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सामाणा में आयोजित सेमिनार में विधानसभा अध्यक्ष ने की बतौर मुख्यातिथि की शिरकत, कही ये बात - sullah assembly constiuency

सुलह निर्वाचन क्षेत्र के सामाणा में हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ उपमंडल धीरा (Himachal Pradesh Spokesperson Union Dheera) इकाई द्वारा आयोजित वर्तमान समय में शिक्षा में नई चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार (Seminar in Samana) में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत (Vipin Singh Parmar in Samana) की. इस दौरान उन्होंने कहा की शिक्षा एक बहुउद्देशीय प्रक्रिया है, जो न केवल मानवता में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जागरूकता पैदा करती है, बल्कि जीवन को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है.

Vipin Singh Parmar in Samana
सामाणा में आयोजित सेमिनार
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Published : Feb 6, 2022, 7:07 PM IST

पालमपुर: छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ- साथ देशभक्ति, राष्ट्रीयता, नैतिकता और संस्कारों का पाठ पढ़ाना भी अध्यापकों को सुनिश्चित करना चाहिए. यह उदगार विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने रविवार को सुलाह निर्वाचन क्षेत्र के सामाणा (Seminar in Samana) में हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ उपमंडल धीरा इकाई (Himachal Pradesh Spokesperson Union Dheera) द्वारा आयोजित वर्तमान समय में शिक्षा में नई चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्यातिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त (Vipin Singh Parmar in Samana) किए.



अध्यापक समाज के श्रेष्ठ साधक: परमार ने कहा कि शिक्षा एक बहुउद्देशीय प्रक्रिया है, जो न केवल मानवता में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जागरूकता पैदा करती है, बल्कि जीवन को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने कहा कि जीवन में अवसरों के साथ चुनौतियां भी साथ चलती हैं. हमें इन चुनौतियों के समक्ष समर्पण नहीं बल्कि इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि अध्यापक समाज का श्रेष्ठ साधक है जिनका अनुशरण युवा पीढ़ी करती है. हमें छात्रों को संस्कारित करने के साथ-साथ इनके चरित्र निर्माण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

मार्गदर्शक की भूमिका अदा करें अध्यापक: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अध्यापक समाज के भविष्य युवाओं के लिये प्रेरक और मार्गदर्शक की भूमिका में होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अध्यापक बच्चों को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त इतिहास और हमारे महान सपूतों के बारे में भी जानकारी दें जिससे उनके व्यक्तित्व विकास के साथ अनुशासन की भावना भी उत्पन्न हो. विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सुदृढ़ समाज के निर्माण के लिए शिक्षा के साथ बच्चों की प्रतिभा, कौशल और उनके हुनर की पहचान कर, उसमें ओर निखार लाकर शिक्षा को रोजगारंमुखी बनाने की दिशा में प्रयास है.

अगले सत्र से शुरू होंगी फार्मेसी कक्षाएं: परमार ने कहा कि सुलाह निर्वाचन क्षेत्र में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ साथ ढांचागत विकास पर भी विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके में फार्मेसी कॉलेज स्वीकृत किया गया और अगले शैक्षणिक सत्र कक्षाएं आरंभ कर दी जाएंगी. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त परौर में बहुत तकनीकी संस्थान भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिये सभी स्कूलों में अध्यापकों के पदों भरने के साथ पुराने भवनों के स्थान पर नयें भवन बनाए गए हैं.

प्राथमिक स्कूल परौर सबसे अधिक संख्या वाला विद्यालय: उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर ज़िला का सबसे अधिक संख्या वाला स्कूल है, जहां लगभग 350 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने सभी अध्यापकों से आह्वान किया कि प्रत्येक स्कूल में बच्चों की संख्या को बढ़ाने पर विशेष प्रयास कर आदर्श सुलाह बनाने के कदम से कदम साथ मिलाकर साथ चल एक उदाहरण स्थापित करें.

कर्मचारी सरकार की रीढ़, सरकार ने दिए करोड़ों के लाभ: परमार ने कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं जो सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है और समय-समय पर कर्मचारियों के हकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि नयें वेतमान को भी प्रदेश में लागू कर लाखों कर्मचारियों को लाभ दिया गया है.


इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष, हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और वर्तमान समय मे शिक्षा में चुनौती जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित आयोजित सेमिनार शिरकत करने के लिए आभार प्रकट किया. इससे पहले हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ धीरा इकाई के अध्यक्ष संजय सूद ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और शिक्षा के समक्ष चुनोतियां विषय पर अपने विचार रखे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल वासियों का शोषण कर रहे वित्तीय संस्थान, धारा 118-A की हो रही उल्लंघना: सुभाष शर्मा

पालमपुर: छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ- साथ देशभक्ति, राष्ट्रीयता, नैतिकता और संस्कारों का पाठ पढ़ाना भी अध्यापकों को सुनिश्चित करना चाहिए. यह उदगार विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने रविवार को सुलाह निर्वाचन क्षेत्र के सामाणा (Seminar in Samana) में हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ उपमंडल धीरा इकाई (Himachal Pradesh Spokesperson Union Dheera) द्वारा आयोजित वर्तमान समय में शिक्षा में नई चुनौतियां विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्यातिथि के रूप में अपने सम्बोधन में व्यक्त (Vipin Singh Parmar in Samana) किए.



अध्यापक समाज के श्रेष्ठ साधक: परमार ने कहा कि शिक्षा एक बहुउद्देशीय प्रक्रिया है, जो न केवल मानवता में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जागरूकता पैदा करती है, बल्कि जीवन को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है. उन्होंने कहा कि जीवन में अवसरों के साथ चुनौतियां भी साथ चलती हैं. हमें इन चुनौतियों के समक्ष समर्पण नहीं बल्कि इन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि अध्यापक समाज का श्रेष्ठ साधक है जिनका अनुशरण युवा पीढ़ी करती है. हमें छात्रों को संस्कारित करने के साथ-साथ इनके चरित्र निर्माण पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

मार्गदर्शक की भूमिका अदा करें अध्यापक: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अध्यापक समाज के भविष्य युवाओं के लिये प्रेरक और मार्गदर्शक की भूमिका में होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अध्यापक बच्चों को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त इतिहास और हमारे महान सपूतों के बारे में भी जानकारी दें जिससे उनके व्यक्तित्व विकास के साथ अनुशासन की भावना भी उत्पन्न हो. विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सुदृढ़ समाज के निर्माण के लिए शिक्षा के साथ बच्चों की प्रतिभा, कौशल और उनके हुनर की पहचान कर, उसमें ओर निखार लाकर शिक्षा को रोजगारंमुखी बनाने की दिशा में प्रयास है.

अगले सत्र से शुरू होंगी फार्मेसी कक्षाएं: परमार ने कहा कि सुलाह निर्वाचन क्षेत्र में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ साथ ढांचागत विकास पर भी विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुलाह हलके में फार्मेसी कॉलेज स्वीकृत किया गया और अगले शैक्षणिक सत्र कक्षाएं आरंभ कर दी जाएंगी. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त परौर में बहुत तकनीकी संस्थान भी दिया गया है. उन्होंने कहा कि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिये सभी स्कूलों में अध्यापकों के पदों भरने के साथ पुराने भवनों के स्थान पर नयें भवन बनाए गए हैं.

प्राथमिक स्कूल परौर सबसे अधिक संख्या वाला विद्यालय: उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला परौर ज़िला का सबसे अधिक संख्या वाला स्कूल है, जहां लगभग 350 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उन्होंने सभी अध्यापकों से आह्वान किया कि प्रत्येक स्कूल में बच्चों की संख्या को बढ़ाने पर विशेष प्रयास कर आदर्श सुलाह बनाने के कदम से कदम साथ मिलाकर साथ चल एक उदाहरण स्थापित करें.

कर्मचारी सरकार की रीढ़, सरकार ने दिए करोड़ों के लाभ: परमार ने कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं जो सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार कर्मचारी हितैषी सरकार है और समय-समय पर कर्मचारियों के हकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि नयें वेतमान को भी प्रदेश में लागू कर लाखों कर्मचारियों को लाभ दिया गया है.


इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष, हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और वर्तमान समय मे शिक्षा में चुनौती जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित आयोजित सेमिनार शिरकत करने के लिए आभार प्रकट किया. इससे पहले हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ धीरा इकाई के अध्यक्ष संजय सूद ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और शिक्षा के समक्ष चुनोतियां विषय पर अपने विचार रखे.

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