धर्मशाला: नगर निगम धर्मशाला में मेयर देवेंद्र जग्गी की अध्यक्षता में आम बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान मेयर ने कहा कि गौसदन सराह के लिए तीन कमेटियां गठित की जाएंगी और हर 15 दिन बाद कमेटियां गौसदन का निरीक्षण सुनिश्चित करेंगी.
उन्होंने कहा कि एक ठेकेदार को दो से ज्यादा काम नहीं दिए जाएंगे. भवन नक्शों के पास होने में हो रही देरी पर मेयर ने कहा कि कई फाइलें काफी समय से पेंडिंग पड़ी है. भवन नक्शों की फाइलें एक माह में ही क्लीयर हो जाती हैं, वहीं कई फाइलों को क्लीयर होने में एक साल तक का समय लग जाता है, जिसकी लोग शिकायत भी कर चुके हैं.
उन्होंने निगम अधिकारियों को भवन नक्शों के लंबित मामलों की सूची तैयार करने के भी निर्देश दिए. वहीं पार्षदों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि लोग उनसे शिकायत करते हैं कि उनकी भवन नक्शों की फाइलें गुम कर दी जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ठेकेदारों द्वारा विकास कार्यों में की जा रही देरी पर भी निगम प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. शहर में सफाई और डोर-टू-डोर कलेक्शन के अलग-अलग टेंडर लगाने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए मेयर ने कहा कि शहर में कचरा उठाने के लिए ऐसे वाहनों का प्रावधान किया जाएगा जो कि ऊपर से बंद हों. जिससे कचरा जगह-जगह न बिखरे.
मेयर ने कहा कि शहरवासियों को दो छोटे-छोटे डस्टबिन दिए जा रहे हैं, जिससे सफाई की समस्या काफी हद तक दूर होगी. सफाई पर हो रहे खर्च पर निगम अधिकारी ने बताया कि पहले हर माह 16 लाख मासिक खर्च होता था जबकि इस माह 19 लाख खर्च किया गया है.
बैठक में मेयर ने बताया कि स्मार्ट सिटी धर्मशाला और मंडी जोन में पानी की स्थिति पर चर्चा के लिए 3 अगस्त को धर्मशाला में वर्क शॉप का आयोजन किया जा रहा है. वर्कशॉप में विश्व बैंक के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे, वहीं इस दौरान अर्बन लोकन बॉडीज (यूएलबीएस) में पानी की स्थिति पर भी चर्चा होगी.
बता दें कि शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड द्वारा आयोजित की जा रही वर्कशॉप का विषय मीडियम टर्म डब्ल्यूएसएस प्रोग्राम - एक्सपेंशन टू अदर यूएनबीएस रखा गया है.
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