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कांगड़ा के देहरा में मिले सैटेलाइट फोन के सिग्नल, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट - देहरा में सैटेलाइट फोन के सिग्नल

कांगड़ा के देहरा उपमंडल के इलाकों में सैटेलाइट फोन के सिग्नल मिलने से सुरक्षा एजेंसयां अलर्ट हो गई हैं. इस मामले को लेकर कांगड़ा पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान भी चलाया है. फिलहाल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जांच जारी है.

Satellite phone signals found in Kangra
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Published : Jan 8, 2020, 3:17 PM IST

ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल के इलाकों में दो दिन से सैटेलाइट फोन के सिग्नल मिलने से सुरक्षा एजेंसयां चौकस हो गई हैं. प्रदेश में सैटेलाइट फोन पर पाबंदी है. ऐसे में सैटेलाइट फोन का सिग्नल मिलने से सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियां सकते में हैं.

जानकारी के अनुसार मिलिट्री इंटेलिजेंस ने थुरैया सैटेलाइट फोन के सिगनल का इंटरसेप्शन किया है. इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है. मामले को लेकर कांगड़ा पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान भी चलाया, लेकिन अभी तक कोई फोन या संदिग्ध नहीं पकड़ा जा सका है.

बता दें कि क्षेत्र में इससे पहले भी थुरैया सैटेलाइट फोन के सिग्नल इंटरसेप्शन होने की घटना सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियां ने तलाशी अभियान चलाया था.करीब चार साल पहले धर्मशाला में एक विदेशी पर्यटक महिला से थुरैया फोन बरामद किया गया था. धर्मशाला कोर्ट ने महिला को अवैध रूप से सैटेलाइट फोन रखने के लिए जुर्माना भी लगाया था.

इसके अतिरिक्त रोहतांग सुरंग के निर्माण में लगी निजी कंपनी के प्रबंधकों से 2 थुरैया फोन पकड़े गए थे. कंपनी प्रबंधक इन सैटेलाइट फोनों का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में कर रहे थे जहां मोबाइल फोन का सिग्नल नहीं था. प्रदेश में थुरैया फोन का इस्तेमाल पर्वतारोहण के लिए जाने वाले पर्यटक भी करते रहते हैं.

इस मामले में एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने कहा कि सेटेलाइट सिग्नल को लेकर उन्हें जानकारी प्राप्त हुई थी. इस पर कार्रवाई अमल में लाते हुए कांगड़ा पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने क्षेत्र में संयुक्त सर्च अभियान चलाया है ,लेकिन अभी तक कोई फोन या संदिग्ध नहीं पकड़ा जा सका है. इसे लेकर कार्रवाई जारी है.

गौरतलब है कि हिमाचल की सरहद पंजाब और जम्मू-कश्मीर के साथ लगती हैं और पाकिस्तान कई बार दोनों राज्यों की शांति भंग कर चुका है. ऐसे में जिला कांगड़ा के अलग-अलग क्षेत्रों में मिल रहे सिग्नलों से सुरक्षा ऐंजसियों और पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.

कैसे काम करता है सैटेलाइट फोन

सैटेलाइट या सेटफोन फोन सीधा सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है. इससे जमीन, हवा या पानी से किसी भी स्थान पर फोन कॉल कर सकते हैं. ये कहीं भी संकेत पकड़ सकता है. इसके लिए मोबाईल नेटवर्क की जरुरत नहीं होती.

सभी देशों के सेटफोन के बारे में अलग-अलग कानून हैं. भारत में सेटफोन हासिल करने के लिए विशेष कानून हैं. सैटेलाइट फोन की सुविधा आपदा प्रबंधन, सैन्य सेवाओं आदि क्षेत्रों के लिए आदर्श होती हैं.

