देहरा: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) को लेकर सूबे में अब राजनीतिक दलों को बस चुनावी तारीखों के ऐलान का इंतजार है. चुनावी साल में प्रदेश में चुनावी गतिविधियां चरम पर पहुंच चुकी है. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल सीट स्कैन (Himachal Seat Scan) के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों इस साल क्या चुनावी समीकरण हैं, इससे रू-ब-रू करा रहे हैं. इसी कड़ी में आज 10वीं विधानसभा क्षेत्र, देहरा में चुनावी समीकरण (Dehra Assembly Constituency Seat Ground Report ) के बारे में जानेंगे...
देहरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राउंड रिपोर्ट: दरअसल कांगड़ा जिले में स्थित देहरा निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. यह क्षेत्र साल 2008 में नए परिसीमन के अनुसरण में अस्तित्व में आया. इससे पहले देहरा ज्वालामुखी का हिस्सा था. नए परिसीमन में ज्वालामुखी और परागपुर विधानसभा के कई इलाकों को काट कर देहरा में शामिल किया गया. परागपुर विधानसभा क्षेत्र के लंबे चौड़े क्षेत्र को कम करने के मकसद से ये फैसला लिया गया था. वहीं, देहरा के पास बंनखंडी में प्रसिद्ध बगलामुखी मंदिर यहां की विशेष पहचान है.
तीन हिस्सों में बंटा है देहरा विधानसभा क्षेत्र: देहरा विधानसभा क्षेत्र तीन हिस्सों में बंटा है. एक इलाका हरिपुर गुलेर तो दूसरा ढलियारा और तीसरा पुराना ज्वालामुखी पाइसा मूहल. पुराने परागपुर के 32 पोलिंग बूथ कटकर देहरा में मिलाए गए हैं. विधानसभा परिसीमन से पहले देहरा परागपुर का ही हिस्सा था. परागपुर अनूसूचित जाति के लिये रिजर्व सीट थी, लेकिन विधानसभा परिसीमन के दौरान जब देहरा बनी तो यह समान्य हो गई. बता दें कि पहले जसवां और परागपुर दो चुनाव क्षेत्र आपस में जुड़े थे, लेकिन विधानसभा परिसीमन के बाद परागपुर की जगह देहरा विधानसभा क्षेत्र बना और जसवां की जगह जसवां परागपुर अलग विधानसभा क्षेत्र बना. वैसे तो देहरा कांगड़ा जिले में है, लेकिन यह हमीरपुर संसदीय चुनाव क्षेत्र का हिस्सा है.
दोनों दलों पर देहरा की अनदेखी का आरोप: हिमाचल प्रदेश में भले ही सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन देहरा विधानसभा सीट के लोगों का यह कहना है कि देहरा को हमेशा अनदेखा ही किया गया है चाहे फिर सत्ता में कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की दोनों पार्टियों ने देहरा विधानसभा क्षेत्र को हमेशा अनदेखा ही किया है. यहां के लोगों को सरकार की तरफ से सिर्फ अभी तक आश्वासन ही मिले हैं. वहीं, प्रदेश में संभावित विधानसभा चुनावों के लिए देहरा में नेताओं में वाकयुद्ध तेज हो गया है. सियासी आंच में तप रहे देहरा में माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है.
देहरा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी जंग: वहीं, भाजपा में शामिल हो चुके निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र सिंह रवि को खुली चुनौती दे डाली है. उनका कहना है कि अगर उनमें दम है तो देहरा से चुनाव लड़ कर देखें. वहीं, इस मर्तबा चुनावी मैदान में कांग्रेस के सिपहसालार के रूप में डॉ. राजेश शर्मा भी चुनावी मैदान में डट गए हैं. ऐसे में भाजपा पार्टी से टिकट के दो प्रबल दावेदार के रूप में होशियार सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र सिंह रवि आमने-सामने है. हालांकि रविंद्र सिंह रवि इस देहरा विधानसभा सीट से एक बार चुनाव भी हार चुके हैं. ऐसे में अब देखना रोचक होगा कि भाजपा हाईकमान किस उम्मीदवार की झोली में टिकट डालती है. वहीं कांग्रेस पार्टी के टिकट के दावेदार डॉ. राजेश शर्मा ने भी आगामी चुनावों को लेकर अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है.
देहरा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता: देहरा में ओबीसी मतदाताओं की संख्या (Voters in Dehra Assembly Constituency) अधिक है. देहरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदातओं की संख्या 81,786 है. इसमें 40,633 पुरुष मतदाता 41,153 महिला मतदाता है. फिलहाल मतदाता पहचान पत्र बनाने की प्रक्रिया अभी जारी है. वहीं, वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में देहरा विधानसभा क्षेत्र में कुल 76,522 मतदाता थे. कुल वैध मतों की संख्या 54,614 थी.
देहरा विधानसभा सीट पर जीत का अंतर: 2017 में इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी होशियार सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्हें कुल 24,206 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा के उम्मीदवार रविंद्र सिंह रवि को कुल 20,292 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे उन्हें 3914 मतों से हार का सामना करना पड़ा था. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में कुल 6 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से निर्दलीय उम्मीदवार होशियार सिंह (Dehra Independent MLA Hoshiyar Singh) को 24,206 यानी 44.32% वोट मिले थे.
