हमीरपुर: हिमाचल के हमीरपुर जिले में लंपी वायरस का कहर जारी है. जिले में लंपी वायरस के 2713 मामले सामने आ चुके हैं और इनमें से 143 पशुओं की मौत हो चुकी है. जिले में अभी तक 1964 पशु इस बीमारी से रिकवर हो चुके हैं. जिले में इस बीमारी से पशुओं को बचाने के लिए वैक्सीनेशन का कार्य लगातार जारी है और सैकड़ों पशुओं को वैक्सीनेशन की जा चुकी है. पशुपालन विभाग हमीरपुर (Animal Husbandry Department Hamirpur) का दावा है कि पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है और वैक्सीनेशन का कार्य युद्ध स्तर पर जारी (Lampy virus vaccination in hamirpur) है.
पशुपालन विभाग के विशेषज्ञ की मानें तो पशुपालकों को पशु को इस बीमारी से बचाने के लिए एक पशु का खाया हुआ घास दूसरे पशु को नहीं देना होगा. उन्होंने कहा कि पशुओं को खुला न छोड़ें और जो पशु बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अन्य पशुओं से दूर रखें. उन्होंने कहा कि यह वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने से होता है. अगर कोई भी पशु लंपी वायरस से ग्रसित होता है तो पशुपालक विभाग से तुरंत संपर्क करें ताकि पशु का समय पर उपचार शुरू हो (Lampy virus in hamirpur) सके.
आपकों बता दें कि प्रदेश में हजारों पशु इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. सैकड़ों पशुओं की इस बीमारी से मौत हो गई. बेसहारा पशु भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इन पशुओं का आकड़ा विभाग के पास भी मौजूद नहीं है. पशुपालन विभाग हमीरपुर के उप निदेशक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि लंपी वायरस से संक्रमित पशुओं के रखरखाव के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उनके इलाज के लिए विभाग द्वारा पूरी सतर्कता के साथ काम किया जा रहा (Lampy virus in himachal) है.
उन्होंने कहा कि अभी तक लंपी वायरस की चपेट में 2713 पशु आ चुके हैं. जिले में बीमारी के कारण 143 पशुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 1964 पशुओं को वायरस से बचा लिया गया है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार और हिमाचल सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइन जारी की गई है, उनके अनुसार पशुओं की देखरेख व उपचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रोजाना कितने पशु वायरस से ग्रसित हो रहे हैं और कितने की मृत्यु और कितने रिकवर हो रहे हैं विभाग द्वारा उनका डाटा तैयार किया जा रहा है.
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