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कागंड़ा में पौंग बांध विस्थापितों ने किया चक्का जाम, सरकार को दी ये चेतावनी - पौंग बांध विस्थापित न्यूज कांगड़ा

गुरुवार को पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर राजा का तलाब मार्ग पर चक्का जाम किया, जिससे मार्ग पर यातायात व्यवस्था बंद रही. पौंग बांध विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है, तो उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है.

pong dam Displaced protest in kangra
प्रदर्शन करते बांध विस्थापित
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Published : Nov 28, 2019, 8:29 PM IST

कांगड़ा: जिला में गुरुवार को पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर राजा का तलाब मार्ग पर चक्का जाम किया, जिससे मार्ग पर यातायात व्यवस्था ठप्प हो रही. इसी बीच पौंग बांध विस्थापितों ने प्रदेश और केन्द्र सरकार को चेताया कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो करो या मरो की नीति पर चलते हुए आंदोलन करेंगे.

पौंग बांध विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि जब भी प्रदेश में चुनाव आते हैं तो दोनों पार्टियों को विस्थापितों की याद सिर्फ वोट के लिए आती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद दोनों दल पौंग बांध विस्थापितों को भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि आखिरकार विस्थापितों की अनदेखी का क्या कारण है.

वीडियो

विस्थापितों ने बताया कि जब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है, तो उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है. ऐसे में सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना की जा रही है. पौंग बांध विस्थापितों के चक्का जाम में शामिल समिति के सदस्यों ने कहा कि पौंग डैम बनने के समझौते के अनुसार आज तक विस्थापितों को राजस्थान में जमीन नहीं मिल पाई है. 47 साल से विस्थापित प्रदेश , केंद्र और राजस्थान सरकार से हक मांग रहे हैं, लेकिन आज तक हक नहीं मिला .

बता दें कि पौंग बांध विस्थापितों द्वारा राजा का तलाब मार्ग पर चक्का जाम करने की सूचना मिलते ही डीएसपी नूरपुर साहिल अरोड़ा व डीसी आर अश्वनी सूद ने घटनास्थल पर जाकर पौंग बांध विस्थापितों को समझाया. इसी बीच डीसी आर अश्वनी सूद ने पौंग बांध विस्थापितों को 15 दिन के भीतर विस्थापितों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक उच्चाधिकारियों के साथ करवाने का आश्वासन दिया.

कांगड़ा: जिला में गुरुवार को पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी मांग को लेकर राजा का तलाब मार्ग पर चक्का जाम किया, जिससे मार्ग पर यातायात व्यवस्था ठप्प हो रही. इसी बीच पौंग बांध विस्थापितों ने प्रदेश और केन्द्र सरकार को चेताया कि अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो करो या मरो की नीति पर चलते हुए आंदोलन करेंगे.

पौंग बांध विस्थापितों ने आरोप लगाया है कि जब भी प्रदेश में चुनाव आते हैं तो दोनों पार्टियों को विस्थापितों की याद सिर्फ वोट के लिए आती है, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद दोनों दल पौंग बांध विस्थापितों को भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि आखिरकार विस्थापितों की अनदेखी का क्या कारण है.

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विस्थापितों ने बताया कि जब देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया है, तो उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है. ऐसे में सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना की जा रही है. पौंग बांध विस्थापितों के चक्का जाम में शामिल समिति के सदस्यों ने कहा कि पौंग डैम बनने के समझौते के अनुसार आज तक विस्थापितों को राजस्थान में जमीन नहीं मिल पाई है. 47 साल से विस्थापित प्रदेश , केंद्र और राजस्थान सरकार से हक मांग रहे हैं, लेकिन आज तक हक नहीं मिला .

बता दें कि पौंग बांध विस्थापितों द्वारा राजा का तलाब मार्ग पर चक्का जाम करने की सूचना मिलते ही डीएसपी नूरपुर साहिल अरोड़ा व डीसी आर अश्वनी सूद ने घटनास्थल पर जाकर पौंग बांध विस्थापितों को समझाया. इसी बीच डीसी आर अश्वनी सूद ने पौंग बांध विस्थापितों को 15 दिन के भीतर विस्थापितों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक उच्चाधिकारियों के साथ करवाने का आश्वासन दिया.

Intro:पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर राजा का तलाब में चक्का जाम कर दिया। काफी गहमागहमी के बाद डीएसपी नूरपुर साहिल अरोड़ा व डीसी आर एण्ड आर अश्वनी सूद ने मौके पर पहुंच कर विस्थापितों को समझाया और मार्ग बहाल करवाया। इस दौरान हाथों में तख्तियां लिए समिति सदस्यों ने केंद्र, प्रदेश व राजस्थान सरकार को चेताया कि अगर जल्द पौंग बांध विस्थापितों की समस्याओं पर कोई फैसला नहीं लिया तो विस्थापित करो या मरो की नीति पर चलते हुए आंदोलन करेंगे। पौंग विस्थापितो ने प्रदेश सरकार, सांसदों व प्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि वे विस्थापितों के हक की आवाज को प्रमुखता से नहीं उठा पाए हैं। Body:विस्थापितों का कहना है कि जब भी प्रदेश में चुनाव आते हैं तो दोनों ही प्रमुख पार्टियों को विस्थापितों की याद मात्र वोटों की राजनीति के लिए ही आती है। आखिरकार विस्थापितों की अनदेखी का क्या कारण है? पौंग डैम बनने के समझौते के अनुसार आज तक विस्थापितों को राजस्थान में जमीन नहीं मिल पाई है। यहां वहां रहकर परिवार गुजर बसर कर रहे हैं। 47 साल से विस्थापित केंद्र, प्रदेश व राजस्थान सरकार से हक मांग रहे हैं, लेकिन आजतक हक नहीं मिला है। अब मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य हो गए हैं। इस मौके पर
विस्थापितों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना की बात भी कही। विस्थापितों का कहना है कि जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने उनके हक में फैसला दिया है, तो उसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा है। देश की सबसे बड़ी अदालत को भी चाहिए कि अपने दिए हुए फैसले को लागू करवाने के लिए सरकारों पर दबाव बनाया जाए। वहीं विस्थापितों के आक्रोश को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया। Conclusion:इसके साथ ही डीसी आर एंड आर अश्वनी सूद ने भी समस्याएं सुनते हुए 15 दिन के भीतर विस्थापितों के एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक उच्चाधिकारियों के साथ करवाने का आश्वासन दिया, तब जाकर बिस्थापितों ने यातायात बहाल होने दिया।
विसुअल
उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना देते पोंग बांध विस्थापित।

बाईट
डीसी आर एंड आर राजा का तलाब अश्वनी सूद।
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