वहीं, भाजपा के उम्मीदवार रविंद्र सिंह रवि को 20292 यानी 37.16% वोट मिले थे. कांग्रेस की उम्मीदवार विप्लव ठाकुर को 8289 यानी 15.18% वोट मिले. वहीं, बीएचएलजेबीपी के उम्मीदवार मनोहर लाल शर्मा को 393 यानी 0.72% वोट मिले थे. इसके अलावा बसपा के उम्मीदवार विपक्ष चंद को 194 यानी 0.36% वोट मिले थे. वहीं, आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे सुदेश चौधरी को 337 यानी 0.62% वोट मिले थे.
देहरा विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे: देहरा विधानसभा क्षेत्र की जनता का कहना है कि देहरा को हर बार अनदेखा (Dehra Assembly Constituency issues) किया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई सरकारों को सत्ता में आते और जाते हुए देखा, लेकिन देहरा क्षेत्र की समस्याएं आज भी बरकरार है. वहीं, लोगों का मानना है कि पिछले लंबे समय से देहरा बस अड्डे के निर्माण की मांग को सरकार के समक्ष उठाया जा रहा है, लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से इस पर कोई अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. लोगों का कहना है कि दिल्ली और चंडीगढ़ के रूट पर जाने वाली बसें इसी बस अड्डे से होकर गुजरती हैं, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए इस बस अड्डे में कोई भी प्रावधान नहीं है.
वहीं, बसें खड़ी होने के हिसाब से भी यह बस अड्डा छोटा पड़ जाता है. इसी के साथ यात्रियों के बैठने के लिए भी उचित प्रावधान नहीं किए गए हैं. वहीं, अगर बात देहरा चौक की जाए तो इस चौक पर भी अक्सर मुसाफिरों का डेरा लगा रहता है, लेकिन उनके बैठने के लिए वर्षाशालिका तक का निर्माण नहीं किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर से आने वाले यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
देहरा से विधायक होशियार सिंह की रविंद्र सिंह रवि को चुनौती: निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज कर विधायक बने होशियार सिंह ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है. होशियार सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र सिंह रवि को खुली चुनौती दे डाली है कि अगर दम है तो देहरा से चुनाव लड़ कर दिखाएं. होशियार सिंह का कहना है कि रविंद्र सिंह रवि कहते हैं कि देहरा की जनता मूर्ख है, जिसने उन्हें हरा दिया. उनको मालूम होना चाहिए कि देहरा की जनता मूर्ख नहीं है, बल्कि 59 सालों से इस क्षेत्र में जितने भी प्रतिनिधि रहे उन्होंने जनता को मूर्ख बनाया है.
रविंद्र सिंह रवि का होशियार सिंह पर आरोप: विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर भाजपा में पांच बार विधायक व दो बार मंत्री रहे रविंद्र सिंह रवि ने कहा कि उन्होंने भाजपा हाईकमान के सामने अपनी बात रखी है. उन्हें उम्मीद है कि वह भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे. रविंद्र सिंह रवि ने कहा कि देहरा के विधायक होशियार सिंह अपना मानसिक संतुलन (BJP Leader Ravinder Singh Ravi on Hoshiyar Singh) खो चुके हैं और अब अनाप-शनाप बयानबाजी कर लोगों का ध्यान भटकाना चाहते हैं जनता ने उनको मौका तो दिया लेकिन वह उम्मीद पर खरे नहीं उतरे बकौल रविंद्र सिंह रवि चुनाव जरूर हारे लेकिन होशियार सिंह को यह याद रखना चाहिए की टाइगर अभी जिंदा है. वहीं, कांग्रेस टिकट के दावेदार डॉ. राजेश शर्मा का कहना है कि कांग्रेस एक विचारधारा है जो हर वर्ग को साथ लेकर चलती है कांग्रेस कभी किसी व्यक्ति विशेष को महत्व नहीं देती मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं और एक सिपाही की तरह काम करूंगा.
देहरा विधानसभा सीट पर टिकट के कई चाहवान: इस मर्तबा इस विधानसभा सीट से भाजपा पार्टी से दो दावेदार होशियार सिंह व रविंद्र सिंह रवि बताए जा रहे हैं. वहीं, इन दोनों उम्मीदवारों में जुबानी जंग भी जारी है. दोनों भाजपा हाईकमान से टिकट लेने की बात जरूर करेंगे. ऐसे अब देखना यह होगा कि भाजपा हाईकमान किस उम्मीदवार की झोली में टिकट डालती है. क्योंकि एक और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र सिंह रवि जो पिछले लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और पार्टी का कार्य कर रहे हैं. वहीं, दूसरी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ के जीते होशियार सिंह ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है और अपने आप को टिकट के प्रबल दावेदार साबित कर रहे हैं.
इसी के साथ कांग्रेस पार्टी से अपने लिए टिकट की दावेदारी पेश कर रहे डॉ. राजेश शर्मा भी इस मर्तबा चुनावी मैदान में हैं. हालांकि अभी कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री विप्लव ठाकुर ने विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा नहीं की है. ऐसे में माना जा रहा है कि हो सकता है कि कांग्रेस हाईकमान डॉ. राजेश शर्मा को ही टिकट देकर इस विधानसभा से चुनाव लड़वाये. बहरहाल अब यह तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा कि भाजपा और कांग्रेस किसे चुनावी मैदान में उतारती है.
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