हमीरपुर: किसानों के उत्पादों को विशेष पहचान दिलाने व उनके विपणन की समुचित व्यवस्था के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से किसान उत्पादक संगठनों का निर्माण एवं उन्नयन योजना तैयार की गई है. इस योजना के तहत पूरे देश में खंड स्तर पर 10 हजार किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे और ये संगठन प्रत्येक जिला में वहां की विशेष पहचान की संभावना वाली फसलों का उत्पादन करेंगे. ये जानकारी डीसी हरिकेश मीणा ने योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित समिति की बैठक में दी.
डीसी हरिकेश मीणा ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिला में खंड स्तर पर दो किसान उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा गया है और प्रत्येक खंड में वहां पैदा होने वाली फसलों का आकंलन करके इन फसलों को विशेष तौर पर प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक संगठन से जुड़े किसानों को इन फसलों की खेती से जोड़ा जाएगा और इनके विपणन की भी समुचित व्यवस्था की जाएगी.
हरिकेश मीणा ने बताया कि इन समूहों को निश्चित अवधि के लिए विभिन्न मदों में केंद्र सरकार की ओर से अनुदान व अन्य सहायता भी प्रदान की जाएगी. पारंपरिक फसल जैसे गेहूं, मक्का को योजना में शामिल नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिला में प्रारम्भिक तौर पर चिह्नित क्लस्टर में हल्दी, अदरक व मशरूम को इस योजना में शमिल किया जाएगा.
डीसी हरिकेश मीणा ने बताया कि हल्दी एवं अदरक का प्रमुख मसालों के रूप में उपयोग होता है, जबकि मशरूम की सब्जियों के वर्ग में काफी मांग रहती है और क्षेत्र में भी इसकी अच्छी पैदावार भी होती है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस योजना के बारे में किसानों को जागरूक करें और उन्हें किसान उत्पादक संगठन का सदस्य बनने के लिए प्रेरित करें.
हरिकेश मीणा ने बताया कि क्षेत्र में नाबार्ड को इसके लिए क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है. वहीं, मीटिंग में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सतपाल चौधरी ने इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी दी. इसी बीच प निदेशक (कृषि) जीत सिंह, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक जी.सी. भट्टी, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं रमेश शर्मा, वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी नीतू सिंह मौजूद रही.
ये भी पढ़ें: राजधानी में धूमधाम से मनाई जा रही जन्माष्टमी, रात 12 बजे होगा कान्हा जी का जन्म