हमीरपुर: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बाबा बालक नाथ के दर्शन श्रद्धालु कर पाएंगे. 10 सितंबर को उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ के दरबार में श्रद्धालु हाजिरी भर सकेंगे. मंदिर न्यास और जिला प्रशासन ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. मंदिरों के कपाट खुलने से जहां एक तरफ श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के दर्शन कर सकेंगे तो वहीं बाजार में दुकानें चलाने वाले दुकानदारों को भी राहत मिलेगी.
मंदिर परिसर में सामाजिक दूरी के नियम के पालन और श्रद्धालुओं को प्रवेश से पहले नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा. आपको बता दें कि हिमाचल ही नहीं बल्कि बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचते हैं.
बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं को भी मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा. हालांकि उन्हें पंजीकरण करवाना होगा. उन्होंने कहा कि मंदिर सुबह 6:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहेगा. इस दौरान दोपहर को 12:00 बजे के बाद एक बार मंदिर को सेनिटाइज किया जाएगा. वहीं, हर दिन मंदिर बंद करने से पहले सेनिटाइज किया जाएगा.
सामाजिक दूरी के नियम के लिए लगाए गए गोले
सामाजिक दूरी के नियम की पालना के लिए मंदिर परिसर में गोले लगाए गए हैं. नियमों का पालन करवाने के लिए यहां पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा. इसके साथ ही दर्शनों को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है. साथ ही मूर्ति के पास श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे.
मंदिर खुलने से दुकानदारों को मिली राहत
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध मंदिर न्यास के ट्रस्टी पवन जगोता ने कहा कि 173 दिन के बाद बाबा बालक नाथ का दरबार श्रद्धालुओं के लिए खुल रहा है. मंदिर न्यास के परिसर में दर्जनों दुकानें हैं और इन दुकानों को चलाने वाले दुकानदारों का व्यवसाय सीधे तौर पर श्रद्धालुओं से जुड़ा था मंदिर के बंद होने से इन दुकानदारों को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा था. इनका रोजगार लगभग बंद हो गया था. अब मंदिर खुलने से इनका रोजगार एक बार फिर से शुरू होने की उम्मीद जगी है.
उन्होंने कहा कि इस बार बाबा बालक नाथ के चैत्र मास मेले भी जो 2 महीने तक चलते हैं. महज 4 दिन तक ही चल पाए थे जिस वजह से लाखों का नुकसान दुकानदारों को उठाना पड़ा था. वहीं, उन्होंने मंदिर परिसर में प्रसाद ना ले जाने की शर्त पर कहा कि सरकार की तरफ से दिए गए निर्देश तो सही है, लेकिन मंदिर में नियमों के तहत प्रसाद ले जाने की छूट दी जानी चाहिए ताकि लोगों का रोजगार चल सके.
श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रसाद ले जाने की मांग की
दियोटसिद्ध मंदिर परिसर बाजार कमेटी के प्रधान संजय कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रसाद ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रद्धालु बाबा बालक नाथ की प्रिय रोट को उन्हें दिखा दें. इसके बाद अपने घर ले जा सकें. इतनी अनुमति दी जानी चाहिए ताकि उनका रोजगार भी चल सके.
कोविड-19 के नियमों का पालन जरूरी
शकुंतला देवी का कहना है कि मंदिरों को खोलना सरकार का अच्छा निर्णय है. इससे श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर पाएंगे, लेकिन इस दौरान सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना भी जरूरी है. दुकानदार रामलाल का कहना है कि श्रद्धालुओं को मंदिर में रोट ले जाने की अनुमति प्रदान की जाए. प्रसाद घर ले जाने के लिए मनाही नहीं है लेकिन मंदिर में भी प्रसाद ले जाने की अनुमति प्रदान की जाए.
वहीं, दुकानदार रूपलाल का कहना है कि मंदिर में तो प्रसाद नहीं ले जाया जाएगा. श्रद्धालु अपने घर प्रसाद ले जा सकते हैं उन्होंने उम्मीद जताई है कि श्रद्धालु मंदिर में आएंगे. बाग राम का कहना है कि मंदिर खोलना सरकार का अच्छा निर्णय है, लेकिन बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में सावधानी बरतनी भी जरूरी है मंदिर में भी सावधानी बरती जानी चाहिए.
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