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नगर निगम की बैठक में पार्षदों ने उठाए कई अहम मुद्दे, मेयर ने अधिकारियों के दिए ये निर्देश

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Published : Jul 31, 2019, 11:08 PM IST

बैठक में मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला और मंडी जोन में पानी की स्थिति पर चर्चा के लिए 3 अगस्त को धर्मशाला में वर्क शॉप का आयोजन किया जा रहा है. वर्कशॉप में विश्व बैंक के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे.

नगर निगम धर्मशाला में हुई आम बैठक

धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला में मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आम बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मेयर ने कहा कि गौसदन सराह के लिए तीन कमेटियां गठित की जाएंगी और हर 15 दिन बाद कमेटियां गौसदन का निरीक्षण सुनिश्चित करेंगी.

उन्होंने कहा कि एक ठेकेदार को दो से ज्यादा काम नहीं दिए जाएंगे. भवन नक्शों के पास होने में हो रही देरी पर मेयर ने कहा कि कई फाइलें काफी समय से पेंडिंग पड़ी है. भवन नक्शों की फाइलें एक माह में ही क्लीयर हो जाती हैं, वहीं कई फाइलों को क्लीयर होने में एक साल तक का समय लग जाता है, जिसकी लोग शिकायत भी कर चुके हैं.

नगर निगम धर्मशाला में हुई आम बैठक

उन्होंने निगम अधिकारियों को भवन नक्शों के लंबित मामलों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए. वहीं पार्षदों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि लोग उनसे शिकायत करते हैं कि उनकी भवन नक्शों की फाइलें गुम कर दी जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों में की जा रही देरी पर भी निगम प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. शहर में सफाई और डोर-टू-डोर कलेक्शन के अलग-अलग टेंडर लगाने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मेयर ने कहा कि शहर में कचरा उठाने के लिए ऐसे वाहनों का प्रावधान किया जाएगा जो कि ऊपर से बंद हों. जिससे कचरा जगह-जगह न बिखरे.

मेयर ने कहा कि शहरवासियों को दो छोटे-छोटे डस्टबिन दिए जा रहे हैं, जिससे सफाई की समस्या काफी हद तक दूर होगी. सफाई पर हो रहे खर्च पर निगम अधिकारी ने बताया कि पहले हर माह 16 लाख मासिक खर्च होता था जबकि इस माह 19 लाख खर्च किया गया है.

बैठक में मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला और मंडी जोन में पानी की स्थिति पर चर्चा के लिए 3 अगस्त को धर्मशाला में वर्क शॉप का आयोजन किया जा रहा है. वर्कशॉप में विश्व बैंक के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे, वहीं इस दौरान अर्बन लोकन बॉडीज (यूएलबीएस) में पानी की स्थिति पर भी चर्चा होगी.

बता दें कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित की जा रही वर्कशॉप का विषय मीडियम टर्म डब्ल्यूएसएस प्रोग्राम - एक्सपेंशन टू अदर यूएनबीएस रखा गया है.

ये भी पढ़े: करसोग बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बने पुष्पेंद्र सिंह, कहा- ईमानदारी से करेंगे काम

धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला में मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आम बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मेयर ने कहा कि गौसदन सराह के लिए तीन कमेटियां गठित की जाएंगी और हर 15 दिन बाद कमेटियां गौसदन का निरीक्षण सुनिश्चित करेंगी.

उन्होंने कहा कि एक ठेकेदार को दो से ज्यादा काम नहीं दिए जाएंगे. भवन नक्शों के पास होने में हो रही देरी पर मेयर ने कहा कि कई फाइलें काफी समय से पेंडिंग पड़ी है. भवन नक्शों की फाइलें एक माह में ही क्लीयर हो जाती हैं, वहीं कई फाइलों को क्लीयर होने में एक साल तक का समय लग जाता है, जिसकी लोग शिकायत भी कर चुके हैं.

नगर निगम धर्मशाला में हुई आम बैठक

उन्होंने निगम अधिकारियों को भवन नक्शों के लंबित मामलों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए. वहीं पार्षदों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि लोग उनसे शिकायत करते हैं कि उनकी भवन नक्शों की फाइलें गुम कर दी जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों में की जा रही देरी पर भी निगम प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. शहर में सफाई और डोर-टू-डोर कलेक्शन के अलग-अलग टेंडर लगाने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मेयर ने कहा कि शहर में कचरा उठाने के लिए ऐसे वाहनों का प्रावधान किया जाएगा जो कि ऊपर से बंद हों. जिससे कचरा जगह-जगह न बिखरे.

मेयर ने कहा कि शहरवासियों को दो छोटे-छोटे डस्टबिन दिए जा रहे हैं, जिससे सफाई की समस्या काफी हद तक दूर होगी. सफाई पर हो रहे खर्च पर निगम अधिकारी ने बताया कि पहले हर माह 16 लाख मासिक खर्च होता था जबकि इस माह 19 लाख खर्च किया गया है.

बैठक में मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला और मंडी जोन में पानी की स्थिति पर चर्चा के लिए 3 अगस्त को धर्मशाला में वर्क शॉप का आयोजन किया जा रहा है. वर्कशॉप में विश्व बैंक के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे, वहीं इस दौरान अर्बन लोकन बॉडीज (यूएलबीएस) में पानी की स्थिति पर भी चर्चा होगी.

