कांगड़ा: राज्य पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference of State Tourism Ministers) का आगाज आज हिमाचल की पर्यटन नगरी धर्मशाला (Tourism Ministers Meeting) में हुआ. शुभारंभ मौके पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि 18, 19 और 20 को भारत सरकार व पर्यटन विभाग की ओर से सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का कॉन्क्लेव धर्मशाला में आयोजित किया जा रहा है. इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना, डेस्टिनेशन बढ़ाना, डोमेस्टिक टूरिज्म, फॉरेन टूरिज्म, ईको टूरिज्म सहित कई अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा.
नेशनल टूरिज्म पॉलिसी लाएगी सरकार: जी किशन रेड्डी ने कहा कि इसमें नेशनल टूरिज्म पॉलिसी (National Tourism Policy) के विषय में विभिन्न लोगों से विचार लिए गए हैं. इसका एक ड्राफ्ट भी पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलोड किया गया है. उन्होंने कहा कि भारत के सभी मंत्रालयों से भी आइडिया लिया गया है. कॉन्फ्रेंस में इन सभी पर विचार विमर्श किया जाएगा. इसके बाद बजट सत्र में नेशनल टूरिज्म पॉलिसी लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय हर राज्य विभाग से कोर्डिशन कर रहा है.
PPP मॉडल पर ध्यान दे रही सरकार: पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मोड पर पर्यटन को विकसित किए जाने के लिए काम किया जाएगा. अन्य देशों में भी पीपीपी मोड ही कारगर साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि आज भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विरासत के तहत मिली संस्कृति को संरक्षित किया जा रहा है और आगे भी किया जाता रहेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के कारण अढ़ाई साल तक टूरिज्म इंडस्ट्री ड्राई रही. अभी भी विदेशी पर्यटक आना शुरू नहीं हुए है. लेकिन डोमेस्टिक टूरिज्म में देश आगे बढ़ा है.
रोड कनेक्टिविटी बढ़ा रही सरकार: हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर में भी अब 30-40 सालों बाद टूरिस्ट आना शुरू हुए है. नार्थ ईस्ट में भी अलग-अलग समस्याएं होने के चलते क्षेत्र का विकास नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि अब मिशन पीपीपी मोड पर भी वंहा काम किया जा रहा है. जिसके चलते हवाई, समुद्री व सड़क मार्ग में विकास हुआ है. उन्होंने कहा कि देश में 80 हजार करोड़ रुपये रोड कनेक्टिविटी पर खर्च किए जा रहे हैं.
एयरपोर्ट्स और रेल कॉरिडोर होंगे विकसित: उन्होंने कहा कि देश में एयरपोर्ट्स के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है और 2025 तक 220 एयरपोर्ट बनाने का टारगेट रखा गया है. उन्होंने कहा कि पर्यटन के तहत रेल कॉरिडोर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. रामायण सर्किट, हिमालयन सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट, डॉ. बाबा साहेब अंबडेकर स्थलों को जोड़ने वाली रेल सर्किट को आने वाले समय में विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटन मंत्रालयों और टूर एंड ट्रेवल्स से भी संपर्क किया जा रहा है. अक्टूबर से अगले अक्टूबर तक जी-20 समिट की मेजबानी भारत करेगा. जिसके तहत 250 कॉन्फ्रेंस भारत में होंगी. जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
धर्मशाला में हुआ था मुख्य सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन: गौरतलब है कि इससे पहले तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मलेन भी 15 जून से 17 जून तक धर्मशाला में हुआ (National Conference of Chief Secretaries) था. जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी. अब धर्मशाला में ही पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें देश के पर्यटन क्षेत्र की क्षमताओं पर चर्चा होगी साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में नए कदम उठाने को लेकर भी मंथन होगा.
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