हमीरपुर: हिमाचल में भाजपा के वरिष्ठतम नेता पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल 40 वर्षों से अधिक अरसे के बाद चुनावी राजनीति में नजर नहीं आएंगे. भाजपा ने साल 2022 के विधानसभा चुनावों की जंग में माइनस प्रेम कुमार धूमल ही उतरने का मन बना लिया है. 2017 के चुनावों में बड़े फेरबदल का गवाह बनी सुजानपुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को अपने ही शिष्य राजेंद्र राणा से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, अब प्रेम कुमार धूमल चुनाव नहीं लड़ेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी सुजानपुर भाजपा मंडल के पूर्व अध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य सेवानिवृत्त कैप्टन रणजीत सिंह को पार्टी ने यहां से चुनावी मैदान में उतारा है. (Himachal Assembly Elections 2022) (Himachal BJP candidates list) (BJP Candidates list of Hamirpur)
4 दशक के लंबे साल 10 अप्रैल 1944 में महंत राम और फुलमु देवी के घर में जन्मे प्रेम कुमार धूमल 1980 के दशक में राजनीति में सक्रिय हुए इससे पहले उन्होंने पंजाब के एक निजी कॉलेज में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दी. साल 1982 से भाजपा संगठन में युवा मोर्चा के पदाधिकारी के रूप में कार्य करने वाले धूमल इस बार पार्टी के लिए प्रचार करेंगे या फिर नहीं इसे लेकर भी संशय बना हुआ है. ईटीवी भारत इस विशेष रिपोर्ट में हिमाचल भाजपा के दिग्गज नेता दो बार के सीएम रहे प्रेम कुमार धूमल के राजनीतिक जीवन पर चर्चा करेंगे. युवा मोर्चा के कार्यकर्ता के रूप में 38 वर्ष की उम्र में वह भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष साल 1982 में बने. (Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal)
1984 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे धूमल: प्रेम कुमार धूमल ने साल 1984 में धूमल ने पहली बार संसदीय चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. पहले चुनाव में हार के बाद उन्होंने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर से 1989 और 1991 में जीत हासिल की लेकिन 1996 में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मेजर जनरल बिक्रम सिंह से हार का सामना करना पड़ा. अपने लंबे राजनीतिक कैरियर में लोकसभा का चुनाव तीन बार जीते दो बार हारे. विधानसभा चुनाव उन्होंने पांच दफा लड़ा जिसमें एक दफा उन्हें हार का सामना करना पड़ा जबकि 4 दफा भारी बहुमत से जीत हासिल की. वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भाजपा की तरफ से दो दफा नेता प्रतिपक्ष रहे. (Himachal BJP candidates list hamirpur)
साल 1993 में हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने, 1998 में मुख्यमंत्री: प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल 1993 से 1998 तक वह हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे. साल 1998 में बमसन सीट से जीत हासिल कर वह सरकार बनाने में सफल रहे. जीत हासिल करने के साथ ही उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ गठबंधन में 5 साल तक सरकार चलायी. पंडित सुखराम की हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन कर उन्होंने कांग्रेस के को तगड़ा झटका दिया था. साल 2003 में प्रेम कुमार धूमल चुनाव तो जीत गए लेकिन सरकार रिपीट नहीं करवा पाये. (Himachal BJP President)
2007 के उपचुनाव में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र जीतने के बाद धूमल ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव में उन्होंने फिर एक बार बहुमत के साथ भाजपा सरकार प्रदेश में सत्ता में लायी. 2012 तक उन्होंने हिमाचल में भाजपा की सरकार चलाई. 2012 में उन्होंने हमीरपुर विधानसभा सीट (Hamirpur assembly seat) से चुनाव लड़ते हुए जीत हासिल की लेकिन प्रदेश में सरकार कांग्रेस के बनी. 2012 से 2017 तक पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल नेता प्रतिपक्ष रहे और 2017 में उन्हें पार्टी का सीएम फेस घोषित किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश वहां सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में अपने ही शिष्य कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र राणा से चुनाव हार गए. (Prem Kumar Dhumal will not contest assembly elections)
लोकसभा सीट से इस्तीफे के बाद धूमल के बेटे अनुराग ने लड़ा चुनाव अब चौथी बार के सांसद: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आम चुनावों के लिए लोकसभा सीट से प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के इस्तीफा देने के चलते हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र पर उपचुनाव में अनुराग ठाकुर को चुनावी मैदान में भाजपा ने उतारा गया. लगातार चौथी जीत हासिल करने के साथ ही वर्तमान में प्रेम कुमार धूमल के सुपुत्र अनुराग ठाकुर मोदी सरकार में दो महत्वपूर्ण मंत्रालयों को संभाल रहे हैं. वह केंद्रीय खेल युवा सेवाएं एवं सूचना प्रसारण मंत्री हैं. धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष के साथ ही आईपीएल के कमिश्नर भी हैं. वह अनुराग ठाकुर के बाद हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की पत्नी शीला धूमल कभी भी राजनीति में सक्रिय नजर नहीं आई है.
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