ETV Bharat / city

ज्वालामुखी में पानी में तैर रहे अलौकिक पत्थर, दूर-दूर से दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग

तिनका पानी में तैरे तो हैरानी की कोई बात नहीं, लेकिन पत्थर पानी में तैर जाए तो हर कोई हैरत में होगा. कांगड़ा के ज्वालामुखी में एक ऐसा ही चमत्कारिक वाकया पेश आया है. ज्वालामुखी के वार्ड नंबर एक में रहने वाले अशोक कुमार का दावा है कि उसे खुदाई के दौरान चार हजार साल पुराने दो पत्थर मिले हैं. ये अलौकिक पत्थर पानी में तैरते हैं.

पानी में तैरते पत्थर.
author img

By

Published : Jul 24, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Jul 24, 2019, 11:55 AM IST

कांगड़ा: रामायण में रामसेतु का जिक्र हम सबको रोमांच से भर देता है. रामसेतु ऐसे पत्थरों से बनाया गया था जो पानी में तैर सकते थे. देवभूमि हिमाचल में कई बार ऐसी चौंकाने वाली घटनाओं के बारे में सुना और देखा गया है. ज्वालामुखी के अशोक कुमार को ऐसे पत्थर मिले हैं, जो पानी में तैर सकते हैं.

अशोक कुमार का कहना है कि जमीन को खोदते समय यह दो पत्थर उनके मजदूरों को मिले. मजदूरों ने बताया कि पहले सामान्य पत्थर समझकर इन्हें खुदाई वाले स्थान पर किनारे फेंक दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने दूसरे दिन इन पत्थरों को देखा तो अलग ही अनुभूति का एहसास हुआ.

वीडियो.

अशोक कुमार दोनों पत्थरों को अपने साथ घर ले आए और जब पंडित से पत्थरों की जांच करवाई, तो पंडित ने बताया कि पत्थर रामसेतु वाले पत्थर हैं. अशोक कुमार ने दोनों पत्थरों का वजन लगभग 6 किलो बताया. अशोक के परिवार ने दोनों पत्थरों को पूजा के स्थान पर एक पानी के भरे बर्तन में डालकर रख दिया है. अशोक का परिवार व ग्रामीण इसे दैवीय आशीर्वाद मानकर रोज भजन कीर्तन कर रहे हैं. भौगोलिक तर्कों से हटकर गांव वाले और अशोक का परिवार इन पत्थरों को रामसेतु का हिस्सा मान रहे हैं. इन पत्थरों के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं व भगवान का आशीर्वाद मान रहे हैं.

कांगड़ा: रामायण में रामसेतु का जिक्र हम सबको रोमांच से भर देता है. रामसेतु ऐसे पत्थरों से बनाया गया था जो पानी में तैर सकते थे. देवभूमि हिमाचल में कई बार ऐसी चौंकाने वाली घटनाओं के बारे में सुना और देखा गया है. ज्वालामुखी के अशोक कुमार को ऐसे पत्थर मिले हैं, जो पानी में तैर सकते हैं.

अशोक कुमार का कहना है कि जमीन को खोदते समय यह दो पत्थर उनके मजदूरों को मिले. मजदूरों ने बताया कि पहले सामान्य पत्थर समझकर इन्हें खुदाई वाले स्थान पर किनारे फेंक दिया गया था, लेकिन जब उन्होंने दूसरे दिन इन पत्थरों को देखा तो अलग ही अनुभूति का एहसास हुआ.

वीडियो.

अशोक कुमार दोनों पत्थरों को अपने साथ घर ले आए और जब पंडित से पत्थरों की जांच करवाई, तो पंडित ने बताया कि पत्थर रामसेतु वाले पत्थर हैं. अशोक कुमार ने दोनों पत्थरों का वजन लगभग 6 किलो बताया. अशोक के परिवार ने दोनों पत्थरों को पूजा के स्थान पर एक पानी के भरे बर्तन में डालकर रख दिया है. अशोक का परिवार व ग्रामीण इसे दैवीय आशीर्वाद मानकर रोज भजन कीर्तन कर रहे हैं. भौगोलिक तर्कों से हटकर गांव वाले और अशोक का परिवार इन पत्थरों को रामसेतु का हिस्सा मान रहे हैं. इन पत्थरों के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं व भगवान का आशीर्वाद मान रहे हैं.

Intro:आज के समय में एक कंकड़ भर भी पानी में नहीं तैर सकता लेकिन ज्वालाजी में पानी में तैर रहे 2 पत्थर


लगभग 6 किलो है पत्थरों का बजनBody:
ज्वालामुखी, 23 जुलाई (नितेश): रामायण में रामसेतु का जिक्र हम सबको रोमांच से भर देता है। रामसेतु ऐसे पत्थरो से बनाया गया था जो पानी में तैर सकते थे जबकि आज के समय में एक कंकड़ भर भी पानी में नहीं तैर सकता, लेकिन फिर भी हिमाचल देवभूमि में ऐसी अलौकिक घटनाएं घट रही हैं जो कि चौंकाने वाली हैं। एक ऐसा ही बाक्या कांगड़ा जिला के तहसील ज्वालामुखी के वार्ड नंबर 1 में रहने वाले अशोक कुमार के साथ हुआ जिन के हाथ यह अलौकिक सौगात लगी है। अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन में खुदाई का काम लगा रखा था जमीन को खोदते समय यह दो पत्थर उनके मजदूरों के हाथ लगे। पहले तो इन्होंने सामान्य पत्थर समझ कर इन्हें खुदाई वाले स्थान पर किनारे फेंक दिया, लेकिन जब उन्होंने दूसरे दिन इन पथरो को देखा तो अलग ही अनुभूति का अहसास हुआ। वैसे देखने में यह पत्थर सामान्य आकार के लग रहे थे फिर भी वह इन पत्थरों को अपने साथ घर ले आए व किसी जानने वाले पंडित से इनकी जांच करवाई तो पता चला कि यह पत्थर रामसेतु वाले पत्थर हैं। अशोक कुमार ने इन पथरो का वजन लगभग 6 किलो बताया।
इन पत्थरों को अशोक के परिवार ने अपने पूजा के स्थान पर एक पानी के भरे बर्तन में डालकर रख दिया है। अशोक का परिवार व ग्रामीण इसे दैवीय आशीर्वाद मानकर रोज भजन कीर्तन कर रहे है। भौगोलिक तर्कों से हटकर गांव वाले व अशोक का परिवार इन पत्थरों को रामसेतु का हिस्सा मान रहे हैं। फिलहाल बात कुछ भी हो यहां पत्थरों के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं व भगवान का आशीर्वाद मान रहे हैं।Conclusion:बाइट अशोक कुमार
Last Updated : Jul 24, 2019, 11:55 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.