धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तैयार किए जाने वाले प्रश्नपत्रों में गलतियां पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों को पैनल से हटा दिया जाएगा. साथ ही शिक्षकों को न्यूमेरिकल आधारित प्रश्नों पर जोर देने और इन्फोर्मेटिव प्रश्न ज्यादा न डालने की बात कही गई है.
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षक बोर्ड ने पहले ही ये निर्णय ले लिया है कि बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में गलतियां पाए जाने पर प्रश्नपत्र तैयार करने वाले शिक्षकों को पैनल में नहीं रखा जाएगा. ऐसे मे प्रश्नपत्रों में गलतियां पाए जाने पर शिक्षा बोर्ड द्वारा कुछ शिक्षकों को पैनल से हटाया गया और उनको कार्यशाला के लिए बुलाया गया है.
ऐसे शिक्षकों का पैनल बनाया जाएगा जो ठीक प्रकार से पेपर सेट कर सके. विशेषकर बोर्ड की एनसीईआरटी आधारित पुस्तकों से ही प्रश्नपत्र बनाए जाएं. प्रश्नपत्र का आधार भी ऐसा हो कि 40 फिसदी प्रश्न इजी लेवल, 40 एवरेज लेवल और 20 फीसदी हार्ड लेवल के प्रश्न होने चाहिए. साथ ही न्यूमेरिकल बेसड प्रश्नों पर फोक्स किया जाए, जिससे पता लगाया जा सके कि बच्चों ने कितनी गंभीरता से परीक्षा के लिए तैयारी की है.
एप्लीकेशन पर आधारित 50 फीसदी प्रश्न भी बनाने को कहा गया है, जबकि इनफॉर्मेटिव प्रश्न पेपर में ज्यादा न पूछने के लिए कहा गया है. बोर्ड के अनुसार प्रश्नपत्र के मामले में बोर्ड में जीरो टॉलरेंस की नीति है. वहीं अगर प्रिंटर की भी कोई गलती पाई जाती है तो उन्हें भी डीवार कर दिया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले बोर्ड ने पेपर चेकिंग में गलती करने पर कुछ अध्यापकों को पेपर चेकिंग से हटा दिया था. इसके बाद जुर्माने का भी प्रावधान बोर्ड की ओर से किया था.
स्कूल शिक्षा बोर्ड के चैयरमेन डॉ. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में गलतियां पाए जाने पर प्रश्नपत्र तैयार करने वाले शिक्षकों को पैनल में नहीं रखा जाएगा. ऐसे शिक्षकों का पैनल बनाया जाएगा, जो ठीक प्रकार से पेपर सेट कर सके. उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र में गलती के लिए जो भी जिम्मेवार होगा, उसका दायित्व सुनिश्चित किया जाएगा.