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हमीरपुर में बेटे की मौत के बाद पिता ने क्लेम पाने को जिंदा दर्शा दी 14 साल पहले मरी पत्नी, जानें क्या है मामला - जिंदा दर्शा दी 14 साल पहले मरी पत्नी

जिला हमीरपुर में धोकाधड़ी का मामला सामने आया है. जहां बेटे की मौत के बाद एमएसीटी क्लेम लेने के लिए पति ने 14 साल पहले मरी पत्नी को रिकॉर्ड में फिर जिंदा कर (fraud case in hamirpur) दिया. पढ़ें पूरी खबर...

fraud case in hamirpur
हमीरपुर में एमएसीटी धोखाधड़ी मामला
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Published : Jul 20, 2022, 6:08 PM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में बेटे की मौत के बाद एमएसीटी क्लेम लेने के लिए पति ने 14 साल पहले मरी पत्नी को रिकॉर्ड में फिर जिंदा कर (MACT fraud case in hamirpur) दिया. आरोप है कि मृतक युवक के पिता ने पत्नी के मौत के 14 वर्ष बाद फर्जी आधार कार्ड नई पत्नी का फोटो बनाकर फ्रॉड को अंजाम दिया है. मृतक युवक के छोटे भाई सुनील ने पिता और सौतेली मां पर यह संगीन आरोप लगाए हैं. मृतक युवक अश्वनी के छोटे भाई सुनील ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी और बाद में डीसी हमीरपुर देबश्वेता बनिक के निर्देशों पर इस मामले में छानबीन भी की गई, हालांकि जिला पुलिस का तर्क है कि यह मामला गुजरात पुलिस से जुड़ा है और गुजरात पुलिस ही इस मामले में आगामी कार्रवाई कर सकती है.

मामला हमीरपुर जिले के सधरयाणा क्षेत्र का है. इस क्षेत्र निवासी एक युवक की साल 1998 में गुजरात के आनंद नामक जगह पर बाइक दुघर्टना में मौत हो गई थी. बेटे की मौत के बाद मां ने एमएसीटी क्लेम का दावा किया और इस दौरान ही 2001 में मृतक युवक अश्वनी की मां की मौत हो (fraud case in hamirpur) गई. महिला के छोटे बेटे सुनील का कहना है कि उनके पिता कानूनी लड़ाई को लड़ते रहे और उसने दूसरी शादी भी कर ली. साल 2014 में मृतक के परिजनों के हक में फैसला आया और कंपनी को सात लाख से अधिक क्लेम परिवारजनों को देने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.

हमीरपुर में बेटे की मौत के बाद पिता ने क्लेम पाने को जिंदा दर्शा दी 14 साल पहले मरी पत्नी

इस सात लाख में से गुजरात की अदालत में केस लड़ने वाले वकील ने दो लाख फीस वसूल कर ली. इस दौरान महिला के पति ने गुजरात के आनंद में एक बैंक में नई पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट खाता खुलवाया और बाद में इस खाते को हिमाचल के हमीरपुर में ट्रांसफर कर दिया गया. 2019 में जब क्लेम कीएफडी मैच्योर हो गई तो मृतक के पिता ने इसे कैश करवा लिया, हालांकि जब नई पत्नी जिसे उसने मरी हुई पत्नी दर्शाया था. मृतक युवक के मां के आधार कार्ड पर संदेह होने पर बैंक ने पुष्टि करवाने के लिए उसे डीसी ऑफिस भेजा. सुनील का दावा है कि आधार कार्ड फर्जी होने के कारण उसका पिता औपचारिकता पूरी नहीं कर पाए और बाद में दूसरी एफडी को उसे दे दिया.