ये भी पढ़ें: SC/ST आरक्षण को 10 साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर हिमाचल विधानसभा की भी मंजूरी, CM बोले समाजिक भेदभाव हो खत्म

ज्वालामुखीः जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल के इलाकों में दो दिन से सैटेलाइट फोन के सिग्नल मिलने से सुरक्षा एजेंसयां चौकस हो गई हैं. प्रदेश में सैटेलाइट फोन पर पाबंदी है. ऐसे में सैटेलाइट फोन का सिग्नल मिलने से सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियां सकते में हैं.

जानकारी के अनुसार मिलिट्री इंटेलिजेंस ने थुरैया सैटेलाइट फोन के सिगनल का इंटरसेप्शन किया है. इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है. मामले को लेकर कांगड़ा पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इलाके में संयुक्त तलाशी अभियान भी चलाया, लेकिन अभी तक कोई फोन या संदिग्ध नहीं पकड़ा जा सका है.

बता दें कि क्षेत्र में इससे पहले भी थुरैया सैटेलाइट फोन के सिग्नल इंटरसेप्शन होने की घटना सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियां ने तलाशी अभियान चलाया था.करीब चार साल पहले धर्मशाला में एक विदेशी पर्यटक महिला से थुरैया फोन बरामद किया गया था. धर्मशाला कोर्ट ने महिला को अवैध रूप से सैटेलाइट फोन रखने के लिए जुर्माना भी लगाया था.

इसके अतिरिक्त रोहतांग सुरंग के निर्माण में लगी निजी कंपनी के प्रबंधकों से 2 थुरैया फोन पकड़े गए थे. कंपनी प्रबंधक इन सैटेलाइट फोनों का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में कर रहे थे जहां मोबाइल फोन का सिग्नल नहीं था. प्रदेश में थुरैया फोन का इस्तेमाल पर्वतारोहण के लिए जाने वाले पर्यटक भी करते रहते हैं.

इस मामले में एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने कहा कि सेटेलाइट सिग्नल को लेकर उन्हें जानकारी प्राप्त हुई थी. इस पर कार्रवाई अमल में लाते हुए कांगड़ा पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने क्षेत्र में संयुक्त सर्च अभियान चलाया है ,लेकिन अभी तक कोई फोन या संदिग्ध नहीं पकड़ा जा सका है. इसे लेकर कार्रवाई जारी है.

गौरतलब है कि हिमाचल की सरहद पंजाब और जम्मू-कश्मीर के साथ लगती हैं और पाकिस्तान कई बार दोनों राज्यों की शांति भंग कर चुका है. ऐसे में जिला कांगड़ा के अलग-अलग क्षेत्रों में मिल रहे सिग्नलों से सुरक्षा ऐंजसियों और पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.

कैसे काम करता है सैटेलाइट फोन

सैटेलाइट या सेटफोन फोन सीधा सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है. इससे जमीन, हवा या पानी से किसी भी स्थान पर फोन कॉल कर सकते हैं. ये कहीं भी संकेत पकड़ सकता है. इसके लिए मोबाईल नेटवर्क की जरुरत नहीं होती.

सभी देशों के सेटफोन के बारे में अलग-अलग कानून हैं. भारत में सेटफोन हासिल करने के लिए विशेष कानून हैं. सैटेलाइट फोन की सुविधा आपदा प्रबंधन, सैन्य सेवाओं आदि क्षेत्रों के लिए आदर्श होती हैं.

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Intro:देहरा के चनौर में Satellite Phone का सिग्नल मिलने से मचा हड़कंप , सुरक्षा एजेंसियां Alert

फोन सेट उपयोग में लिए जाने का इंटरसेप्शन मिलिट्री इंटेलिजेंस को मिलने के उपरांत पुलिस को सूचित किया गयाBody:

