कांगड़ा: भाजपा की राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने धर्मशाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में बीजेपी सरकार की ओर से महिला सशक्तीकरण पर किए गए कार्यों को गिनवाया. इंदु गोस्वामी ने (Indu Goswami Press conference in Dharamshala) कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से जो योजनाएं चलाई जा रहीं उनका केंद्र बिंदु महिलाएं हैं. ये हमारी सरकार और पिछली सरकार के नेतृत्व में अंतर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान जयराम सरकार में महिला सशक्तीकरण पर अभूतपूर्व कार्य हुए हैं. आज से पहले महिला सशक्तीकरण पर इतने कार्य किसी भी सरकार में नहीं हुए.
इंदु गोस्वामी ने कहा कि 10 से ज्यादा योजनाएं और कार्य ऐसे हैं जो मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जयराम सरकार में ही शुरू हुए है. इनका लाभ लाखों बेटियों, बहनों और माताओं तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में 80 की उम्र पर पेंशन दी जाती थी. आज जयराम सरकार में पहली बार महिलाओं को 60 की उम्र से बिना आय सीमा पेंशन दी जा रही है. आज बुजुर्ग माताएं आर्थिक रूप से सशक्त हैं और बुढ़ापे में उन्हें आर्थिक मदद के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ता है.
राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने कहा कि ( Indu Goswami on BJP Schemes) जयराम सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को किराये में 50 फीसदी की छूट दी है. कुछ लोग कहते हैं कि सिर्फ महिलाओं को ही क्यों छूट दी जा रही है, उन्हें समझना चाहिए कि महिलाओं ने समाज में पुरुषों के बराबर स्थान हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ी है. राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण केवल बातों से नहीं हो सकता, इसके लिए कुछ विशेष कदम भी उठाने होंगे. जिन्हें जयराम सरकार ने उठाया है.
इंदु गोस्वामी ने बताया की शगुन योजना के (BJP schemes in Himachal) तहत पहली बार हिमाचल में बीपीएल परिवार की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री शगुन योजना शुरू की गई. योजना के तहत बीपीएल परिवारों की बेटियों के विवाह के लिए 31 हजार रुपये (Shagun Yojana in Himachal) की आर्थिक सहायता दी जा रही है. अब तक लगभग 7 हजार बेटियों की शादी पर करीब 21 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की अनुदान राशि को जयराम सरकार ने 40 हजार रुपये बढ़ाकर 51,000 रुपये किया. इसी तरह विधवा पुनर्विवाह योजना की राशि 50 हजार रुपये बढ़ाकर 65 हजार रुपये की गई.
इंदु गोस्वामी ने कहा कि जयराम सरकार, ग्राम संगठन से जुड़े 10 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों को इस वित्तीय वर्ष में 25 हजार रुपये की एक अतिरिक्त राशि टॉप-अप के रूप में दे रही है. इसके साथ ही पहली बार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 4 लाख से ज्यादा महिलाओं को ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के दायरे में लाया गया है. इसके वार्षिक प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार वहन कर रही है. जिस पर लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत शिमला, मंडी, कांगड़ा और ऊना की तरह अन्य 8 जिलों में भी स्वयं सहायता समूहों को 4 प्रतिशत की दर से बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है.
सांसद इंदु गोस्वामी ने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित एवं कार्यरत सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों, कृषि सखी, पशु सखी, कृषि उद्योग सखी, वित्त सखी, बैंक सखी आदि का मानदेय 350 रूपये प्रतिदिन से बढ़ा कर 500 रुपये प्रतिदिन किया गया है. उन्होंने कहा कि बेटी है अनमोल योजना के तहत दी जा रही राशि को वर्तमान सरकार ने 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार किया है. इंदु गोस्वामी ने कहा कि उज्ज्वला और गृहिणी सुविधा के तहत डबल इंजन सरकार ने 4 लाख 71 हजार से ज्यादा लाभार्थी परिवारों को निशुल्क घरेलू गैस कनेक्शन दिए. जिस पर करीब 159 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए. इसके साथ ही गृहिणी सुविधा और उज्ज्वला योजना के तहत नए कनेक्शन लेने वाले लाभार्थियों को साल में 3 रिफील तक निशुल्क दिए जा रहे हैं. इस पर जयराम सरकार 70 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
सांसद इंदु गोस्वामी ने कहा कि (Indu Goswami on BJP Schemes) पहली बार हिमाचल में युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार को लेकर प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्वावलंबन योजना शुरू की. इस योजना के तहत महिलाओं को विशेष रियायत दी जा रही है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना, अटल आशीर्वाद योजना, उपहार योजना केंद्र और हिमाचल सरकार ने शुरू की है. जिसका लाखों बेटियों और महिलाओं तक लाभ पहुंचा है. इंदु गोस्वामी ने कहा कि कामगार बोर्ड में पंजीकृत मजदूरों की बेटियों को पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छत्रवृत्ति में वर्तमान सरकार ने 20 हजार रुपये से लेकर 84 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी की है. इसी तरह पैरा वर्कर्स जिनमें आशा, आंगनवाड़ी, मिनी आंगनवाड़ी, आंगनवाड़ी सहायिका और सिलाई अध्यापिका शामिल हैं, उनके मानदेय में 1650 रुपये से लकेर 4550 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है.
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