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हिमाचल में ड्रोन तकनीक को दिया जाएगा बढ़ावा, प्रशिक्षण संस्थान भी खोलेगी सरकार: मारकंडा - धर्मशाला में ड्रोन मेला

राज्य में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कारगर (Drone technology in Himachal) कदम उठाए जाएंगे और इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे ताकि युवा पीढ़ी ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार हासिल कर सके. यह बातें प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को धर्मशाला के साई स्टेडियम में ड्रोन मेला के शुभारंभ (Drone Fair at Sai Stadium Dharamsala) के दौरान कही.

Drone Technology in Himachal
हिमाचल में ड्रोन तकनीकी
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Published : Dec 14, 2021, 5:47 PM IST

कांगड़ा: राज्य में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम (Drone technology in Himachal ) उठाए जाएंगे और इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे ताकि युवा पीढ़ी ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार हासिल कर सके. यह बातें प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को धर्मशाला के साई स्टेडियम में ड्रोन मेला (Drone Fair at Sai Stadium Dharamsala) के शुभारंभ के दौरान कही.

धर्मशाला में मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिला प्रशासन कांगड़ा के सहयोग से राज्य का पहला ड्रोन मेला आयोजित किया गया. इस दौरान प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा (Minister Ram Lal Markanda) ने कहा कि राज्य की अन्य जगहों पर भी ड्रोन मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि लोगों के साथ साथ युवाओं को भी ड्रोन तकनीक के बारे में जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि ड्रोन आधुनिक युग की तकनीक का एक नया आयाम है जिसे आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है एवं दैनिक कार्यों के लिये भी प्रयोग किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि ड्रोन के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि समय की भी काफी बचत होती है, क्योंकि इसे सामान्यतः ट्रैफिक अवरोध का सामना नहीं करना पड़ता, साथ ही इसके प्रयोग से कंपनियों की श्रम लागत भी काफी कम हो जाती (Drone training institute in Himachal) है. वहीं, इस अवसर पर मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि ड्रोन उन स्थानों पर भी आसानी से पहुंच सकता है, जहां जाना इंसानों के लिये अपेक्षाकृत मुश्किल होता है या पूर्णतः असंभव होता है, अतः ड्रोन की यह विशेषता उसे आपदा प्रबंधन में प्रयोग करने के लिये भी एक अच्छा विकल्प बनाती (Himachal Govt policies on Drone) है.

उन्होंने कहा कि कई देशों में ड्रोन का प्रयोग कृषि संबंधी कार्यों जैसे- कीटनाशक के छिड़काव और फसल की देखभाल आदि के लिये भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक (Drones used for agricultural activities) आने वाले समय में युवाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगी तथा इसमें युवाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे.

इस अवसर पर संयुक्त सचिव भारत सरकार अंबर दुबे ने भी ड्रोन तकनीक के उपयोग के फायदों को लेकर विस्तार से चर्चा की. इससे पहले प्रिंसिपल सेक्रेटरी रजनीश ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए ड्रोन मेले के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी. इस अवसर पर डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग मुकेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.

वहीं, स्काई एयर मोबिलिटी के ड्रोन से दवाइयां धर्मशाला के साईं स्टेडियम से टांडा मेडिकल कालेज (Medicines delivered to Tanda with drone) पहुंचाई गई, जिसका लाइव प्रसारण भी लोगों को दिखाया गया. इन उड़ानों के (Sai Stadium Dharamsala) माध्यम से विभिन्न उत्पादों को सफलता पूर्वक तय स्थानों पर डिलीवर किया गया. इस मौके पर रोटर प्रिसिजन इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड, आइडिया फ्रॉरज टेक्नोलॉजी, डायबेस्ट जरनी और पैन इंडिया कंस्लटेंट ड्रोन डेस्टीनेशन कंपनियों ने भी अपने अपने ड्रोन की उडान का प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें: नशा तस्करों की आर्थिक रीढ़ तोड़ रही हिमाचल प्रदेश पुलिस, करोड़ों की अवैध संपत्ति अटैच

कांगड़ा: राज्य में ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम (Drone technology in Himachal ) उठाए जाएंगे और इसके लिए प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे ताकि युवा पीढ़ी ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में रोजगार हासिल कर सके. यह बातें प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को धर्मशाला के साई स्टेडियम में ड्रोन मेला (Drone Fair at Sai Stadium Dharamsala) के शुभारंभ के दौरान कही.

धर्मशाला में मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा जिला प्रशासन कांगड़ा के सहयोग से राज्य का पहला ड्रोन मेला आयोजित किया गया. इस दौरान प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा (Minister Ram Lal Markanda) ने कहा कि राज्य की अन्य जगहों पर भी ड्रोन मेले आयोजित किए जाएंगे ताकि लोगों के साथ साथ युवाओं को भी ड्रोन तकनीक के बारे में जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि ड्रोन आधुनिक युग की तकनीक का एक नया आयाम है जिसे आसानी से किसी भी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है एवं दैनिक कार्यों के लिये भी प्रयोग किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि ड्रोन के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे न केवल लागत में कमी आती है, बल्कि समय की भी काफी बचत होती है, क्योंकि इसे सामान्यतः ट्रैफिक अवरोध का सामना नहीं करना पड़ता, साथ ही इसके प्रयोग से कंपनियों की श्रम लागत भी काफी कम हो जाती (Drone training institute in Himachal) है. वहीं, इस अवसर पर मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि ड्रोन उन स्थानों पर भी आसानी से पहुंच सकता है, जहां जाना इंसानों के लिये अपेक्षाकृत मुश्किल होता है या पूर्णतः असंभव होता है, अतः ड्रोन की यह विशेषता उसे आपदा प्रबंधन में प्रयोग करने के लिये भी एक अच्छा विकल्प बनाती (Himachal Govt policies on Drone) है.

उन्होंने कहा कि कई देशों में ड्रोन का प्रयोग कृषि संबंधी कार्यों जैसे- कीटनाशक के छिड़काव और फसल की देखभाल आदि के लिये भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक (Drones used for agricultural activities) आने वाले समय में युवाओं के लिए काफी उपयोगी साबित होगी तथा इसमें युवाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में अहम कदम उठाए जाएंगे.

इस अवसर पर संयुक्त सचिव भारत सरकार अंबर दुबे ने भी ड्रोन तकनीक के उपयोग के फायदों को लेकर विस्तार से चर्चा की. इससे पहले प्रिंसिपल सेक्रेटरी रजनीश ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए ड्रोन मेले के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी. इस अवसर पर डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग मुकेश सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे.

वहीं, स्काई एयर मोबिलिटी के ड्रोन से दवाइयां धर्मशाला के साईं स्टेडियम से टांडा मेडिकल कालेज (Medicines delivered to Tanda with drone) पहुंचाई गई, जिसका लाइव प्रसारण भी लोगों को दिखाया गया. इन उड़ानों के (Sai Stadium Dharamsala) माध्यम से विभिन्न उत्पादों को सफलता पूर्वक तय स्थानों पर डिलीवर किया गया. इस मौके पर रोटर प्रिसिजन इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड, आइडिया फ्रॉरज टेक्नोलॉजी, डायबेस्ट जरनी और पैन इंडिया कंस्लटेंट ड्रोन डेस्टीनेशन कंपनियों ने भी अपने अपने ड्रोन की उडान का प्रदर्शन किया.

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