बता दें कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित की जा रही वर्कशॉप का विषय मीडियम टर्म डब्ल्यूएसएस प्रोग्राम - एक्सपेंशन टू अदर यूएनबीएस रखा गया है.

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Intro:धर्मशाला- नगर निगम धर्मशाला के मेयर देवेंद्र जग्गी ने भी माना है कि निगम कार्यालय में बिना पहचान नक्शे पास नहीं होते। गौसदन सराह के लिए तीन कमेटियां गठित की जाएंगी तथा हर 15 दिन बाद कमेटियां गौसदन का निरीक्षण सुनिश्चित करेंगी। वहीं एक ठेकेदार को दो से ज्यादा काम नहीं दिए जाएंगे। यह निर्णय नगर निगम में आयोजित जनरल हाउस में लिए गए। जनरल हाउस की अध्यक्षता नगर निगम मेयर देवेंद्र जग्गी ने की। इस दौरान डिप्टी मेयर ओंकार नैहरिया, निगम अधिकारी व पार्षद उपस्थित रहे। जनरल हाउस में भवन नक्शों के पास होने में हो रही देरी पर मेयर ने कहा कि मैंने खुद 11 फाइलें देखी जो कि काफी समय से पेंडिंग थी। जग्गी ने कहा कि भवन नक्शों की कई फाइलें एक माह में ही क्लीयर हो जाती हैं, वहीं कई फाइलों को एक साल तक लग जाता है। लोग शिकायत कर चुके हैं कि उनकी निगम कार्यालय में नहीं सुनी जाती। ऐसे में स्पष्ट है कि पहचान वालों के काम होते हैं और आम जनता के कार्यों को लटकाया जाता है। उन्होंने निगम अधिकारियों को भवन नक्शों के लंबित मामलों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए। वहीं पार्षदों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि लोग उनसे शिकायत करते हैं कि उनकी भवन नक्शों की फाइलें गुम कर दी जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी पेश आती है।





Body:ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों में की जा रही देरी पर भी निगम प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। बैठक में जहां ठेकेदार को अपने ही वार्ड में काम न देने पर चर्चा की गई, वहीं ठेकेदार को दो से अधिक काम न देने पर भी सहमति बनी। यही नहीं जिस वार्ड में विकास कार्य शुरू होने हों, उसके लिए संबंधित पार्षद को विश्वास में लिया जाएगा। नगर निगम हाउस को बाईपास करके काम नहीं होंगे। नेताओं के माध्यम से काम स्वीकृत होते हैं तो यह अच्छी बात है, लेकिन ऐसे कार्यों के लिए संबंधित वार्ड पार्षद की सिफारिश भी जरूरी होगी। विकास कार्यों की जो भी प्राथमिकताएं हों, उन्हें निगम के जनरल हाउस में रखा जाए, जिसमें चर्चा करके आगामी निर्णय लिया जाए। यह बात नगर निगम मेयर देवेंद्र जग्गी ने जनरल हाउस की अध्यक्षता करते हुए कही। शहर में सफाई और डोर-टू-डोर कलेक्शन के अलग-अलग टेंडर लगाने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मेयर ने कहा कि शहर में कचरा उठाने के लिए ऐसे वाहनों का प्रावधान किया जाएगा, जो कि ऊपर से बंद हों, जिससे कचरा जगह-जगह न बिखरे। 





Conclusion:उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो वाहन कचरा ढोने के लिए प्रयोग में लाए जा रहे हैं, वो ऊपर से खुले होने की वजह से कचरा यहां-वहां बिखरता है। अब सफाई और  डोर-टू-डोर कलेक्शन के टेंडर जल्द लगाए जाएं तथा यह कार्य की अधिसूचना से पहले पूरा किया जाए। मेयर ने कहा कि शहरवासियों को दो छोटे-छोटे डस्टबिन दिए जा रहे हैं, जिससे सफाई की समस्या काफी हद तक दूर होगी। सफाई पर हो रहे खर्च पर निगम अधिकारी ने बताया कि पहले हर माह 16 लाख मासिक खर्च होता था, जबकि इस माह 19 लाख खर्च किया गया है। इस दौरान तीन पार्षदों ने वार्ड एक, दो व तीन में सफाई का कार्य तिब्बतियन सेटलमेंट कार्यालय के माध्यम से करवाने का सुझाव दिया। इस दौरान चर्चा के दौरान यह भी सुझाव दिया गया कि सफाई टेंडर में उक्त तीन वार्डों को बाहर रखा जा सकता है। तिब्बतियन सेटलमेंट कार्यालय द्वारा की जाने वाली सफाई में कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। वही बैठक में मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला और मंडी जोन में पानी की स्थिति पर चर्चा के लिए 3 अगस्त को धर्मशाला में वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। वर्कशॉप में विश्व बैंक के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे, वहीं इस दौरान अर्बन लोकन बॉडीज (यूएलबीएस) में पानी की स्थिति पर भी चर्चा होगी। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित की जा रही वर्कशॉप का विषय मीडियम टर्म डब्ल्यूएसएस प्रोग्राम - एक्सपेंशन टू अदर यूएनबीएस रखा गया है। 

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