हमीरपुर: हिमाचल तकनीकी यूनिवर्सिटी में आउट सोर्स आधार पर की गई नियुक्तियों के मामले में अब शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा ने जांच के आदेश जारी किए हैं. जांच का जिम्मा तकनीकी शिक्षा निदेशक विवेक चंदेल को सौंपा गया हैं. हाल ही में आउटसोर्स आधार पर सात अलग-अलग तरह की नियुक्तियां विश्वविद्यालय में की गई है.
हालांकि अभी तक नियुक्त किए गए किसी भी सदस्य की जॉइनिंग (HPTU appointment case) विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं ली है. इन नियुक्तियों के मामले में भाई भतीजावाद के आरोप लगे हैं तथा तकनीकी विश्वविद्यालय के एक अधिकारी के बेटे की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे हैं. कारण साफ है कि यह नियुक्तियां आउट सोर्स स्तर पर हुई हैं और महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है वही यूनिवर्सिटी के कामकाज पर सवाल उठाने लगी है.
ऐसी नियुक्तियां इसीलिए सवालों के घेरे में हैं: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन यानी नायलेट के द्वारा तकनीकी विश्वविद्यालय प्रशासन को नियुक्ति पत्र भेजा गया है, उसमें कुछ ऐसे भी उम्मीदवार हैं, जो पहले भी इस यूनिवर्सिटी में कार्यरत रहे हैं.
किन किन पदों पर हुई नियुक्तियां?: नायलेट ने जिन 7 पदों के लिए ज्वाइनिंग का पत्र भेजा है, उनमें इंचार्ज डाटा सेंटर, इंचार्ज डाटा ऑपरेटर सेंटर और इंचार्ज वेब स्टूडियो के अलावा टेक्निकल असिस्टेंट डाटा ऑपरेटर, टेक्निकल असिस्टेंट आरपी सेंटर, टेक्निकल असिस्टेंट वेब स्टूडियो और कैमरामैन के पदों को भरने के लिए एक सांझा अप्वाइंटमेंट लेटर जारी किया है.
दरअसल में टेक्निकल यूनिवर्सिटी में इससे पहले भी कई अप्वाइंटमेंट्स हुई हैं उनमें भी रसूखदार लोगों की भर्ती हुई है हालांकि तब प्रक्रिया जिस तरीके से यूनिवर्सिटी ने अपनाई थी उसके तहत सवाल तो उठे थे, लेकिन वह तरीका अलग तरह का था और कानूनी तौर पर उसकी वैधता थी भले ही उसमें कई पदों पर असरदार लोगों ने अपनों को तैनाती दिलवाई थी. मगर इस बार कि यह अप्वाइंटमेंट्स किसी के गले नहीं उतर रही हैं कई लोग पहले टेकक्यूप प्रोग्राम में भी कार्यरत रहे हैं.
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