कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के (Himachal Pradesh Teachers association) अखिल भारतीय सचिव पवन मिश्रा ने सरकार से मांग की है कि शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे एसएमसी शिक्षकों, कंप्यूटर शिक्षकों के लिए स्थायी नीति बनाई जाए. यह मांग पवन मिश्रा ने मंगलवार को धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता के दौरान उठाई. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ हिमाचल में सबसे बड़ा संगठन है, जो की राष्ट्रहित, शिक्षा हित, छात्र हित तथा शिक्षक हित मे काम करता है. उन्होंने कहा कि अपने सामाजिक सरोकार के कार्यों व राष्ट्रीय जागरण में भी अहम भूमिका निभा रहा है.
इस मौके पर उनके साथ मौजूद हिमाचल प्रांत के अध्यक्ष पवन कुमार (Demands of teachers in Himachal) ने बताया कि महासंघ की 14 सूत्रीय सुझाव पत्र में से 5 सुझावों को पूर्णतः मान लिया गया है. जिसमें अनुबंध काल को दो वर्ष करने, टीईटी की शर्त को आजीवन करना, एसीआर को ऑनलाइन करना तथा जेबीटी और सीएंडवी नियुक्ति की दूसरे जिले में ट्रांसफर को 5 वर्ष करना साथ ही कर्मचारियों को 20 लाख ग्रेजुएटी दी गई है.
इसके अलावा प्रदेश के 2,555 एसएमसी अध्यापकों तथा 20 वर्षों से स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्क संगत नीति बनाना, पंजाब के बराबर वेतन हेतु विसंगतियों को दूर करना और भाषा अध्यापकों एवं शास्त्री अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा देना जैसी अन्य मांगें भी अभी लंबित पड़ी है. उन्होंने कहा कि इन मांगों को मुख्यमंत्री से मिलकर दूर करने का भर पूर प्रयास किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: पालमपुर में राज्य स्तरीय होली महोत्सव को लेकर बैठक, एसडीएम ने दिए ये निर्देश