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Medical College Hamirpur: 5 घंटे तक बेटे के शव के पोस्टमार्टम के लिए भटकता रहा लाचार पिता - Post mortem at Hamirpur Medical College

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Medical College Hamirpur) में तमाम कागजी औपचारिकता पूरी करने के बावजूद बेटे के पोस्टमार्टम के लिए लाचार पिता को 5 घंटे तक भटकना पड़ा. परिजनों ने आरोप लगाया कि जब अस्पताल में पोस्टमोर्टम करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर था तो उनका समय क्यों बर्बाद किया गया. अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि मामले के कागजी जांच के बाद पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत थी. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का फॉरेंसिक एक्सपर्ट छुट्टी पर था जिस वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा भेजा गया है.

Medical College Hamirpur
फोटो.
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Published : Dec 23, 2021, 8:37 PM IST

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तमाम कागजी औपचारिकता पूरी करने के बावजूद बेटे के पोस्टमार्टम के लिए लाचार पिता को 5 घंटे तक भटकना पड़ा. ऊना जिले के बंगाणा निवासी कमलेश चंद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. युवक की मौत के बाद बंगाणा पुलिस और परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लाए, लेकिन यहां पर करीब 6 घंटे के बाद उन्हें टांडा भेज दिया गया.

मृतक के परिजनों और पिता कमलेश चंद ने इसका विरोध जताया है. परिजनों ने आरोप लगाया (no doctor in Hamirpur Medical college) कि जब अस्पताल में पोस्टमोर्टम करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर था तो उनका समय क्यों बर्बाद किया गया. अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि मामले के कागजी जांच के बाद पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत थी. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का फॉरेंसिक एक्सपर्ट छुट्टी पर था जिस वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा भेजा गया है.

ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस को यह जानकारी नहीं थी कि (Hamirpur Medical college management accused of negligence) इस पोस्टमार्टम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत है या फिर जानबूझकर पुलिस टीम टांडा मेडिकल कॉलेज जाने से टल रही थी. कारण या चाहे जो भी रहे हो बेटे को दुर्घटना में खोने वाले कमलेश चंद्र और उसके परिजनों को पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की कोताही के कारण परेशान होना पड़ा.

वीडियो.

इस मामले में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान का कहना है कि पोस्टमार्टम के कागज चेक करने के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट का इस टीम में होना जरूरी था. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तैनात फॉरेंसिक एक्सपर्ट वीरवार को अवकाश पर था जिस वजह से परिजनों को पोस्टमार्टम करवाने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.

मृतक युवक के पिता कमलेश चंद्र ने कहा कि 11 अक्टूबर को बेटा दुर्घटना में घायल हो गया था और उसका इलाज घर पर ही करवाया जा रहा था. वीरवार सुबह बेटे की मौत हो गई. बंगाणा पुलिस में इस पर शिकायत की गई तो उन्हें हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और बाद में उन्हें डॉक्टर न होने के बात कह कर टांडा भेज दिया गया. अस्पताल प्रशासन के लापरवाह रवैये से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है.

ये भी पढ़ें- एसएचओ रिश्वतखोरी मामला: तमाम सबूतों के बावजूद भी आरोपी थानेदार पुलिस की गिरफ्त से बाहर

हमीरपुर: मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तमाम कागजी औपचारिकता पूरी करने के बावजूद बेटे के पोस्टमार्टम के लिए लाचार पिता को 5 घंटे तक भटकना पड़ा. ऊना जिले के बंगाणा निवासी कमलेश चंद के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी. युवक की मौत के बाद बंगाणा पुलिस और परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लाए, लेकिन यहां पर करीब 6 घंटे के बाद उन्हें टांडा भेज दिया गया.

मृतक के परिजनों और पिता कमलेश चंद ने इसका विरोध जताया है. परिजनों ने आरोप लगाया (no doctor in Hamirpur Medical college) कि जब अस्पताल में पोस्टमोर्टम करने वाला डॉक्टर छुट्टी पर था तो उनका समय क्यों बर्बाद किया गया. अस्पताल प्रबंधन का तर्क है कि मामले के कागजी जांच के बाद पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत थी. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर का फॉरेंसिक एक्सपर्ट छुट्टी पर था जिस वजह से शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा भेजा गया है.

ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस को यह जानकारी नहीं थी कि (Hamirpur Medical college management accused of negligence) इस पोस्टमार्टम में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जरूरत है या फिर जानबूझकर पुलिस टीम टांडा मेडिकल कॉलेज जाने से टल रही थी. कारण या चाहे जो भी रहे हो बेटे को दुर्घटना में खोने वाले कमलेश चंद्र और उसके परिजनों को पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की कोताही के कारण परेशान होना पड़ा.

वीडियो.

इस मामले में मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चौहान का कहना है कि पोस्टमार्टम के कागज चेक करने के बाद फॉरेंसिक एक्सपर्ट का इस टीम में होना जरूरी था. मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में तैनात फॉरेंसिक एक्सपर्ट वीरवार को अवकाश पर था जिस वजह से परिजनों को पोस्टमार्टम करवाने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.

मृतक युवक के पिता कमलेश चंद्र ने कहा कि 11 अक्टूबर को बेटा दुर्घटना में घायल हो गया था और उसका इलाज घर पर ही करवाया जा रहा था. वीरवार सुबह बेटे की मौत हो गई. बंगाणा पुलिस में इस पर शिकायत की गई तो उन्हें हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई और बाद में उन्हें डॉक्टर न होने के बात कह कर टांडा भेज दिया गया. अस्पताल प्रशासन के लापरवाह रवैये से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा है.

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