हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश में नए जिलों के गठन को लेकर चल रही चर्चाओं पर प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे धूमल ने नए जिलों के गठन के बीच में संभावनाओं को टटोलने के लिए एक आयोग के गठन की सरकार को सलाह दी. उन्होंने कहा कि समय-समय पर मांग उठती रही, लेकिन वर्तमान सरकार को इस विषय पर निर्णय लेना है. वह अपने निवास स्थान समीरपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि नए जिलों का गठन राजनीतिक दृष्टि से नहीं, बल्कि भौगोलिक परिस्थितियों और लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि बात सिर्फ मंडी और कांगड़ा की ही नहीं है, बल्कि रामपुर और रोहड़ू के लोग भी अलग से जिले की मांग करते आ रहे हैं. यदि यह सिलसिला शुरू होता है तो बड़े स्तर पर डिमांड आएगी. एक आयोग का गठन कर इसके लिए स्टडी करनी पड़ेगी, ताकि संभावनाओं को भी टटोला जा सके और फिर एक सफल जिला इकाई पर सरकार स्तर पर विचार किया जा सके. उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक बोझ भी बढ़ता है. सरकार को प्रदेश की आर्थिक स्थिति के बारे में अधिक जानकारी होती है. ऐसे में यह निर्णय वर्तमान सरकार ही ले सकती है.
बता दें कि प्रदेश में इन दिनों नए जिलों के गठन की चर्चा जोरों पर है. सूची में सबसे ऊपर कांगड़ा जिले का नाम चल रहा है. यहां पर पालमपुर और नूरपुर क्षेत्रों को जिला इकाई के रूप में गठित किए जाने की चर्चा जोरों पर है. वहीं, मंडी जिले के सरकाघाट या सुंदरनगर को लेकर भी लंबे समय से जिला बनाए जाने को लेकर चर्चा चलती रही है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का विधानसभा क्षेत्र सिराज है, ऐसे में एक चर्चा यह भी है कि सिराज क्षेत्र के बड़े भूभाग जिसमें कुल्लू और मंडी के विधानसभा क्षेत्र आते हैं उनको जोड़ कर एक जिले का गठन किया जाए.
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