हमीरपुर: जिला हमीरपुर की महिलाएं अब हैवी लाइसेंस बनाने के लिए आगे आ रही हैं. एचआरटीसी डिपो हमीरपुर के ड्राइविंग स्कूल में अब 32 वर्षीय महिला अनुराधा ने स्टेरिंग थामा है. वे ट्रेनिंग स्कूल में दो माह से ड्राइविंग की बारीकियां सीख रही हैं, ताकि वे भी एचआरटीसी में भर्ती होकर निगम की बसें चला सकें. अनुराधा का कहना है कि परिजनों का उसे पूरा सहयोग मिल रहा है. जिस वजह से वह यहां पर ट्रेनिंग ले रही हैं. उनका सपना है कि वह एचआरटीसी की बस चलाएं.
एचआरटीसी ड्राइविंग स्कूल हमीरपुर के इंचार्ज शैलेश शर्मा ने कहा कि करीब आधा दर्जन महिलाओं के फोन नैंसी के प्रशिक्षण के दौरान हैवी लाइसेंस बनाने के लिए आए थे, लेकिन कोरोना महामारी की बंदिशें दोबारा लगने से महिलाएं प्रशिक्षण के लिए नहीं पहुंच पाई.
हालांकि धनेटा क्षेत्र के जसोह गांव की 32 वर्षीय महिला अनुराधा जरूर प्रशिक्षण के लिए पहुंची. अनुराधा को हैवी लाइसेंस प्रशिक्षण के लिए उसके पति संजय कुमार (जोकि दुकान करते हैं), सास सहित परिवार के अन्य सदस्यों का काफी स्पॉट मिला है. अनुराधा दसवीं पास हैं और उसकी दो बेटियां व एक बेटा है.
अनुराधा कार भी चलाती हैं. अनुराधा की मानें तो उनका भी एक ही सपना है कि वे हैवी लाइसेंस बनाने के उपरांत एचआरटीसी में भर्ती होना चाहती हैं, ताकि वे एचआरटीसी महिला चालक सीमा ठाकुर की तरह निगम की बसों में अपनी सेवाएं दे सके.
बता दें कि हमीरपुर डिपो के ड्राइविंग स्कूल में इससे पहले भी कश्मीर क्षेत्र की बीकॉम छात्रा 21 वर्षीय नैंसी भी हैवी लाइसेंस का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी है. उसी को देखकर अब जिला की और महिलाएं भी हैवी लाइसेंस बनाने के लिए एचआरटीसी के ड्राइविंग स्कूल में संपर्क कर रही हैं.
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