ज्वालामुखी।
हिमाचल में सैटेलाइट फोन पर पाबंदी के बावजूद बीते दो दिन से जिला कांगड़ा के देहरा उपमंडल के क्षेत्रों में सैटेलाइट फोन के सिग्नल मिलने से हड़कंप मच गया है। केंद्रीय सुरक्षा एजेसियों ने सैटेलाइट फोन के सिग्नल इंटरसेप्ट किए हैं। सैटेलाइट फोन का सिग्नल मिलने से सेना, पुलिस और अन्य एजेंसियां भी हरकत में आ गई हैं। सैटेलाइट थुरैया फोन सेट उपयोग में लिए जाने का इंटरसेप्शन मिलिट्री इंटेलिजेंस को मिलने के उपरांत पुलिस को सूचित किया गया। जिला कांगड़ा पुलिस व मिलिट्री इंटेलिजेंस ने क्षेत्र में संयुक्त सर्च अभियान चलाया, लेकिन अभी तक कोई फोन या संदिग्ध नहीं पकड़ा जा सका है।
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पहले भी कई मर्तबा थुरैया फोन सैट के सिग्नल इंटरसेप्शन होने की घटना सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद पुलिस व अन्य खुफिया एजेंसियां चौकस हो गई हैं लेकिन हर बार की जांच के बाद इनके यूजर्स की पहचान नहीं हो पाई है। इससे पहले चार साल पहले धर्मशाला से पर्यटक विदेशी महिला से थुरैया फोन बरामद किया गया था। इसे धर्मशाला न्यायालय ने अवैध रूप से सैटेलाइट फोन रखने के मामले में जुर्माना किया था। इसके अतिरिक्त रोहतांग सुरंग के निर्माण में लगी निजी कंपनी के प्रबंधकों से दो थुरैया फोन पकड़े गए थे। कंपनी प्रबंधक इन सैटेलाइट फोनों का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में कर रहे थे जहां मोबाइल फोन का सिग्नल नहीं था। प्रदेश में थुरैया फोन का इस्तेमाल पर्वतारोहण पर जाने वाले पर्यटक भी करते रहते हैं।

क्या है सैटेलाइट फोन
ये फोन सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है। सैटेलाइट फोन से किसी भी स्थान पर फोन कॉल की जा सकती है। ये फोन जमीन, हवा या पानी कहीं भी सिग्नल पकड़ सकता है। सैटेलाइट फोन यूजर को एक ही अड़चन आती है की इसके माध्यम से की गई बात का सिग्नल सैटेलाइट तक पहुंचने और आने में समय लगता है। ये काफी महंगा होता है लेकिन इसके फायदों के सामने यह कीमत नगण्य है। किसी भी आपदा की स्थिति में ये दुनिया के दूर-दराज क्षेत्रों में ऐसे समय में संपर्क साध सकता है जब अन्य दूर संचार साधन काम नहीं करते।

इस समय दुनिया में तीन कंपनियां इरीडियम, ग्लोबल स्टार और थुरैया सेट फोन सैटेलाइट फोन की सेवाएं दे रही हैं। इनमें से इरीडियम की सेवा पूरी दुनिया में, ग्लोबल स्टार दुनिया के 80 प्रतिशत हिस्से और थुरैया की सेवा भारत और एशिया के अन्य हिस्सों अफ्रीका, पश्चिम एशिया और यूरोप में है। सेट फोन सेवा लेने के लिए कंपनी के साथ अनुबंध करना होता है। इनका मूल्य नेटवर्क कवर्ज एरिया के हिसाब से ही वसूला जाता है। सैटेलाइट से मिलने वाले सिग्नल के कारण ये दुनिया के किसी भी कोने में संपर्क बनाने में सहायक है। इसका इस्तेमाल करना कानूनन गंभीर मामला है।

आतंकवादी संगठन भी करते हैं इस्तेमाल
भारत में सैटेलाइट फोन पर पाबंदी लगाने का सबसे बड़ा कारण इसका आतंकवादी संगठनों द्वारा इस्तेमाल करना है। आतंकवादी इन फोनों को स्मगलिंग कर देश में लाते हैं, जिसके माध्यम से वह दुर्गम क्षेत्रों में बनाए अपने ठिकानों से इसका इस्तेमाल कर अपने नेटवर्क के साथ जुड़े रहते हैं। ऐसे में जिला कांगड़ा के अलग-अलग क्षेत्रों में मिल रहे सिग्नलों से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हैं।


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