धर्मशालाः लद्दाख की दक्षिण पैंगोंग झील के किनारे भारत तिब्बत सीमा पर 30 अगस्त को पेट्रोलिंग करते हुए बारूदी सुरंग में विस्फोट के कारण स्पेशल फ्रंटियर फोर्स 7 बटालियन के 53 वर्षीय नइमा तेनजिंग शहीद हो गए. तेंजिंग अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चे छोड़ गए हैं. वहीं, तिब्बतियन समुदाय के लोगों ने सोमवार को उनकी याद में शोक सभा आयोजित की. इसमें तिब्बती युवा कांग्रेस और तिब्बती महिला मंच द्वारा शहीद सूबेदार नइमा तेनजिंग को भावभीनी श्रद्धांजलि और श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए.
साथ ही उनके आत्म शांति की प्रार्थना की गई. चीनी घुसपैठ की रोकते हुए नइमा तेनजिंग शहीद हुए हैं. तिब्बतियन समुदाय के युवाओं ने कहा कि भारत हमारा दूसरा घर है और तिब्बत की लड़ाई के लिए वे संघर्ष करते रहंगे.
तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गोम्पो धोंडुप ने कहा कि यह एक प्रार्थना सत्र है जिसका आयोजन तिब्बती युवा कांग्रेस ने शहीद नइमा तेनजिंग के सम्मान में किया गया है. साथ ही घायल तिब्बती एसएफएफ और भारतीय सेना के जवानों के जल्द स्वस्थ होने की भी प्रार्थना की गई.
उन्होंने कहा कि हम हिमालय क्षेत्र से विशेष रूप से भारतीय क्षेत्र में चीनी विस्तारवादी घुसपैठ पर कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने तिब्बत में चीनी क्रूरता पर भी कड़ी आपत्ति जताई है.
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