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नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदों ने सरकारी कार्यक्रमों का किया बहिष्कार

City Council Hamirpur, नगर परिषद हमीरपुर में सरकारी कार्यक्रम में शहर के प्रथम नागरिक को कुर्सी न मिलने से शहर के नुमाइंदे नाराज हैं. ऐसे में नप प्रतिनिधियों ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए जिला प्रशासन के सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया है.

City Council Hamirpur
नगर परिषद हमीरपुर
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Published : Aug 18, 2022, 7:44 AM IST

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर (City Council Hamirpur) के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया (City Council Hamirpur Representatives Boycott Govt Programs) है. भाजपा समर्थित नगर परिषद हमीरपुर के जनप्रतिनिधियों को अपनी ही सरकार में शासन के कार्यक्रमों में तवज्जों न मिलने पर यह निर्णय लिया गया है. सरकारी कार्यक्रमों में उचित मान सम्मान न मिलने की वजह से यह बहिष्कार किया गया है. नगर परिषद हमीरपुर के प्रतिनिधियों का तर्क है कि जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं होती है.

नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदों का कहना है कि कई कार्यक्रम हाल ही में हुए,जहां पर पार्षद तो दूर नगर परिषद के अध्यक्ष तक को कुर्सी मंच पर नहीं मिल पाई. प्रथम पंक्ति में कुर्सी तो दूर मंच पर पार्षदों के लिए कोई जगह ही नहीं होती. जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते आहत नगर परिषद के इन नुमाइंदों ने जिला प्रशासन को इस मामले को लेकर सरकार को आगाह भी किया था.

उनका कहना है कि ऐसे कई कार्यक्रमों में देखने को मिला है कि नगर परिषद के प्रतिनिधियों को कुर्सी तक नहीं मिल पाई और उन्हें सरकारी कार्यक्रमों को बीच में छोड़कर ही लौटना पड़ा. पिछले दिनों नगर परिषद हमीरपुर के टाउन हॉल कारगिल विजय दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. नगर परिषद के टाउन हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास को मंच पर कुर्सी नहीं (Manoj Kumar Minhas did not get chair in govt program) मिली. अध्यक्ष को कार्यक्रम बीच में छोड़ कर अपने कार्यालय लौटा पड़ा.

जिलास्तरीय समारोह से भी नदारद नप के नुमाइंदे: स्वतंत्रतता दिवस के मौके पर बाल स्कूल हमीरपुर के मैदान में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदे नदारद रहे. इस कार्यक्रम में एक दो पार्षदों को छोड़कर कोई भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. प्रशासन और नगर परिषद में लंबे समय से विभिन्न विषयों को लेकर रार बढ़ रही है. कर्मचारियों की सेवाएं अन्य विभागों में लेने के विषय पर नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदे अब उग्र हैं.

कोरोना काल के दौर में चालकों की सेवाएं जिला प्रशासन में आपदा प्रबंधन के तहत स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में लगा दी थी और अब बेलदार से लेकर मिस्त्री को निर्वाचन विभाग के हवाले कर दिया है. इन कर्मचारियों को नगर परिषद से वेतन तो जा रहा है, लेकिन सेवाएं किसी अन्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ली जा रही हैं. यह हालात तब है जब नगर परिषद हमीरपुर में कार्यकारी अधिकारी समेत दर्जनों पद रिक्त हैं.

जिला प्रशासन से नहीं मिला उचित जवाब: नगर परिषद हमीरपुर अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास (City Council Hamirpur President Manoj Kumar) ने कहा कि जिला प्रशासन के कार्यक्रमों में उचित मान-सम्मान न मिलने पर सभी पार्षदों ने मिलकर यह निर्णय लिया है. इस निर्णय में कांग्रेसी पार्षदों ने भी अपना समर्थन दिया है. इस फैसले को लेकर सभी पार्षद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ हैं. जिला प्रशासन के पिछले कई कार्यक्रमों में चुने हुए पार्षदों को बैठने के कुर्सी तक नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से इस विषय पर बात की गई लेकिन संतोषजनक जबाव नहीं मिल पाया है.

