों से ठीक पहले इस घटना से जिले में सियासी पारा भी चढ़ गया है.
'जहां कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं वहां जनता को क्या इज्जत मिलेगी': विधायक नरेंद्र ठाकुर (MLA Narendra Thakur on Congress Dispute) ने इस घटनाक्रम पर बाकायदा प्रेस नोट जारी कर प्रतिक्रिया दी है. घटना के बहाने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अब पार्टी न रहकर कुश्ती का अखाड़ा बन गई है. घटनाक्रम के बहाने उन्होंने गुटबाजी के मामले पर पार्टी की प्रदेशाध्यक्षा प्रतिभा सिंह और चुनाव प्रचार समिति अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू (Himachal Congress election campaign committee president Sukhwinder Singh Sukhu) पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नादौन प्रवास के दौरान सुखविंदर सुक्खू का नदारद रहना भी पार्टी के बीच की अंतर्कलह को दर्शाता है.
ऐसे में कांग्रेस पार्टी प्रदेश की कमान संभालने के लिए अभी पूर्णतः परिपक्व नहीं हैं. देश के इतने पुराने राजनीतिक दल की जिलास्तरीय बैठक में इस प्रकार से हंगामा होना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और कांग्रेस पार्टी के खोखलेपन को दर्शाता है. पार्टी के एक विधायक द्वारा अपने ही कार्यकर्ताओं के प्रति प्रकार की अभद्र भाषा और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग होना साफ दर्शाता है कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के आत्मसम्मान के प्रति बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है. जिस पार्टी के नेता अपने कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं दे सकते वो जनता को क्या इज्जत देंगे.
'भाजपा के नेता न दें नसीहत': हमीरपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र जार (Hamirpur Congress Committee President Rajendra Jar) ने कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है. परिवार में मनमुटाव चलते रहते हैं और मामले में दोनों पक्षों को बिठाकर विवाद को संगठन सुलझा लेगा. भाजपा के नेता कांग्रेस (Rajendra Jar attacks on BJP) को नसीहत न दें. भाजपा में वरिष्ठ नेताओं तक का सम्मान नहीं होता. पूर्व में भाजपा में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं कि वरिष्ठ नेताओं के मुंह पर सरेआम थूका तक गया है. भाजपा में गुटबाजी इस कदर हावी है कि नेता एक दूसरे का चेहरा तक देखना नहीं चाहते हैं. कांग्रेस संगठन अपने पार्टी के मसलों को संभालने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि बैठक में हंगामे की लिखित रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को जल्द भेजी जाएगी.
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