कांगड़ा/फतेहपुर: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और आयुष मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने रविवार को स्थानीय निजी स्कूल में भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध हिमाचल प्रदेश आशा कार्यकर्ता संघ के प्रथम अधिवेशन के समापन अवसर पर बतौर मुख्याथिति शिरकत की.
इस मौके पर राज्यसभा के पूर्व सांसद कृपाल परमार, राज्य ओबीसी वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष ओपी चौधरी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस दो दिवसीय अधिवेशन में बीएमएस से संबद्ध 8 जिलों की लगभग 500 आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण जहां लोग अपने घरों में बंद थे. इस दौरान आशा वर्कर सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पूरे समर्पण और सेवाभाव से मानवता की सेवा की है. उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में आशा कार्यकर्ता लोगों के लिए आशा की नई किरण बनकर उभरी हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश और केंद्र सरकार ने समय-समय पर आशा वर्कर के मानदेय में बढ़ोतरी की है और उनकी मांगों के प्रति प्रदेश सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा उनके मानदेय को समय-समय पर बढ़ाया गया है उन्होंने बताया कि इसके राज्य अंशदान को 750 रुपये प्रतिमाह बढ़ाया गया है. जिससे उन्हें प्रतिमाह 2750 का मानदेय प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त उन्हें प्रतिमाह लगभग दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आशा वर्कर को पूरा मान और सम्मान देगी. उन्होंने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस, सफाई कर्मियों तथा समाज के सभी वर्गों द्वारा कोविड संकटकाल के दौरान दिए गए योगदान की जमकर तारीफ की.
स्वास्थ्य मंत्री ने आज गठित होने वाली आशा वर्कर की नई कार्यकारिणी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अक्टूबर माह के पहले हफ्ते शिमला में कार्यकारिणी के साथ बैठक आयोजित की जायेगी . उन्होंने कहा कि इस बैठक में विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे तथा आशा कार्यकर्ताओं की मांगों पर विस्तृत चर्चा करने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को शीघ्र ही शिमला में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित करने का भी भरोसा दिया.
सैजल ने आशा वर्कर द्वारा उत्तराखंड राज्य की तर्ज पर मानदेय देने की मांग पर बोलते हुए कहा कि इस बारे वह सम्बंधित राज्य सरकार से आशा कार्यकर्ताओं के लिए बनाई गई नीति का पूरा अध्ययन करेंगे और उसके बाद इस बारे मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगे. उन्होंने आशा वर्करों को भरोसा दिया कि प्रदेश सरकार उनके मुद्दों को केंद्र सरकार से भी उठाने का हर संभव प्रयास करेगी.
इस मौके पर राज्यसभा के पूर्व सांसद कृपाल परमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कोविड महामारी के दौरान दिए गए योगदान को बुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान न केवल घर-घर जाकर सम्पर्क स्थापित किया है बल्कि लोगों को जागरूक करने व होम आइसोलेशन में भर्ती मरीजों की परिवार के सदस्यों की तरह सेवा की है. उन्होंने समाज सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर अपेक्षा से बढ़कर कार्य किया है. उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की उचित मांगों को स्वास्थ्य मंत्री से पूरा करने का आग्रह किया.
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