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'सरकारी बाबुओं' ने मनरेगा के पुराने आंकड़े ही किए कॉपी-पेस्ट, 1.22 करोड़ के प्रोजेक्ट हुए रिजेक्ट - मनरेगा सेल्फ

हमीरपुर में ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, अधिकारियों ने मनरेगा सेल्फ के नाम पर धनेटा और गलोड़ क्षेत्र के पिछले साल के दस्तावेजों को कट-पेस्ट कर जिला परिषद की बैठक में पेश कर दिया.

जिला परिषद हमीरपुर
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Published : Oct 21, 2019, 10:55 AM IST

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग में अधिकारी धरातल पर कसरत करने की वजह पेपर टेंपरिंग में जुटे हुए हैं. अधिकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर पिछले साल के आंकड़ों को ही कट पेस्ट कर रहें हैं,जबकि पंचायतों में विकास के लिए मिलने वाले बजट को खर्च करने के लिए अधिकारियों की तरफ से किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है.

बता दें कि मनरेगा सेल्फ के नाम पर जिला के कुछ अधिकारियों ने पिछले साल के आंकड़े ही कॉपी पेस्ट कर दिए हैं. जिन्हें जिला परिषद के हाउस से रिजेक्ट कर दिया गया है. यह कुल 1 करोड़ 22 लाख के सेल्फ हैं, जिन्हें जिला परिषद हमीरपुर के पटल पर रखा गया था, लेकिन इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है. हाउस में कड़े शब्दों में स्पष्ट किया है कि कागजों के साथ छेड़छाड़ कर यदि अधिकारी इस तरह की कोताही बरतेंगे तो हाउस इस तरीके की लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेगा.

वीडियो

जिला परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने बताया कि धनेटा और गलोड़ के मनरेगा सेल्फ पिछले साल के ही कॉपी पेस्ट किए गए हैं. जिस वजह से इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है. बता दें कि इस लापरवाही का खुलासा जिला परिषद हमीरपुर के त्रैमासिक हाउस में हुआ है. इस मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. बता दें कि अधिकारियों की यह लापरवाही पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों पर भारी पड़ सकती है. वहीं, मनरेगा सेल्फ के रिजेक्ट हो जाने से सीधे तौर पर पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे.

हमीरपुर: जिला हमीरपुर के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग में अधिकारी धरातल पर कसरत करने की वजह पेपर टेंपरिंग में जुटे हुए हैं. अधिकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर पिछले साल के आंकड़ों को ही कट पेस्ट कर रहें हैं,जबकि पंचायतों में विकास के लिए मिलने वाले बजट को खर्च करने के लिए अधिकारियों की तरफ से किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है.

बता दें कि मनरेगा सेल्फ के नाम पर जिला के कुछ अधिकारियों ने पिछले साल के आंकड़े ही कॉपी पेस्ट कर दिए हैं. जिन्हें जिला परिषद के हाउस से रिजेक्ट कर दिया गया है. यह कुल 1 करोड़ 22 लाख के सेल्फ हैं, जिन्हें जिला परिषद हमीरपुर के पटल पर रखा गया था, लेकिन इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है. हाउस में कड़े शब्दों में स्पष्ट किया है कि कागजों के साथ छेड़छाड़ कर यदि अधिकारी इस तरह की कोताही बरतेंगे तो हाउस इस तरीके की लापरवाही पर कड़ा संज्ञान लेगा.

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जिला परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने बताया कि धनेटा और गलोड़ के मनरेगा सेल्फ पिछले साल के ही कॉपी पेस्ट किए गए हैं. जिस वजह से इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है. बता दें कि इस लापरवाही का खुलासा जिला परिषद हमीरपुर के त्रैमासिक हाउस में हुआ है. इस मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है. बता दें कि अधिकारियों की यह लापरवाही पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों पर भारी पड़ सकती है. वहीं, मनरेगा सेल्फ के रिजेक्ट हो जाने से सीधे तौर पर पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे.

Intro:पेपर टेंपरिंग कर हमीरपुर में अधिकारी मनरेगा सेल्फ को कर रहे कॉपी पेस्ट, 1.22 करोड़ के रिजेक्ट
हमीरपुर.
जिला हमीरपुर के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग में अधिकारी धरातल पर कसरत करने की वजह पेपर टेंपरिंग में जुटे हैं कागजों से छेड़छाड़ कर पिछले बरस के आंकड़ों को ही कट पेस्ट किया जा रहा है जबकि पंचायतों में विकास के लिए मिलने वाले बजट को खर्च करने के लिए कोई कसरत नहीं की जा रही है मनरेगा सेल्फ के नाम पर जिला के कुछ अधिकारियों ने पिछले साल के ही आंकड़े कॉपी पेस्ट कर दिए हैं जिन्हें जिला परिषद के हाउस से रिजेक्ट कर दिया गया है यहां कुल 1 करोड़ 22 लाख के सेल्फहैं जिन्हें रिजेक्ट किया गया है। इन सेल्फ को जिला परिषद हमीरपुर के पटल पर रखा गया था जहां से इन्हें रिजेक्ट किया गया है। हाउस में कड़ी शब्दों में स्पष्ट किया है कि कागजों के साथ छेड़छाड़ कर यदि अधिकारी इस तरह की कोताही बरते गे तो हाउस यह हरगिज भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
बता दें कि धनेटा और गलोड़ के मनरेगा सेल्फ पिछले साल के ही कॉपी पेस्ट किए गए हैं जिसका खुलासा जिला परिषद हमीरपुर के त्रैमासिक हाउस में हुआ है। यहां से इन सेल्फ को रिजेक्ट कर दिया गया है लेकिन इस मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर अभी तक कोई भी कदम जिला प्रशासन की तरफ से नहीं उठाए गए हैं। अधिकारियों की यह लापरवाही पंचायतों में चल रही विकास कार्यों पर भारी पड़ सकती है। मनरेगा सेल्फ के रिजेक्ट हो जाने से सीधे तौर पर पंचायतों में विकास कार्य ठप पड़ जाएंगे।


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जिला परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि धनेटा और गलोड़ के मनरेगा सेल्फ पिछले साल के ही कॉपी पेस्ट किए गए हैं इन सेल्फ को रिजेक्ट कर दिया गया है।



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