सुनील जब बैंक में एफडी लेकर पहुंचा तो इस गबन के बारे में पता चला. सुनील के मुताबिक बैंक प्रबंधक ने उससे रिकॉर्ड मांगे तो उसने अपनी मरी हुई मां का डेथ सर्टिफिकेट दर्शा दिया. बैंक की तरफ से 2,56,000 की एफडी को सुनील के नाम कैश कर दिया गया. सुनील ने कहा कि इस फ्रॉड में वह पिता और सौतेली मां पर कार्रवाई चाहते हैं. जिन्होंने बैंक में झूठे दस्तावेज देने के साथ ही कोर्ट को भी गुमराह किया है. वहीं, इस मामले में एसपी हमीरपुर आकृति शर्मा का कहना है कि शिकायतकर्ता ने उनसे मुलाकात की है, लेकिन मामले गुजरात का है. ऐसे में गुजरात पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर सकती है.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर में बेटे की मौत के बाद एमएसीटी क्लेम लेने के लिए पति ने 14 साल पहले मरी पत्नी को रिकॉर्ड में फिर जिंदा कर (MACT fraud case in hamirpur) दिया. आरोप है कि मृतक युवक के पिता ने पत्नी के मौत के 14 वर्ष बाद फर्जी आधार कार्ड नई पत्नी का फोटो बनाकर फ्रॉड को अंजाम दिया है. मृतक युवक के छोटे भाई सुनील ने पिता और सौतेली मां पर यह संगीन आरोप लगाए हैं. मृतक युवक अश्वनी के छोटे भाई सुनील ने मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की थी और बाद में डीसी हमीरपुर देबश्वेता बनिक के निर्देशों पर इस मामले में छानबीन भी की गई, हालांकि जिला पुलिस का तर्क है कि यह मामला गुजरात पुलिस से जुड़ा है और गुजरात पुलिस ही इस मामले में आगामी कार्रवाई कर सकती है.

मामला हमीरपुर जिले के सधरयाणा क्षेत्र का है. इस क्षेत्र निवासी एक युवक की साल 1998 में गुजरात के आनंद नामक जगह पर बाइक दुघर्टना में मौत हो गई थी. बेटे की मौत के बाद मां ने एमएसीटी क्लेम का दावा किया और इस दौरान ही 2001 में मृतक युवक अश्वनी की मां की मौत हो (fraud case in hamirpur) गई. महिला के छोटे बेटे सुनील का कहना है कि उनके पिता कानूनी लड़ाई को लड़ते रहे और उसने दूसरी शादी भी कर ली. साल 2014 में मृतक के परिजनों के हक में फैसला आया और कंपनी को सात लाख से अधिक क्लेम परिवारजनों को देने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.

हमीरपुर में बेटे की मौत के बाद पिता ने क्लेम पाने को जिंदा दर्शा दी 14 साल पहले मरी पत्नी

इस सात लाख में से गुजरात की अदालत में केस लड़ने वाले वकील ने दो लाख फीस वसूल कर ली. इस दौरान महिला के पति ने गुजरात के आनंद में एक बैंक में नई पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट खाता खुलवाया और बाद में इस खाते को हिमाचल के हमीरपुर में ट्रांसफर कर दिया गया. 2019 में जब क्लेम कीएफडी मैच्योर हो गई तो मृतक के पिता ने इसे कैश करवा लिया, हालांकि जब नई पत्नी जिसे उसने मरी हुई पत्नी दर्शाया था. मृतक युवक के मां के आधार कार्ड पर संदेह होने पर बैंक ने पुष्टि करवाने के लिए उसे डीसी ऑफिस भेजा. सुनील का दावा है कि आधार कार्ड फर्जी होने के कारण उसका पिता औपचारिकता पूरी नहीं कर पाए और बाद में दूसरी एफडी को उसे दे दिया.

सुनील जब बैंक में एफडी लेकर पहुंचा तो इस गबन के बारे में पता चला. सुनील के मुताबिक बैंक प्रबंधक ने उससे रिकॉर्ड मांगे तो उसने अपनी मरी हुई मां का डेथ सर्टिफिकेट दर्शा दिया. बैंक की तरफ से 2,56,000 की एफडी को सुनील के नाम कैश कर दिया गया. सुनील ने कहा कि इस फ्रॉड में वह पिता और सौतेली मां पर कार्रवाई चाहते हैं. जिन्होंने बैंक में झूठे दस्तावेज देने के साथ ही कोर्ट को भी गुमराह किया है. वहीं, इस मामले में एसपी हमीरपुर आकृति शर्मा का कहना है कि शिकायतकर्ता ने उनसे मुलाकात की है, लेकिन मामले गुजरात का है. ऐसे में गुजरात पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर सकती है.

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