हमीरपुरः जिला मुख्यालय के एक निजी स्कूल पर जबरन एनुअल चार्जिज वसूलने के मामले में अभिभावकों को 1 सप्ताह के अंदर नौकरी छूट गई और आर्थिक हालात से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
अभिभावकों दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश
जानकारी के मुताबिक उपायुक्त हमीरपुर के कार्यालय में हुई सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए गए हैं. उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक ने विद्यार्थियों के अभिभावकों को एक सप्ताह के भीतर नौकरी छूटने या माली आर्थिक स्थिति से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं.
शिक्षण कार्य शुरू करने के निर्देश
इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि निजी स्कूल प्रबंधन को उन विद्यार्थियों को स्कूल में दाखिला देने और ऑनलाइन कक्षाओं के लिए व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर निकाले बच्चों को फिर से ग्रुप में शामिल कर शिक्षण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
स्कूल प्रबंधन समिति का गठन करने के निर्देश
इसके अलावा स्कूल प्रबंधन समिति का गठन करने के निर्देश भी दिए हैं. एसएमसी का गठन करने के बाद वर्चुअल बैठक कर कार्रवाई से उपायुक्त कार्यालय को अवगत करने के लिए कहा है. इस दौरान उच्चत्तर शिक्षा विभाग के उपनिदेशक दिलबरजीत चंद्र, स्कूल के प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन और विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित रहे.
उपायुक्त को सौंपा था ज्ञापन
आपको बता दें कि निजी स्कूल प्रबंधन पर जबरन एनुअल शुल्क वसूलने के आरोप लगाते हुए बीते माह विद्यार्थियों के अभिभावकों ने हमीरपुर के गांधी चौक पर दो बार धरना-प्रदर्शन किया और उपायुक्त को इस संबंध में शिकायत पत्र सौंपा था.
शिकायत पत्र के आधार पर उपायुक्त ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई निर्धारित की थी. कुल नौ अभिभावकों ने उपायुक्त के समक्ष शिकायत पत्र सौंपा था, लेकिन सुनवाई के दौरान केवल पांच अभिभावक ही उपस्थित हुए.
गौरतलब है कि मई 2020 में प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर केवल ट्यूशन फीस ही वसूलने के निर्देश जारी किए थे. नवंबर 2020 में इस अधिसूचना को रद्द कर दिया था, लेकिन बाद में निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों में तनाव की स्थिति पैदा हुई. उपायुक्त हमीरपुर देबश्वेता बनिक ने कहा कि यह निर्देश उन विद्यार्थियों पर ही लागू होंगे, जिनके अभिभावकों ने अपना पक्ष रखते हुए शिकायत पत्र सौंपा था.
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