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CAA पर विपक्ष का विरोध बेवजह, जनता को किया जा रहा भ्रमित: बीजेपी उपाध्यक्ष - विपक्ष पर करारा हमला बोला

केसीसी बैंक के चेयरमैन डॉ. राजीव भारद्वाज ने विपक्ष पर करारा हमला बोला है. राजीव भारद्वाज ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष जनता को भड़का रही है. पिछले कुछ दिनों से बेवजह हंगामा किया जा रहा है.

himachal bjp vice president
डॉ. राजीव भारद्वाज
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Published : Dec 24, 2019, 8:27 PM IST

धर्मशाला: बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह केसीसी बैंक के चेयरमैन डॉ. राजीव भारद्वाज ने विपक्ष पर करारा हमला बोला है. राजीव भारद्वाज ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष जनता को भड़का रही है. पिछले कुछ दिनों से बेवजह हंगामा किया जा रहा है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद सीएए अब कानून बन चुका है. ऐसे में विपक्ष का विरोध बिल्कुल गलत है.

पत्रकारों से बातचीत में राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के पास बोलने को कुछ नहीं है. इस एक्ट के बारे में विपक्ष को सही ज्ञान है ही नहीं, इसी वजह से वो हल्ला कर रहे हैं. एक्ट के माध्यम से बंग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक, प्रताड़ित वर्ग को नागरिकता देने की बात सरकार कर रही है, वो भी उन्हें जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आ चुके हैं.

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जिस समय हिंदुस्तान से अलग होकर पाकिस्तान बना था, उस वक्त यह तय किया गया था कि दोनों देशों में जो अल्पसंख्यक हैं, उनके हितों की रक्षा करना उस देश की जिम्मेदारी होगी, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया है. भारत की सरकार ने संवेदनशील होते हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही थी. वर्तमान में 2 फीसदी अल्पसंख्यक पाकिस्तान और बंगलादेश में रह गए हैं.

यदि इतने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हिंदुस्तान में नागरिकता देने की बात कही जा रही है तो इसके लिए विपक्षी दलों का धन्यवाद करना चाहिए था, लेकिन विपक्ष द्वारा बेवजह का हो-हल्ला किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: क्रिसमस को लेकर शिमला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, शरारती तत्वों के खिलाफ पुलिस ने की रणनीति तैयार

धर्मशाला: बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह केसीसी बैंक के चेयरमैन डॉ. राजीव भारद्वाज ने विपक्ष पर करारा हमला बोला है. राजीव भारद्वाज ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर विपक्ष जनता को भड़का रही है. पिछले कुछ दिनों से बेवजह हंगामा किया जा रहा है. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद सीएए अब कानून बन चुका है. ऐसे में विपक्ष का विरोध बिल्कुल गलत है.

पत्रकारों से बातचीत में राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के पास बोलने को कुछ नहीं है. इस एक्ट के बारे में विपक्ष को सही ज्ञान है ही नहीं, इसी वजह से वो हल्ला कर रहे हैं. एक्ट के माध्यम से बंग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक, प्रताड़ित वर्ग को नागरिकता देने की बात सरकार कर रही है, वो भी उन्हें जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आ चुके हैं.

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जिस समय हिंदुस्तान से अलग होकर पाकिस्तान बना था, उस वक्त यह तय किया गया था कि दोनों देशों में जो अल्पसंख्यक हैं, उनके हितों की रक्षा करना उस देश की जिम्मेदारी होगी, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया है. भारत की सरकार ने संवेदनशील होते हुए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात कही थी. वर्तमान में 2 फीसदी अल्पसंख्यक पाकिस्तान और बंगलादेश में रह गए हैं.

यदि इतने प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हिंदुस्तान में नागरिकता देने की बात कही जा रही है तो इसके लिए विपक्षी दलों का धन्यवाद करना चाहिए था, लेकिन विपक्ष द्वारा बेवजह का हो-हल्ला किया जा रहा है.

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Intro:धर्मशाला- केसीसी बैंक के चेयरमैन ओर भाजपा के प्रदेष उपद्यक्ष डा. राजीव भारद्वाज ने कहा कि देश में पिछले कुछ दिनों से बवाल खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है। सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट (सीएए) जो कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब एक कानून बन चुका है, इसको लेकर कुछ विपक्षी दल विशेष रूप से कांग्रेस हो-हल्ला करने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत में डा. भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के पास बोलने को कुछ नहीं है।




Body:मुझे लगता है कि जिस तरह से आगजनी हो रही, हो-हल्ला हो रहा है, विपक्षी दलों को इस एक्ट के बारे में ज्ञान ही नहीं है। एक्ट के माध्यम से बंगलादेश, अफगानीस्तान और पाकिस्तान के अल्पसंख्याक, प्रताडि़त वर्ग को नागरिकता देने की बात हम कर रहे हैं, वो भी उन्हें जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आ चुके हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू और लियाकत अली का पैक्ट हुआ था, जिस समय हिंदुस्तान और पाकिस्तान बना था, उस समय यह तय किया गया था कि दोनों देशों में जो अल्पसंख्यक हैं, उनके हितों रक्षा उस देश को करनी पड़ेगी, लेकिन वो नहीं कर पाए। भारत की सरकार ने संवेदनशील होते हुए वहां जो प्रताडि़त अल्पसंख्यक थे, उनको नागरिकता देने की बात कही थी। 





Conclusion:जब पाकिस्तान बना था उस समय बंगलादेश में 23 फीसदी अल्पसंख्यक थे, जो हिंदू, सिक्ख, पारसी थे। वर्तमान में 2 फीसदी अल्पसंख्यक पाकिस्तान और बंगला देश में रह गए हैं। यदि इतने प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को हिंदुस्तान में नागरिकता देने की बात कही जा रही है तो इसके लिए विपक्षी दलों का धन्यवाद करना चाहिए था, लेकिन विपक्ष द्वारा बेवजह का हो-हल्ला किया जा रहा है।

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