हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा की कार्यकर्ता रायशुमारी से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के गृह जिले में सुजानपुर और हमीरपुर के सीट में उलझन पैदा हो गई है. भाजपा इलेक्शन कमेटी की बैठक से ठीक पहले कार्यकर्ताओं के रायशुमारी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर के साथ ही हमीरपुर सीट पर भी विकल्प बनकर उभरे हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रत्याशियों के चयन के लिए सुजानपुर और हमीरपुर मंडल के वोटिंग के दौरान धूमल समर्थकों के दबदबे से नए समीकरण बन गए हैं. (Himachal Assembly Elections 2022) (BJP candidate in Hamirpur) (Himachal BJP Candidate List)
बताया जा रहा है कि सुजानपुर मंडल की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री का इकलौता नाम दिल्ली भेजा गया है, जबकि हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में वह 50% लगभग भाजपा पदाधिकारियों की पहली पसंद बने हैं. माना जा रहा है कि हमीरपुर से वर्तमान भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर के साथ ही हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक नवीन शर्मा भी वोटिंग में अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि प्रत्याशियों के चयन से पहले भाजपा पदाधिकारियों द्वारा मंडल स्तर पर करवाई गई है यह वोटिंग समाधान के बजाय सियासी उलझन लेकर ही आई है. (Former Himachal CM Prem Kumar Dhumal) (Ground Report of Hamirpur District)
तो क्या ठाकुर जगदेव का परिवार बनेगा सुजानपुर का विकल्प?- हमीरपुर की सियासत के बड़े नाम ठाकुर जगदेव चंद के परिवार के ऊपर भी भाजपा के निगाहें हैं. माना जा रहा है कि यदि धूमल को हमीरपुर सीट से चुनावी दंगल में उतारा जाता है तो फिर इस परिवार से या तो वर्तमान भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर या फिर उनकी भाभी पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर को सुजानपुर सीट से भाजपा टिकट थमा सकती है. भाजपा के लिए यहां पर मुश्किल हो गया है कि उर्मिल ठाकुर ना तो किसी सर्वे में है और ना ही पदाधिकारियों की वोटिंग में जगह बना पाई हैं. (Political equation in Hamirpur district)
ऐसे में क्या भाजपा के हमीरपुर सीट से वर्तमान विधायक सुजानपुर से चुनाव लड़ने को राजी होंगे, इसको लेकर भी अभी संशय बरकरार है. नरेंद्र ठाकुर सुजानपुर से विधायक रह चुके हैं और उनकी भाभी पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर भी यहां से एक बार राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं. उर्मिल ठाकुर यहां पर चुनावों में तीसरे नंबर पर रही थीं, लेकिन सोच के बाद हुए चुनावों में उनके देवर ने राजेंद्र राणा की पत्नी अनीता राणा को हराकर जीत हासिल की थी. ऐसे में इस परिवार के सुजानपुर से चुनावी रण में उतरने की संभावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता है.