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में अपनों ने की अनदेखी: सरकारी कार्यक्रम में प्रथम नागिरक को नहीं मिली कुर्सी

हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर (City Council Hamirpur) के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार कर दिया (City Council Hamirpur Representatives Boycott Govt Programs) है. भाजपा समर्थित नगर परिषद हमीरपुर के जनप्रतिनिधियों को अपनी ही सरकार में शासन के कार्यक्रमों में तवज्जों न मिलने पर यह निर्णय लिया गया है. सरकारी कार्यक्रमों में उचित मान सम्मान न मिलने की वजह से यह बहिष्कार किया गया है. नगर परिषद हमीरपुर के प्रतिनिधियों का तर्क है कि जिला प्रशासन की तरफ से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदों को बैठने के लिए कुर्सी तक नसीब नहीं होती है.

नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदों का कहना है कि कई कार्यक्रम हाल ही में हुए,जहां पर पार्षद तो दूर नगर परिषद के अध्यक्ष तक को कुर्सी मंच पर नहीं मिल पाई. प्रथम पंक्ति में कुर्सी तो दूर मंच पर पार्षदों के लिए कोई जगह ही नहीं होती. जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते आहत नगर परिषद के इन नुमाइंदों ने जिला प्रशासन को इस मामले को लेकर सरकार को आगाह भी किया था.

उनका कहना है कि ऐसे कई कार्यक्रमों में देखने को मिला है कि नगर परिषद के प्रतिनिधियों को कुर्सी तक नहीं मिल पाई और उन्हें सरकारी कार्यक्रमों को बीच में छोड़कर ही लौटना पड़ा. पिछले दिनों नगर परिषद हमीरपुर के टाउन हॉल कारगिल विजय दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. नगर परिषद के टाउन हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास को मंच पर कुर्सी नहीं (Manoj Kumar Minhas did not get chair in govt program) मिली. अध्यक्ष को कार्यक्रम बीच में छोड़ कर अपने कार्यालय लौटा पड़ा.

जिलास्तरीय समारोह से भी नदारद नप के नुमाइंदे: स्वतंत्रतता दिवस के मौके पर बाल स्कूल हमीरपुर के मैदान में जिला स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदे नदारद रहे. इस कार्यक्रम में एक दो पार्षदों को छोड़कर कोई भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. प्रशासन और नगर परिषद में लंबे समय से विभिन्न विषयों को लेकर रार बढ़ रही है. कर्मचारियों की सेवाएं अन्य विभागों में लेने के विषय पर नगर परिषद हमीरपुर के नुमाइंदे अब उग्र हैं.

कोरोना काल के दौर में चालकों की सेवाएं जिला प्रशासन में आपदा प्रबंधन के तहत स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में लगा दी थी और अब बेलदार से लेकर मिस्त्री को निर्वाचन विभाग के हवाले कर दिया है. इन कर्मचारियों को नगर परिषद से वेतन तो जा रहा है, लेकिन सेवाएं किसी अन्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ली जा रही हैं. यह हालात तब है जब नगर परिषद हमीरपुर में कार्यकारी अधिकारी समेत दर्जनों पद रिक्त हैं.

जिला प्रशासन से नहीं मिला उचित जवाब: नगर परिषद हमीरपुर अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास (City Council Hamirpur President Manoj Kumar) ने कहा कि जिला प्रशासन के कार्यक्रमों में उचित मान-सम्मान न मिलने पर सभी पार्षदों ने मिलकर यह निर्णय लिया है. इस निर्णय में कांग्रेसी पार्षदों ने भी अपना समर्थन दिया है. इस फैसले को लेकर सभी पार्षद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ हैं. जिला प्रशासन के पिछले कई कार्यक्रमों में चुने हुए पार्षदों को बैठने के कुर्सी तक नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से इस विषय पर बात की गई लेकिन संतोषजनक जबाव नहीं मिल पाया है.

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