हमीरपुरः जिला के गांधी चौक पर शनिवार को सीटू कार्यकर्ताओं ने श्रम कानूनों में बदलाव व मनरेगा बजट में कटौती के विरोध में प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में जिला भर के सैकड़ों मजदूर शामिल हुए. प्रदर्शन में अधिकतर महिला मजदूर ही शामिल थीं. इसके साथ ही 100 दिन के गारंटी रोजगार को लेकर भी आवाज बुलंद की गई.
17 मार्च को प्रदेश विधानसभा का घेराव
सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि 17 मार्च को प्रदेश विधानसभा का घेराव मजदूर शिमला में करेंगे. केंद्र सरकार ने मनरेगा का बजट 41 फीसदी कम कर दिया है, जिसे बहाल किया जाना चाहिए. उनका कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव किए हैं जो कि मजदूर विरोधी हैं.
4000 मनरेगा मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी
इसके अलावा श्रम कानूनों में हड़ताल करने पर सजाओं का भी प्रावधान रखा गया है, जो कि अंग्रेजों के समय भी नहीं था. प्रदेश में श्रम कल्याण बोर्ड एक पंगु संस्था बन गई है. कोरोना काल में मनरेगा मजदूरों को 2000 की राशि दी जा रही थी, लेकिन हमीरपुर जिला में करीब 4000 मनरेगा मजदूरों को यह राशि नहीं मिली है. बार-बार कार्यालय में जाने के बावजूद भी मजदूरों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
प्रदेश और केंद्र सरकार खिलाफ प्रदर्शन
हमीरपुर के गांधी चौक के साथ ही जिला के कई अन्य स्थानों पर भी सीटू कार्यकर्ताओं ने प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. मुख्य मांगों के रूप में श्रम कानूनों में बदलाव को वापस लेने, मनरेगा बजट में बढ़ोतरी और मनरेगा मजदूरों को दिए जाने वाले सामग्री को जल्द वितरित करने की मांग सरकार के समक्ष रखी गई
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