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चुनाव लड़ने से धूमल का इंकार या फिर हुए दरकिनार! संशय बरकरार - Dhumal will not contest elections

धूमल समर्थकों को दिल्ली से खबर मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे. भाजपा इलेक्शन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिये जाने की बात सामने आ रही है. भाजपा की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर मीडिया में कोई बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन पार्टी सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि अब माइनस धूमल ही भाजपा हिमाचल में चुनाव में उतरेगी.

Himachal Pradesh Assembly Election 2022
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (फाइल फोटो).
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Published : Oct 18, 2022, 5:00 PM IST

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चुनाव लड़ने को लेकर दिल्ली से अटकल बाजी का दौर लगातार जारी है. धूमल समर्थकों को दिल्ली से यह खबर मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे. भाजपा इलेक्शन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिये जाने की बात सामने आ रही है. भाजपा की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर मीडिया में कोई बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन पार्टी सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि अब माइनस धूमल ही भाजपा हिमाचल में चुनाव में उतरेगी.

ऐसे में हिमाचल के सियासी फिजाओं में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या धूमल ने चुनाव लड़ने से इनकार किया या फिर उन्हें चुनावी राजनीति से दरकिनार किया गया. चुनावी बेला में हिमाचल में अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन संशय बरकरार है. सुजानपुर से धूमल नहीं तो कौन यह सवाल भी रह रह कर पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में उठ रहा है. यह भी तय नहीं हो पाया है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे या फिर नहीं.

धूमल के चुनाव न लड़ने की खबरों में कितनी सच्चाई है इसे लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर भाजपा के तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है लेकिन उनके चुनाव ना लड़ने की खबरों का खंडन भी कोई नहीं कर रहा है. पार्टी सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है एक की एक परिवार से एक टिकट की शर्त पर भाजपा इलेक्शन कमेटी के बैठक में चर्चा हुई है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या धूमल फैक्टर प्रदेश की राजनीति में हाईकमान के नजर में प्रभावी नहीं है.

बुधवार को हमीरपुर लौट सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री: पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बुधवार को हमीरपुर लौट आएंगे. इलेक्शन कमेटी की बैठक में चुनाव लड़ने को लेकर निर्णय आ चुका है लेकिन अब अंतिम मोहर पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में ही लगेगी. बताया जा रहा है कि पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद ही धूमल दिल्ली से हमीरपुर के लिए रवाना होंगे. फिलहाल चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि अब भाजपा ने माइनस धूमल ही चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ने का मन बना लिया है.

प्रदेश भर में धूमल समर्थकों पर रहेंगी नजरें, कईयों के टिकट पर संकट: प्रदेश भर में धूमल समर्थकों पर अब राजनीतिक जानकारों की नजरें टिकी हुई है. माना जा रहा है कि धूमल के चुनाव ना लड़ने से अब उनके समर्थकों के टिकटों पर भी संकट छा गया है. हमीरपुर जिला में ही दो से तीन सीट पर धूमल के करीबियों को टिकट मिलेगा या नहीं इसे लेकर भी बड़ी बहस छिड़ गई है.

धूमल फैक्टर पर भाजपा लंबे समय से नजर बनाए हुए थी और हाईकमान ग्राउंड लेवल से रिपोर्ट लेने में जुटी थी. तमाम सर्वे और पदाधिकारियों की वोटिंग के सियासी स्टंट के बाद अब भाजपा के निर्णय से धूमल समर्थक प्रदेश भर में किस भूमिका में रहेंगे यह महत्वपूर्ण रहेगा. बहरहाल भाजपा हाईकमान के इस चौंकाने वाले फैसले से यह तो तय हो गया है कि अब भाजपा परंपरागत चेहरों के बजाय युवा चेहरों को टिकट थमा सकती है और इस सोच के साथ कई वर्तमान विधायकों और मंत्रियों के टिकट भी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- थोड़ा इफ, थोड़ा बट.. हिमाचल में ये हो सकते हैं कांग्रेस के 'स्पेशल 68'

हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के चुनाव लड़ने को लेकर दिल्ली से अटकल बाजी का दौर लगातार जारी है. धूमल समर्थकों को दिल्ली से यह खबर मिली है कि पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे. भाजपा इलेक्शन कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिये जाने की बात सामने आ रही है. भाजपा की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर मीडिया में कोई बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन पार्टी सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई है कि अब माइनस धूमल ही भाजपा हिमाचल में चुनाव में उतरेगी.

ऐसे में हिमाचल के सियासी फिजाओं में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या धूमल ने चुनाव लड़ने से इनकार किया या फिर उन्हें चुनावी राजनीति से दरकिनार किया गया. चुनावी बेला में हिमाचल में अटकलों का बाजार गर्म है लेकिन संशय बरकरार है. सुजानपुर से धूमल नहीं तो कौन यह सवाल भी रह रह कर पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में उठ रहा है. यह भी तय नहीं हो पाया है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे या फिर नहीं.

धूमल के चुनाव न लड़ने की खबरों में कितनी सच्चाई है इसे लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर भाजपा के तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है लेकिन उनके चुनाव ना लड़ने की खबरों का खंडन भी कोई नहीं कर रहा है. पार्टी सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है एक की एक परिवार से एक टिकट की शर्त पर भाजपा इलेक्शन कमेटी के बैठक में चर्चा हुई है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या धूमल फैक्टर प्रदेश की राजनीति में हाईकमान के नजर में प्रभावी नहीं है.

बुधवार को हमीरपुर लौट सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री: पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बुधवार को हमीरपुर लौट आएंगे. इलेक्शन कमेटी की बैठक में चुनाव लड़ने को लेकर निर्णय आ चुका है लेकिन अब अंतिम मोहर पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में ही लगेगी. बताया जा रहा है कि पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद ही धूमल दिल्ली से हमीरपुर के लिए रवाना होंगे. फिलहाल चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि अब भाजपा ने माइनस धूमल ही चुनावी रणनीति पर आगे बढ़ने का मन बना लिया है.

प्रदेश भर में धूमल समर्थकों पर रहेंगी नजरें, कईयों के टिकट पर संकट: प्रदेश भर में धूमल समर्थकों पर अब राजनीतिक जानकारों की नजरें टिकी हुई है. माना जा रहा है कि धूमल के चुनाव ना लड़ने से अब उनके समर्थकों के टिकटों पर भी संकट छा गया है. हमीरपुर जिला में ही दो से तीन सीट पर धूमल के करीबियों को टिकट मिलेगा या नहीं इसे लेकर भी बड़ी बहस छिड़ गई है.

धूमल फैक्टर पर भाजपा लंबे समय से नजर बनाए हुए थी और हाईकमान ग्राउंड लेवल से रिपोर्ट लेने में जुटी थी. तमाम सर्वे और पदाधिकारियों की वोटिंग के सियासी स्टंट के बाद अब भाजपा के निर्णय से धूमल समर्थक प्रदेश भर में किस भूमिका में रहेंगे यह महत्वपूर्ण रहेगा. बहरहाल भाजपा हाईकमान के इस चौंकाने वाले फैसले से यह तो तय हो गया है कि अब भाजपा परंपरागत चेहरों के बजाय युवा चेहरों को टिकट थमा सकती है और इस सोच के साथ कई वर्तमान विधायकों और मंत्रियों के टिकट भी कर सकते हैं.

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