हमीरपुर: चर्चित पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी तक पेपर बेचने वाले मास्टरमाइंड आरोपी एसआईटी की पहुंच से बाहर हैं. एसआईटी की अभी तक की कारगुजारी के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर देश के किसी भी कोने में आरोपियों को खोद-खोद कर निकालने का दम भर रहे हैं. कई दिनों की जांच के बावजूद इस मामले में पेपर के खरीददार और दलाल तक एसआईटी पहुंच पाई है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या एसआईटी का गठन सिर्फ खरीददार और छिटपुट दलालों को पकड़ने का ही है?
मुख्यमंत्री इस मामले में विभिन्न राज्यों (HP Constable Recruitment Paper Leak) का नाम लेकर खोद-खोद कर आरोपियों को पकड़ने का दम भर रहे हैं तो क्या एक खुदाई उस पुलिस मुख्यालय में जरूरी नहीं है जहां से यह पेपर लीक हुआ. क्या सिस्टम में लीकेज के बिना यह संभव है कि पुलिस भर्ती का पेपर भी चोरी हो जाए. पेपर लीक मामले में डीआईजी मधुसूदन की अगुवाई में गठित एसआईटी की अभी तक की कारगुजारी के विपरीत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का दावा है कि आरोपी चाहे देश के किसी भी कोने में छुपे हैं, उन्हें खोदकर भी निकाला जाएगा.
सोमवार को भोरंज विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur reached Bhoranj) से जब इस सिलसिले में सवाल किया गया उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें जैसे ही रात साढ़े ग्यारह बजे पेपर लीक होने की सूचना मिली, उसी समय प्राथमिकी दर्ज की गई और सुबह ही उन्होंने पेपर रद्द करने के आदेश दे दिए. उन्होंने कहा कि जांच जारी है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. दोषियों को देश के किसी भी कोने से ढूंढ कर पकड़ा जाएगा.
वहीं, कांग्रेस पार्टी के इस मामले को आगामी विधानसभा चुनावों में मुद्दा बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्ष इस तरह की बातें करने की कोशिश करेगा. लेकिन इस मामले (CM Jairam on Paper Leak Case) में त्वरित कार्रवाई सरकार की तरफ से की गई है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के तमाम दावों के विपरीत अगर अब तक की पुलिस जांच और एसआईटी की कारगुजारी देखा जाए तो इस हाईप्रोफाइल मामले में उम्मीद के मुताबिक नतीजे अभी तक सामने नहीं आए हैं. विभिन्न जिलों में पुलिस की जांच आगे तो बढ़ रही है और अभ्यर्थियों से लगातार पूछताछ की जा रही है, लेकिन अभी तक इस पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं आरोपी कहीं भी छुपे हों खोदकर निकाल लेंगे. लेकिन देश के अलग-अलग कोनों में छानबीन के बजाय पुलिस मुख्यालय की ओर कोई गौर नहीं किया जा रहा है. क्या यह जरूरी नहीं की पेपर लीक के साथ ही उस सिस्टम लीकेज की भी जांच हो और पता बताया जाए कि आखिर कैसे पुलिस अपने ही भर्ती के पेपर को सुरक्षित नहीं रख पाई. आखिर क्यों पुलिस मुख्यालय में सिस्टम लीक हो गया?
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