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एसएचओ रिश्वतखोरी मामला: तमाम सबूतों के बावजूद भी आरोपी थानेदार पुलिस की गिरफ्त से बाहर

रिश्वत मामले में तमाम सबूतों के बावजूद भी थानेदार पुलिस की गिरफ्त से (Hamirpur SHO bribery case ) बाहर है. भूमिगत नीरज राणा को पकड़ना पुलिस और विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. मामले के 48 घंटे बाद सबूतों को इकट्ठा करने में कुछ हद तक विजिलेंस टीम (Vigilance Police Station Hamirpur) कामयाब तो हुई है लेकिन ना तो थानेदार ही हाथ लगा है और ना ही रिश्वतखोरी के 25 हजार रुपए.

sho nadaun neeraj rana
एसएचओ रिश्वतखोरी मामला
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Published : Dec 23, 2021, 7:38 PM IST

हमीरपुर: थानेदार नीरज राणा रिश्वतखोरी मामले में आरोपी के भूमिगत हो जाने के बाद तमाम सबूत मिलने के बावजूद जांच कुछ हद तक थमी सी नजर आ रही है. 48 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस और विजिलेंस की टीमें दोनों ही खाली हाथ हैं. आरोपी थानेदार विजिलेंस में भी लंबे समय तक सेवाएं दे चुका है ऐसे में उसे पकड़ना पुलिस और विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर (Hamirpur SHO bribery case) साबित होने लगा है.

पुलिस और विजिलेंस के तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद 48 घंटे बीत जाने के बाद भी परिणाम शून्य ही है. दरअसल आरोपी नीरज राणा भी उन तमाम हथकंडे से वाकिफ है जो उसे पकड़ने के लिए पुलिस के द्वारा अपनाए जा रहे हैं. महकमे से निलंबित नीरज राणा महज एक आरोपी नहीं (Hamirpur SHO bribery case) बल्कि एक ट्रेंड अफसर भी है जिसे पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. आरोपी का मोबाइल घटनाक्रम के तुरंत बाद बंद है ऐसे में उसे मोबाइल से ट्रैक करना भी संभव नहीं है.


एसएचओ रिश्वतखोरी मामले में आरोपों को साबित करने की दिशा में तो विजिलेंस के हाथ में सबूत लगे हैं लेकिन आरोपी थानेदार (Hamirpur SHO bribery case) अभी भी गिरफ्त से बाहर है. थानेदार गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर वह केमिकल भी बरामद कर लिया गया है जो रिश्वतखोरी के रुपयों के नोट पर लगाकर आरोपी को दिया गया था. मामले के 48 घंटे बाद सबूतों को इकट्ठा करने में कुछ हद तक विजिलेंस टीम कामयाब तो हुई है लेकिन ना तो थानेदार ही हाथ लगा है और ना ही रिश्वतखोरी के 25 हजार रुपए.


नादौन थाना में ही आरोपी नीरज राणा के खिलाफ (Hamirpur SHO bribery case ) आईपीसी की धारा 307 हत्या के प्रयास का मुकदमा और चिट्टा बरामद होने पर एनडीपीएस एक्ट लगाया गया है. अब पुलिस महकमे ने आरोपी थानेदार को निलंबित करने के साथ ही (sho nadaun neeraj rana) विभागीय जांच बैठा दी है. इस जांच में थानेदार की संपत्तियों की जांच होगी. एसएचओ के पास 10 लाख रुपए की लग्जरी गाड़ी थी ऐसे में अब यह पता लगाया जाएगा कि उसने कहां-कहां जमीन और मकान खरीदे हैं.

विभागीय जांच में आरोपी के परिवार वालों के भी बैंक खातों की बारीकी से जांच होगी. बहरहाल अभी तक विजिलेंस और जिला पुलिस हमीरपुर खाली हाथ है. वहीं, लालमन शर्मा डीएसपी विजिलेंस हमीरपुर ने कहा कि (Vigilance Police Station Hamirpur) आरोपी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. टीम लगातार प्रयास कर रही है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें : रिश्वत लेकर फरार हुए थानेदार की निजी गाड़ी बरामद, जानें क्यों घूस मांग रहा था एसएचओ

हमीरपुर: थानेदार नीरज राणा रिश्वतखोरी मामले में आरोपी के भूमिगत हो जाने के बाद तमाम सबूत मिलने के बावजूद जांच कुछ हद तक थमी सी नजर आ रही है. 48 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस और विजिलेंस की टीमें दोनों ही खाली हाथ हैं. आरोपी थानेदार विजिलेंस में भी लंबे समय तक सेवाएं दे चुका है ऐसे में उसे पकड़ना पुलिस और विजिलेंस के लिए टेढ़ी खीर (Hamirpur SHO bribery case) साबित होने लगा है.

पुलिस और विजिलेंस के तमाम हथकंडे अपनाने के बावजूद 48 घंटे बीत जाने के बाद भी परिणाम शून्य ही है. दरअसल आरोपी नीरज राणा भी उन तमाम हथकंडे से वाकिफ है जो उसे पकड़ने के लिए पुलिस के द्वारा अपनाए जा रहे हैं. महकमे से निलंबित नीरज राणा महज एक आरोपी नहीं (Hamirpur SHO bribery case) बल्कि एक ट्रेंड अफसर भी है जिसे पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. आरोपी का मोबाइल घटनाक्रम के तुरंत बाद बंद है ऐसे में उसे मोबाइल से ट्रैक करना भी संभव नहीं है.


एसएचओ रिश्वतखोरी मामले में आरोपों को साबित करने की दिशा में तो विजिलेंस के हाथ में सबूत लगे हैं लेकिन आरोपी थानेदार (Hamirpur SHO bribery case) अभी भी गिरफ्त से बाहर है. थानेदार गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर वह केमिकल भी बरामद कर लिया गया है जो रिश्वतखोरी के रुपयों के नोट पर लगाकर आरोपी को दिया गया था. मामले के 48 घंटे बाद सबूतों को इकट्ठा करने में कुछ हद तक विजिलेंस टीम कामयाब तो हुई है लेकिन ना तो थानेदार ही हाथ लगा है और ना ही रिश्वतखोरी के 25 हजार रुपए.


नादौन थाना में ही आरोपी नीरज राणा के खिलाफ (Hamirpur SHO bribery case ) आईपीसी की धारा 307 हत्या के प्रयास का मुकदमा और चिट्टा बरामद होने पर एनडीपीएस एक्ट लगाया गया है. अब पुलिस महकमे ने आरोपी थानेदार को निलंबित करने के साथ ही (sho nadaun neeraj rana) विभागीय जांच बैठा दी है. इस जांच में थानेदार की संपत्तियों की जांच होगी. एसएचओ के पास 10 लाख रुपए की लग्जरी गाड़ी थी ऐसे में अब यह पता लगाया जाएगा कि उसने कहां-कहां जमीन और मकान खरीदे हैं.

विभागीय जांच में आरोपी के परिवार वालों के भी बैंक खातों की बारीकी से जांच होगी. बहरहाल अभी तक विजिलेंस और जिला पुलिस हमीरपुर खाली हाथ है. वहीं, लालमन शर्मा डीएसपी विजिलेंस हमीरपुर ने कहा कि (Vigilance Police Station Hamirpur) आरोपी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं. टीम लगातार प्रयास कर रही है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा.

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