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सालों तक NIT हमीरपुर में पूर्व सैनिकों ने दिन रात दिया पहरा, एक झटके में ही नौकरी से कर दिए बाहर

एनआईटी हमीरपुर में सालों से बतौर सिक्योरिटी गार्ड और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के रूप में सेवाएं देने वाली पूर्व सैनिकों को एक झटके में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पूर्व सैनिकों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने इंटरव्यू के दौरान इनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है पिछले 12 अगस्त को नई सिक्योरिटी कंपनी को टेंडर आवंटित किया गया था जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.

nit hamirpur news, एनआईटी हमीरपुर न्यूज
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Published : Sep 23, 2021, 4:23 PM IST

हमीरपुर: एनआईटी हमीरपुर में सालों से बतौर सिक्योरिटी गार्ड और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के रूप में सेवाएं देने वाली पूर्व सैनिकों को एक झटके में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. हमीरपुर जिले के निवासी 7 पूर्व सैनिकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

नौकरी से निकाले गए इन पूर्व सैनिकों ने वीरवार को हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होकर एक फिर नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है नौकरी से निकाले गए इन पूर्व सैनिकों में से अधिकतर की नौकरी 3 से 6 महीने की ही बची थी.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने इंटरव्यू के दौरान इनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है पिछले 12 अगस्त को नई सिक्योरिटी कंपनी को टेंडर आवंटित किया गया था जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. 1 महीने तक वह एनआईटी हमीरपुर के निदेशक और रजिस्ट्रार के पास चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई है. एनआईटी हमीरपुर को उन्होंने कोर्ट के माध्यम से लीगल नोटिस भी भिजवाया है, लेकिन अभी तक उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है.

14 सालों तक एनआईटी हमीरपुर में बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करने वाले पूर्व सैनिक करमचंद का कहना है कि 14 वर्षों से वह सिक्योरिटी गार्ड का कार्य एनआईटी हमीरपुर में कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगस्त महीने में नई कंपनी को टेंडर दिया गया था 12 अगस्त को एनआईटी हमीरपुर की स्क्रीनिंग कमेटी ने उनका इंटरव्यू दिया था और उनकी नौकरी को सुचारू रखने के लिए बात इस दौरान कही गई थी.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि जब 13 अगस्त को हर ड्यूटी पर पहुंचे तो ड्यूटी रोस्टर में उनका नाम ही नहीं था रातो रात ही नए लोगों को सिक्योरिटी गार्ड के वर्दियां आवंटित कर दी गई और उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर के निदेशक के पास भी हो हर समस्या लेकर पहुंचे, लेकिन निदेशक की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने उनके पक्ष में उनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी लेकिन एनआईटी प्रबंधन ने उनके साथ अन्याय किया है.

सिक्योरिटी सुपरवाइजर अम्मी चंद ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर की स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उन्होंने इंटरव्यू दिए थे और उनसे नौकरी किए जाने को लेकर सवाल किया गया था जिस पर उन्होंने अपनी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी. लेकिन अगले दिन ही उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

वहीं, जब इस बारे में एनआईटी हमीरपुर के निदेशक ललित अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में इस कार्य के लिए कोई भी स्क्रीनिंग कमेटी गठित नहीं की गई थी यह कार्य कंपनी को आउटसोर्स किया गया है और कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी पर रखा है. उक्त कर्मचारियों की सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कंपनी अधिकारियों से बात की गई है.

ये भी पढ़ें- CM जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट पर मंडराए विरोध के बादल, बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने दी ये चेतावनी

हमीरपुर: एनआईटी हमीरपुर में सालों से बतौर सिक्योरिटी गार्ड और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के रूप में सेवाएं देने वाली पूर्व सैनिकों को एक झटके में ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. हमीरपुर जिले के निवासी 7 पूर्व सैनिकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.

नौकरी से निकाले गए इन पूर्व सैनिकों ने वीरवार को हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होकर एक फिर नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है नौकरी से निकाले गए इन पूर्व सैनिकों में से अधिकतर की नौकरी 3 से 6 महीने की ही बची थी.

पूर्व सैनिकों का कहना है कि स्क्रीनिंग कमेटी ने इंटरव्यू के दौरान इनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी, लेकिन उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है पिछले 12 अगस्त को नई सिक्योरिटी कंपनी को टेंडर आवंटित किया गया था जिसके बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. 1 महीने तक वह एनआईटी हमीरपुर के निदेशक और रजिस्ट्रार के पास चक्कर लगाते रहे, लेकिन उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हुई है. एनआईटी हमीरपुर को उन्होंने कोर्ट के माध्यम से लीगल नोटिस भी भिजवाया है, लेकिन अभी तक उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है.

14 सालों तक एनआईटी हमीरपुर में बतौर सिक्योरिटी गार्ड काम करने वाले पूर्व सैनिक करमचंद का कहना है कि 14 वर्षों से वह सिक्योरिटी गार्ड का कार्य एनआईटी हमीरपुर में कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगस्त महीने में नई कंपनी को टेंडर दिया गया था 12 अगस्त को एनआईटी हमीरपुर की स्क्रीनिंग कमेटी ने उनका इंटरव्यू दिया था और उनकी नौकरी को सुचारू रखने के लिए बात इस दौरान कही गई थी.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि जब 13 अगस्त को हर ड्यूटी पर पहुंचे तो ड्यूटी रोस्टर में उनका नाम ही नहीं था रातो रात ही नए लोगों को सिक्योरिटी गार्ड के वर्दियां आवंटित कर दी गई और उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर के निदेशक के पास भी हो हर समस्या लेकर पहुंचे, लेकिन निदेशक की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने उनके पक्ष में उनकी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी लेकिन एनआईटी प्रबंधन ने उनके साथ अन्याय किया है.

सिक्योरिटी सुपरवाइजर अम्मी चंद ने कहा कि एनआईटी हमीरपुर की स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष उन्होंने इंटरव्यू दिए थे और उनसे नौकरी किए जाने को लेकर सवाल किया गया था जिस पर उन्होंने अपनी नौकरी को सुचारू रखने की बात कही थी. लेकिन अगले दिन ही उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

वहीं, जब इस बारे में एनआईटी हमीरपुर के निदेशक ललित अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में इस कार्य के लिए कोई भी स्क्रीनिंग कमेटी गठित नहीं की गई थी यह कार्य कंपनी को आउटसोर्स किया गया है और कंपनी ने कर्मचारियों को नौकरी पर रखा है. उक्त कर्मचारियों की सेवाओं को सुचारू रखने के लिए कंपनी अधिकारियों से बात की गई है.

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