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पीएम केयर फंड पर कांग्रेस नेता ने खड़े किए सवाल, जानकारी साझा करने की मांग

भोरंज कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हीरा पाल सिंह ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है. पीएम केयर फंड पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष सवाल उठाता है तो सरकार असहयोग की बात करती है. पीएम केयर फंड की कोई जरूरत नहीं है. आपदा राहत कोष पहले से ही संचालित है.

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Published : Jun 7, 2020, 4:36 PM IST

congress leader heera pal singh thakur on pm care fund
पीएम केयर फंड पर कांग्रेस नेता ने खड़े किए सवाल

हमीरपुरः राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के सह संयोजक व भोरंज कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हीरा पाल सिंह ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा होने वाला पैसा पूर्व की भांति सुरक्षित नहीं है. इससे पूर्व यह प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा होता था. जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय का पूर्ण नियंत्रण होता था.

अब यही जनता का पैसा एक निजी ट्रस्ट के रूप में जमा हो रहा है. इससे पूर्व इस तरह के फंड का उपयोग प्राकृतिक हादसों, महामारी, भूकंप और बाढ़ के समय हुई त्रासदी से हुए जनता के नुकसान की भरपाई के लिए प्रयोग होता था. जबकि इस बार सारे नियम ताक पर रखकर एक ट्रस्ट बना दिया है. उन्होंने कहा कि यह आरटीआई के दायरे में नहीं आता है.

ऐसे में जनता के दान का पैसा किस पर और कहां पर खर्च किया जा रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में कई तरह के घोटाले भी उजागर हो रहे हैं. विपक्ष सवाल उठाता है तो सरकार असहयोग की बात करती है. जबकि विपक्ष ने अपने स्तर पर जनता को मास्क से लेकर कोरोना टेस्टिंग मशीनें तक दी है. उन्होंने मांग कि है कि सरकार दान के पैसे कहां और कैसे लगा रही है, उसकी जानकारी सार्वजनिक हो.

पीएम केयर फंड की कोई जरूरत नहीं है. आपदा राहत कोष पहले से ही संचालित है. ऐसे में इस फंड की शुरूआत करना संदेह के दायरे में आता है. उन्होंने इसका ऑडिट कराने की मांग भी की. कांग्रेस ने एक वीडियो के जरिए सरकार से कई सवाल भी पूछे थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को कम से कम एक सप्ताह का समय देना चाहिए था. जिससे लोग अपने घरों को सुरक्षित पहुंच जाते, उसके बाद लॉकडाउन लगाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अब जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग 2 लाख के पार पहुंच गई तो लॉकडाउन खोल दिया गया. उन्होंने कहा कि देश पिछले एक साल में जहां आर्थिक रूप से कमजोर हुआ है, वहीं देश के आपसी सौहाद का ताना- बाना भी खत्म हुआ है.

वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री ने देश की बागडोर संभाली थी तो पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ हमारे मधुर संबंध थे, लेकिन आज पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से तनाव की स्थिति है. नेपाल जहां आज हमें आंखों दिखा रहा है तो दूसरी ओर चीन ने हमारे एक बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया है.

हमीरपुरः राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के सह संयोजक व भोरंज कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हीरा पाल सिंह ठाकुर ने सरकार पर निशाना साधा है. प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा होने वाला पैसा पूर्व की भांति सुरक्षित नहीं है. इससे पूर्व यह प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा होता था. जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय का पूर्ण नियंत्रण होता था.

अब यही जनता का पैसा एक निजी ट्रस्ट के रूप में जमा हो रहा है. इससे पूर्व इस तरह के फंड का उपयोग प्राकृतिक हादसों, महामारी, भूकंप और बाढ़ के समय हुई त्रासदी से हुए जनता के नुकसान की भरपाई के लिए प्रयोग होता था. जबकि इस बार सारे नियम ताक पर रखकर एक ट्रस्ट बना दिया है. उन्होंने कहा कि यह आरटीआई के दायरे में नहीं आता है.

ऐसे में जनता के दान का पैसा किस पर और कहां पर खर्च किया जा रहा है, इसकी कोई जानकारी नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि ऐसे में कई तरह के घोटाले भी उजागर हो रहे हैं. विपक्ष सवाल उठाता है तो सरकार असहयोग की बात करती है. जबकि विपक्ष ने अपने स्तर पर जनता को मास्क से लेकर कोरोना टेस्टिंग मशीनें तक दी है. उन्होंने मांग कि है कि सरकार दान के पैसे कहां और कैसे लगा रही है, उसकी जानकारी सार्वजनिक हो.

पीएम केयर फंड की कोई जरूरत नहीं है. आपदा राहत कोष पहले से ही संचालित है. ऐसे में इस फंड की शुरूआत करना संदेह के दायरे में आता है. उन्होंने इसका ऑडिट कराने की मांग भी की. कांग्रेस ने एक वीडियो के जरिए सरकार से कई सवाल भी पूछे थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को कम से कम एक सप्ताह का समय देना चाहिए था. जिससे लोग अपने घरों को सुरक्षित पहुंच जाते, उसके बाद लॉकडाउन लगाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अब जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग 2 लाख के पार पहुंच गई तो लॉकडाउन खोल दिया गया. उन्होंने कहा कि देश पिछले एक साल में जहां आर्थिक रूप से कमजोर हुआ है, वहीं देश के आपसी सौहाद का ताना- बाना भी खत्म हुआ है.

वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री ने देश की बागडोर संभाली थी तो पड़ोसी देश नेपाल, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ हमारे मधुर संबंध थे, लेकिन आज पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश से तनाव की स्थिति है. नेपाल जहां आज हमें आंखों दिखा रहा है तो दूसरी ओर चीन ने हमारे एक बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया है.

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