2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे, लेकिन भाजपा सत्ता में काबिज हो गई थी. एक बार फिर चुनावी बेला में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भाजपा के प्रादेशिक राजनीति के केंद्र में दिखने लगे हैं. उनके चुनाव लड़ने या ना लड़ने से प्रदेश भर में भाजपा के चुनावी नतीजों पर निश्चित तौर पर एक बड़ा असर देखने को मिलेगा. चुनाव लड़ने के साथ ही चुनावी नतीजों के बाद उनकी भूमिका को लेकर भाजपा पशोपेश में है. भाजपा के लिए पशोपेश यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को चुनावों का चेहरा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तय कर चुके हैं. अघोषित रूप से जयराम ठाकुर ही एक तरह से भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा हैं. ऐसे में यदि वरिष्ठ नेता धूमल को चुनाव लड़वाया जाता है तो वह मिशन रिपीट में किस रोल में रहेंगे यह भी अहम रहेगा. (BJP got voting done in Hamirpur ) (voting done in Hamirpur for candidates selection)
सुजानपुर में धूमल नहीं तो कौन?- सुजानपुर में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का इकलौता विकल्प होना भी हमीरपुर सीट से चुनाव लड़ने में कहीं ना कहीं अड़चन है. धूमल के हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का कयास भाजपा पदाधिकारियों के मतदान से पहले भी लगाए जा चुके हैं और राष्ट्रीय महामंत्री द्वारा हमीरपुर में दी गई पूर्व पदाधिकारियों की बैठक में भी इस मांग को प्रमुखता से रखा गया था. कुछ दिन पूर्व ही राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने सर्किट हाउस हमीरपुर में पूर्व पदाधिकारियों की बैठक ली थी, जिसमें काफी संख्या में धूमल समर्थकों ने उन्हें आगामी चुनावों में हमीरपुर विधानसभा सीट से उतारने की मांग उठाई थी. समर्थकों की यह मांग एक बार फिर प्रत्याशियों के चयन के लिए लिखित रूप से वोटिंग करवाई गई जिसे भाजपा हाईकमान को भेजा गया है. समर्थकों की इस इच्छा को अगर भाजपा हाईकमान मान भी लेती है तो सुजानपुर की उलझन बरकरार रहेगी.
बड़सर और भोरंज में मचा है सियासी घमासान- बड़सर और भोरंज विधानसभा क्षेत्र में सियासी घमासान में टिकट के लिए मचा है. पार्टी सूत्रों की मानें तो यहां पर प्रत्याशियों के चयन के लिए रविवार को करवाई गई पदाधिकारियों की वोटिंग में एक नहीं बल्कि कई नाम सूची में शामिल हुए. बड़सर में भाजपा जिला अध्यक्ष पूर्व विधायक बलदेव शर्मा, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर और दिवंगत भाजपा नेता राकेश शर्मा बबली के परिवार के सदस्यों को टिकट दिए जाने की चर्चा चल रही है. बताया जा रहा है कि वोटिंग में तो भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव शर्मा ने वर्चस्व कायम किया है, लेकिन लगातार 2 विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना बलदेव शर्मा के लिए चुनौती बना हुआ है, वहां दो दफा चुनाव हार गए हैं. ऐसे में हार का यही आंकड़ा उनकी टिकट की राह में रोड़ा बन रहा है.
वहीं, भोरंज विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक कमलेश कुमारी और भाजपा के पूर्व विधायक अनिल धीमान ने भाजपा पदाधिकारियों की वोटिंग में अपना-अपना नाम आगे करने की भरसक कोशिश की है. इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस नेता के पक्ष में कितने पदाधिकारियों ने अपनी प्राथमिकता दर्ज करवाई है, लेकिन यह तय है कि यहां पर भाजपा को टिकट तय करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. तमाम सर्वे और फिर वोटिंग के बाद भी यहां पर टिकट तय करना भाजपा संगठन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. (Hamirpur Assembly Constituency) (Bhoranj Assembly Constituency)
नादौन में HRTC के वाइस चेयरमैन पर बन सकती है सहमति- नादौन विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के नाम के चयन के लिए करवाई गई हुई वोटिंग में भाजपा के लिए कुछ हद तक राहत लेकर आई है. यहां पर भी पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री ही अधिकतर पदाधिकारियों की प्राथमिकता में दर्ज हुए हैं. यहां पर संघ का चेहरा बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी भी टिकट की दौड़ में हैं, लेकिन सर्वे रिपोर्ट और भाजपा पदाधिकारियों की वोटिंग में वह कहीं ना कहीं पीछे मानी जा रही हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हमीरपुर जिले में कम से कम इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी के चयन को लेकर अपेक्षाकृत कम उलझन में है.
(BJP Candidate from Bhoranj) (BJP Candidate from Barsar) (BJP Candidate from Sujanpur) (BJP Candidate from Nadaun)
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