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अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतों के बाद लोकमित्र केंद्र संचालक आए सामने, डीसी को सौंपा ज्ञापन

हमीरपुर में लोकमित्र केंद्र के संचालकों ने उपायुक्त को सौंपा. इस दौरान लोक मित्र केंद्र संचालकों ने यह तर्क दिया कि जो शुल्क सरकार की तरफ से तय किए गए वह इतने कम हैं.

हमीरपुर
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Published : Sep 14, 2021, 8:08 PM IST

हमीरपुर: जिले के लोकमित्र केंद्र संचालकों ने हिमाचल ऑनलाइन सेवा के प्रमाण पत्रों के लिए तय किए गए शुल्क में बढ़ोतरी करने और साइबर कैफे संचालकों पर भी समान नियम लागू करने की मांग की. इस सिलसिले में लोकमित्र केंद्र संचालकों ने मंगलवार को डीसी हमीरपुर को ज्ञापन भी सौंपा.

इसमें ज्ञापन के माध्यम से लोकमित्र केंद्र संचालकों ने यह तर्क दिया कि जो शुल्क सरकार की तरफ से तय किए गए हैं वह इतने कम हैं कि यदि उनके हिसाब से कार्य किया जाए तो लोकमित्र केंद्र संचालकों की दिहाड़ी 200 रुपये भी नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि फॉर्म पर महज 6 रुपये की बचत उनको हो रही है, जबकि उनका अधिक समय इस कार्य के लिए लग रहा है.

लोकमित्र केंद्र संचालक प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से जो शुल्क तय किए गए हैं वह नाकाफी हैं. जिसकी वजह से उनका अधिक समय हर कार्य के लिए लग रहा है, लेकिन उस हिसाब से उन्हें कमाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि उनका लोकमित्र केंद्र संचालन के लिए खर्च अधिक आ रहा है, लेकिन कमाई कम हो रही है.

उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे नियम और नीति बनाने की मांग की जिससे उनको भी राहत मिल सके. बता दें कि कुछ दिनों से जिला प्रशासन को लोक मित्र केंद्र संचालकों द्वारा विभिन्न कार्यों के अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें मिली थी. जिसके बाद अब लोक मित्र केंद्र के संचालक अपना पक्ष रखने के लिए मीडिया के सामने आए और जिला प्रशासन को भी इस विषय पर राहत देने की मांग उठाई.

ये भी पढ़ें :हिमाचल में तीन कृषि कानून से अधिक बंदर और जंगली जानवरों ने किसानों की नाक में किया है दम

हमीरपुर: जिले के लोकमित्र केंद्र संचालकों ने हिमाचल ऑनलाइन सेवा के प्रमाण पत्रों के लिए तय किए गए शुल्क में बढ़ोतरी करने और साइबर कैफे संचालकों पर भी समान नियम लागू करने की मांग की. इस सिलसिले में लोकमित्र केंद्र संचालकों ने मंगलवार को डीसी हमीरपुर को ज्ञापन भी सौंपा.

इसमें ज्ञापन के माध्यम से लोकमित्र केंद्र संचालकों ने यह तर्क दिया कि जो शुल्क सरकार की तरफ से तय किए गए हैं वह इतने कम हैं कि यदि उनके हिसाब से कार्य किया जाए तो लोकमित्र केंद्र संचालकों की दिहाड़ी 200 रुपये भी नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि फॉर्म पर महज 6 रुपये की बचत उनको हो रही है, जबकि उनका अधिक समय इस कार्य के लिए लग रहा है.

लोकमित्र केंद्र संचालक प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार की तरफ से जो शुल्क तय किए गए हैं वह नाकाफी हैं. जिसकी वजह से उनका अधिक समय हर कार्य के लिए लग रहा है, लेकिन उस हिसाब से उन्हें कमाई नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि उनका लोकमित्र केंद्र संचालन के लिए खर्च अधिक आ रहा है, लेकिन कमाई कम हो रही है.

उन्होंने प्रदेश सरकार से ऐसे नियम और नीति बनाने की मांग की जिससे उनको भी राहत मिल सके. बता दें कि कुछ दिनों से जिला प्रशासन को लोक मित्र केंद्र संचालकों द्वारा विभिन्न कार्यों के अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें मिली थी. जिसके बाद अब लोक मित्र केंद्र के संचालक अपना पक्ष रखने के लिए मीडिया के सामने आए और जिला प्रशासन को भी इस विषय पर राहत देने की मांग उठाई.

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