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ज्वालामुखी मंदिर में गर्भगृह में यात्री नहीं कर पाएंगे प्रवेश, बैठक में लिया निर्णय

10 सितंबर को प्रदेश के मंदिरों को खोले जाने के लिए की जाने वाली तैयारियों को लेकर शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के परिसर में बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में भक्तों को दर्शन करवाने की व्यवस्था सहित अन्य चीजों पर चर्चा की गई.

meeting held in  Jawalamukhi shaktipeeth
बैठक
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Published : Sep 9, 2020, 5:50 PM IST

ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के परिसर में बुधवार को ज्वालामुखी एवं सहायक मंदिर आयुक्त अंकुश शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में मंदिर अधिकारी व तहसीलदार जगदीश शर्मा, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी कंचन बाला, खंड चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार, नायब तहसीलदार अभिराय ठाकुर सहित दुकानदारों व पुजारी वर्ग ने हिस्सा लिया.

बैठक में 10 सितंबर को प्रदेश के मंदिरों को खोले जाने के लिए की जाने वाली तैयारियों पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि सरकार व जिला प्रशासन की ओर से जो निर्णय लिए जाएंगे. उसी के आधार पर भक्तों को दर्शन करवाए जाएंगे. हालांकि मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही भक्तों को पास बनाकर ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा और मंदिर को समय-समय पर सेनिटाइज किया गया जाएगा.

वीडियो.

बैठक में चर्चा की गई कि लगभग 500 लोगों को रोजाना दर्शन करवाने की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए भक्तों को सबसे पहले ज्वालामुखी के कर्मचारियों के पास पंजीकरण करवाना पड़ेगा और फिर थर्मल स्कैनिंग होगी. पास बनाने के बाद मंदिर के बाहर एक और काउंटर लगा होगा. वहां पर पर्ची दिखाने के बाद ही यात्रियों को सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए मंदिर में बारी-बारी से भेजा जाएगा.

10 साल से छोटे बच्चे और 60 साल से अधिक बुजुर्गों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. ऐसे लोगों को अपना प्रमाण पत्र भी दिखाना पड़ सकता है. हालांकि ये व्यवस्था तीन दिन के लिए बनाई जा रही है. मंदिर सुबह छह बजे खुलेंगे और रात को समय अनुसार बंद किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: 6 महीने बाद श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा 'शनिदेव का दरबार', सरकार के आदेश का रखा जाएगा खास ख्याल

ज्वालामुखी: विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के परिसर में बुधवार को ज्वालामुखी एवं सहायक मंदिर आयुक्त अंकुश शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. मीटिंग में मंदिर अधिकारी व तहसीलदार जगदीश शर्मा, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी कंचन बाला, खंड चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार, नायब तहसीलदार अभिराय ठाकुर सहित दुकानदारों व पुजारी वर्ग ने हिस्सा लिया.

बैठक में 10 सितंबर को प्रदेश के मंदिरों को खोले जाने के लिए की जाने वाली तैयारियों पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि सरकार व जिला प्रशासन की ओर से जो निर्णय लिए जाएंगे. उसी के आधार पर भक्तों को दर्शन करवाए जाएंगे. हालांकि मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही भक्तों को पास बनाकर ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा और मंदिर को समय-समय पर सेनिटाइज किया गया जाएगा.

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बैठक में चर्चा की गई कि लगभग 500 लोगों को रोजाना दर्शन करवाने की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए भक्तों को सबसे पहले ज्वालामुखी के कर्मचारियों के पास पंजीकरण करवाना पड़ेगा और फिर थर्मल स्कैनिंग होगी. पास बनाने के बाद मंदिर के बाहर एक और काउंटर लगा होगा. वहां पर पर्ची दिखाने के बाद ही यात्रियों को सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए मंदिर में बारी-बारी से भेजा जाएगा.

10 साल से छोटे बच्चे और 60 साल से अधिक बुजुर्गों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. ऐसे लोगों को अपना प्रमाण पत्र भी दिखाना पड़ सकता है. हालांकि ये व्यवस्था तीन दिन के लिए बनाई जा रही है. मंदिर सुबह छह बजे खुलेंगे और रात को समय अनुसार बंद किए जाएंगे.

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