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राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: अब बोर्ड करवाएगा तीसरी, पांचवीं और आठवीं की परीक्षाएं

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Published : Sep 1, 2021, 7:22 PM IST

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अब हिमाचल में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के जो बच्चों की परीक्षाएं हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा की ओर से आयोजित की जाएंगी. इनका परिणाम भी HPBOSE (Himachal Pradesh Board of School Education , HPBOSE) ही जारी करेगा.

Education Minister Govind Singh Thakur
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर.

धर्मशाला: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy-2020) भारत को विश्वगुरु के सिंहासन पर विराजमान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से एक ऐसी शिक्षा अपने बच्चों को देना चाहते हैं, जिसके दम पर बच्चे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें.

गोविंद ठाकुर ने कहा कि विश्व बैंक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के लिये 6.50 करोड़ का स्टार प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाया है. उन्होंने कहा कि इस स्टार प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में स्टेट होल्डर के साथ बैठकर छोटी मीटिंग करेंगे और उसमें विचार मंथन किया जाएगा और उसके बाद जो एक्शन प्लान बनेगा उसपर भी भारत सरकार व विश्व बैंक से चर्चा की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब तीसरी पांचवीं और आठवीं कक्षा के जो बच्चे हैं उनके परीक्षा परिणाम और परीक्षा लेने का काम भी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाएगा.

वहीं, मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन करने और स्टार्स प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया. उन्होंने बताया कि यह स्टार्स प्रोजेक्ट विश्व बैंक के सौजन्य से भारत सरकार द्वारा देश के छः राज्यों में चलाया जा रहा है, जिसमें हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा, महाराष्ट्र, और राजस्थान हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को शुरुआती शिक्षा और मजबूत अधिगम और आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पांच वर्ष तक कार्य करेगा.

राज्य परियोजना निदेशक (State Project Director) डॉ. वीरेन्द्र शर्मा ने प्रदेश में किये जा रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रयासों पर प्रेजेंटेशन दी और जिला परियोजना अधिकारी विनोद चौधरी ने जिला में किए गये प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. कार्यशाला में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र महामंत्री और राज्य टास्क फोर्स सदस्य देसराज शर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों पर अपनी प्रस्तुति दी. इसके बाद सभी हितधारकों के दस समूहों में स्कूली शिक्षा के दस विषयों पर चर्चा परिचर्चा करके सुझाव प्रस्तुत किए.

इस दौरान शिक्षा मंत्री ने हितकारकों द्वारा दिये गये सुझावों पर क्रियान्वयन करने की प्रतिबद्धता दिखाई. कार्यशाला में बच्चों के अभिभावक, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, पंचायतों के प्रधान, एनजीओ के सदस्य और डाइट प्रशिक्षुओं सहित अधिकारियों करीब 150 हितधारकों ने भाग लिया.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में ट्रिपल तलाक का मामला आया सामने, पीड़िता ने SP से लगाई न्याय की गुहार

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सेब सीजन के साथ राजनीति भी तेज, बागवानी मंत्री ने कांग्रेस को दी ये चुनौती

धर्मशाला: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy-2020) भारत को विश्वगुरु के सिंहासन पर विराजमान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से एक ऐसी शिक्षा अपने बच्चों को देना चाहते हैं, जिसके दम पर बच्चे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकें.

गोविंद ठाकुर ने कहा कि विश्व बैंक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के लिये 6.50 करोड़ का स्टार प्रोजेक्ट स्वीकृत करवाया है. उन्होंने कहा कि इस स्टार प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह निर्णय लिया गया है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में स्टेट होल्डर के साथ बैठकर छोटी मीटिंग करेंगे और उसमें विचार मंथन किया जाएगा और उसके बाद जो एक्शन प्लान बनेगा उसपर भी भारत सरकार व विश्व बैंक से चर्चा की जाएगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब तीसरी पांचवीं और आठवीं कक्षा के जो बच्चे हैं उनके परीक्षा परिणाम और परीक्षा लेने का काम भी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा किया जाएगा.

वहीं, मंगलवार को शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन करने और स्टार्स प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया. उन्होंने बताया कि यह स्टार्स प्रोजेक्ट विश्व बैंक के सौजन्य से भारत सरकार द्वारा देश के छः राज्यों में चलाया जा रहा है, जिसमें हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा, महाराष्ट्र, और राजस्थान हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों को शुरुआती शिक्षा और मजबूत अधिगम और आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पांच वर्ष तक कार्य करेगा.

राज्य परियोजना निदेशक (State Project Director) डॉ. वीरेन्द्र शर्मा ने प्रदेश में किये जा रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रयासों पर प्रेजेंटेशन दी और जिला परियोजना अधिकारी विनोद चौधरी ने जिला में किए गये प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी. कार्यशाला में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र महामंत्री और राज्य टास्क फोर्स सदस्य देसराज शर्मा ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों पर अपनी प्रस्तुति दी. इसके बाद सभी हितधारकों के दस समूहों में स्कूली शिक्षा के दस विषयों पर चर्चा परिचर्चा करके सुझाव प्रस्तुत किए.

इस दौरान शिक्षा मंत्री ने हितकारकों द्वारा दिये गये सुझावों पर क्रियान्वयन करने की प्रतिबद्धता दिखाई. कार्यशाला में बच्चों के अभिभावक, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, पंचायतों के प्रधान, एनजीओ के सदस्य और डाइट प्रशिक्षुओं सहित अधिकारियों करीब 150 हितधारकों ने भाग लिया.

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