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यहां महीनों से आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं मिल रही सैलरी, DC को सौंपा ज्ञापन

नादौन और धनेटा में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को 6 माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उनकी परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2017 को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी/गाइडलाइन की अधिसूचना जारी की गई है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई पॉलिसी को नजरअंदाज किया जा रहा है.

employees submitted memorandum to DC Hamirpur
नादौन और धनेटा में आउटसोर्स कर्मचारियों को नहीं मिल रही सैलरी
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Published : Nov 1, 2021, 6:23 PM IST

हमीरपुर: जल शक्ति विभाग नादौन और धनेटा में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को 6 माह से वेतन का भुगतान नहीं उनके सामने अपने परिवार का भरण पोषण कर पाना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. महीनों से वेतन की अदायगी ना होने पर सोमवार के दिन आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक को शिकायत पत्र सौंपा. जिसमें साफ कहा गया है कि इन्हें 6 महीनों से वेतन की अदायगी नहीं की गई है.

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा की अध्यक्षता में शिकायत पत्र उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा गया. इस दौरान कई आउट सोर्स कर्मचारी भी मौजूद रहे. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि ठेकेदार के माध्यम से इन्हें 10 महीने कार्य करने के उपरांत पांच से छह महीने का वेतन दिया जाता है. इन्हें मात्र 6000 मासिक वेतन पर रखा गया है जो कि इन्हें समय पर नहीं मिल रहा. इनका कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से इन्हें वेतन नहीं दिया जाता.

आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2017 को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी/गाइडलाइन की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से हर महीने की तय तारीख तक बैंक खातों के माध्यम से वेतन अदायगी करना, नियमानुसार ईपीएफ, ईएसआई फंड की कटौती करना अनिवार्य है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई पॉलिसी/गाइडलाइंस को नजरअंदाज किया जा रहा है. संबंधित ठेकेदारों द्वारा न्यूगतम दरों के हिसाब से न वेतन अदायगी की जाती है और न ही बैंक खातों के माध्यम से. ईपीएफ, ईएसआई फंड का तो खाता तक नहीं खोला गया है. उन्होंने कहा कि वेतन की मांग करने पर काम से निकालने की धमकी दी जाती है.

कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से इन्हें वेतन नहीं दिया जाता. प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2017 को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी/ गाइडलाइन की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से हर महीने की तय तारीख तक बैंक खातों के माध्यम से वेतन अदायगी करना, नियमानुसार ईपीएफ, ईएसआई फंड की कटौती करना अनिवार्य है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई पॉलिसी को नजरअंदाज किया जा रहा है.

हमीरपुर: जल शक्ति विभाग नादौन और धनेटा में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को 6 माह से वेतन का भुगतान नहीं उनके सामने अपने परिवार का भरण पोषण कर पाना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. महीनों से वेतन की अदायगी ना होने पर सोमवार के दिन आउटसोर्स कर्मचारियों ने उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक को शिकायत पत्र सौंपा. जिसमें साफ कहा गया है कि इन्हें 6 महीनों से वेतन की अदायगी नहीं की गई है.

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा की अध्यक्षता में शिकायत पत्र उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा गया. इस दौरान कई आउट सोर्स कर्मचारी भी मौजूद रहे. आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि ठेकेदार के माध्यम से इन्हें 10 महीने कार्य करने के उपरांत पांच से छह महीने का वेतन दिया जाता है. इन्हें मात्र 6000 मासिक वेतन पर रखा गया है जो कि इन्हें समय पर नहीं मिल रहा. इनका कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से इन्हें वेतन नहीं दिया जाता.

आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2017 को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी/गाइडलाइन की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से हर महीने की तय तारीख तक बैंक खातों के माध्यम से वेतन अदायगी करना, नियमानुसार ईपीएफ, ईएसआई फंड की कटौती करना अनिवार्य है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई पॉलिसी/गाइडलाइंस को नजरअंदाज किया जा रहा है. संबंधित ठेकेदारों द्वारा न्यूगतम दरों के हिसाब से न वेतन अदायगी की जाती है और न ही बैंक खातों के माध्यम से. ईपीएफ, ईएसआई फंड का तो खाता तक नहीं खोला गया है. उन्होंने कहा कि वेतन की मांग करने पर काम से निकालने की धमकी दी जाती है.

कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से इन्हें वेतन नहीं दिया जाता. प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2017 को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी/ गाइडलाइन की अधिसूचना जारी की गई है, जिसके मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम दरों के हिसाब से हर महीने की तय तारीख तक बैंक खातों के माध्यम से वेतन अदायगी करना, नियमानुसार ईपीएफ, ईएसआई फंड की कटौती करना अनिवार्य है, लेकिन सरकार द्वारा जारी की गई पॉलिसी को नजरअंदाज किया जा रहा है.

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