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सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की हकीकत, स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिला में एंटी रेबीज इंजेक्शन का टोटा - स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला

जोनल अस्पताल धर्मशाला में इन दिनों एंटी रेबीज इंजेक्शन का टोटा है. इस इंजेक्शन के लिए मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एप्रोच तक लगानी पड़ रही है. रविवार को जोनल अस्पताल में एक मरीज को एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए करीब पांच घंटे का इंतजार करना पड़ा.

lack of anti rabies injection in health minister home district
जोनल अस्पताल धर्मशाला
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Published : Dec 30, 2019, 12:54 PM IST

धर्मशाला: जिला के सबसे बड़े जोनल अस्पताल धर्मशाला में इन दिनों एंटी रेबीज इंजेक्शन का टोटा है. इस इंजेक्शन के लिए मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एप्रोच तक लगानी पड़ रही है. बता दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार भी इसी जिला से संबंध रखते हैं.

रविवार को जोनल अस्पताल में एक मरीज को एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए करीब पांच घंटे का इंतजार करना पड़ा. वार्ड में तैनात कर्मचारियों का कहना था कि यहां एंटी रेबीज टीका खत्म है, उन्हें बाहर से टीका खरीदना पड़ेगा. इस पर मरीज ने कहा कि उन्हें दो दिन पहले आपातकालीन वार्ड में इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कही गई थी. इसके बाद मरीज लगभग एक घंटे तक भटकता रहा.

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मरीज ने फिर किसी माध्यम से जिला स्वास्थ्य अधिकारी (एमओएच) से संपर्क किया. इसके बाद आपातकालीन वार्ड के कर्मचारियों ने साढ़े तीन बजे के बाद इंजेक्शन लगाने के लिए हामी भरी. अस्पताल से बाहर एंटी रेबीज के इंजेक्शन की कीमत लगभग 350 रुपये बताई जा रही है.

मामले पर धर्मशाला अस्पताल के एसएमओ डॉ. अजय दत्ता ने कहा कि एंटी रेबीज के इंजेक्शन की सप्लाई न आने के चलते यह समस्या सामने आ रही है. अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर इंजेक्शन खरीदे रहे हैं, ताकि मरीजों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने सभी संस्थानों के लिए एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं. धर्मशाला अस्पताल प्रबंधन को भी एक दिन पहले इंजेक्शन लेने के लिए कहा गया था, जो अस्पताल प्रबंधन ने नहीं उठाए थे, इसके कारण यह मामला सामने आया है.

ये भी पढ़ें: विद्युत बोर्ड में 3034 पदों को भरने के लिए स्वीकृति प्रदान, प्रदेश के युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

धर्मशाला: जिला के सबसे बड़े जोनल अस्पताल धर्मशाला में इन दिनों एंटी रेबीज इंजेक्शन का टोटा है. इस इंजेक्शन के लिए मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एप्रोच तक लगानी पड़ रही है. बता दें कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार भी इसी जिला से संबंध रखते हैं.

रविवार को जोनल अस्पताल में एक मरीज को एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए करीब पांच घंटे का इंतजार करना पड़ा. वार्ड में तैनात कर्मचारियों का कहना था कि यहां एंटी रेबीज टीका खत्म है, उन्हें बाहर से टीका खरीदना पड़ेगा. इस पर मरीज ने कहा कि उन्हें दो दिन पहले आपातकालीन वार्ड में इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कही गई थी. इसके बाद मरीज लगभग एक घंटे तक भटकता रहा.

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मरीज ने फिर किसी माध्यम से जिला स्वास्थ्य अधिकारी (एमओएच) से संपर्क किया. इसके बाद आपातकालीन वार्ड के कर्मचारियों ने साढ़े तीन बजे के बाद इंजेक्शन लगाने के लिए हामी भरी. अस्पताल से बाहर एंटी रेबीज के इंजेक्शन की कीमत लगभग 350 रुपये बताई जा रही है.

मामले पर धर्मशाला अस्पताल के एसएमओ डॉ. अजय दत्ता ने कहा कि एंटी रेबीज के इंजेक्शन की सप्लाई न आने के चलते यह समस्या सामने आ रही है. अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर इंजेक्शन खरीदे रहे हैं, ताकि मरीजों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने सभी संस्थानों के लिए एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं. धर्मशाला अस्पताल प्रबंधन को भी एक दिन पहले इंजेक्शन लेने के लिए कहा गया था, जो अस्पताल प्रबंधन ने नहीं उठाए थे, इसके कारण यह मामला सामने आया है.

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Intro:धर्मशाला- प्रदेश का सबसे बड़ा जिला और उसी जिले से स्वथ्य मंत्री स्वन्ध रखते हो लेकिन स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के जोनल अस्पताल धर्मशाला में एंटी रैबीज का टीका लगाने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एप्रोच लगानी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला रविवार को धर्मशाला अस्पताल में देखने को मिला। एक मरीज को एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाने के लिए पौने पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। दाड़ी के अंकुर महाजन रविवार को 11 बजे धर्मशाला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में एंटी रैबीज का टीका लगवाने के लिए पहुंचा।





Body: वार्ड में तैनात कर्मचारियों ने कहा कि यहां एंटी रैबीज का टीका खत्म है, उन्हें बाहर से टीका खरीदना पड़ेगा। इस पर मरीज ने कहा कि उन्हें दो दिन पहले आपातकालीन वार्ड में इंजेक्शन उपलब्ध होने की बात कही गई थी। इसके बाद मरीज लगभग एक घंटे तक भटकता रहा। मरीज ने फिर किसी माध्यम से जिला स्वास्थ्य अधिकारी (एमओएच) से संपर्क किया। इसके बाद आपातकालीन वार्ड के कर्मचारियों ने साढ़े तीन बजे के बाद एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगाने के लिए हामी भरी। मरीज को पौने चार बजे इंजेक्शन लगा। बाहर एंटी रैबीज के इंजेक्शन की कीमत लगभग 350 रुपये बताई जा रही है। 





Conclusion:वही धर्मशाला अस्पताल के एसएमओ डॉ. अजय दत्ता ने कहा कि एंटी रैबीज के इंजेक्शन की सप्लाई न आने के चलते यह समस्या सामने आ रही है। अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर इंजेक्शन खरीदे रहे हैं, ताकि मरीजों को दिक्कत न हो। वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने सभी संस्थानों के लिए एंटी रैबीज इंजेक्शन उपलब्ध करवाए हैं। धर्मशाला अस्पताल प्रबंधन को भी एक दिन पहले इंजेक्शन लेने के लिए कहा गया था, जो अस्पताल प्रबंधन ने नहीं उठाए थे, इसके कारण यह मामला सामने आया है।

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