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स्वामी विवेकानंद के विचारों का शोध होना जरूरी: राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर - Rajendra Vishwanath Arlekar visited Dharamshala

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के विचारों का शोध होना जरूरी है. उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा उनके विचारों और आचरण का प्रसार कर रही है, जिससे विवेकानंद के विचारों पर लोग चल रहे हैं. राज्यपाल शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (वीकेके) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे.

राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
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Published : Jun 18, 2022, 11:01 AM IST

धर्मशाला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के विचारों का शोध होना जरूरी है. उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा उनके विचारों और आचरण का प्रसार कर रही है, जिससे विवेकानंद के विचारों पर लोग चल रहे हैं. राज्यपाल शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (वीकेके) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे.


विवेकानंद के विचारों पर होगा शोध: राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में भी स्वामी विवेकानंद के विचारों का आदान-प्रदान होना जरूरी है. उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद के विचारों को ध्यान में रखते हुए योग आसन को एक दूसरे के साथ बैठकर कैसे साझा करेंगे. इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में केंद्रीय विश्वविद्यालय में योग क्रियाओं और स्वामी विवेकानंद के विचारों पर शोध किया जाएगा. साथ ही बच्चों के आचरण के बारे में आगे क्या कुछ किया जा सकता इस पर भी विश्वविद्यालय विचार करेगा.

अग्निपथ योजना को समझना चाहिए: केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर राज्यपाल ने कहा कि इस विषय को समझना चाहिए यह क्या है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस योजना को बनाया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को इस योजना का विरोध ना करते हुए इसके समर्थन में आगे आना चाहिए . युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षण लेना चाहिए, जिससे वह आगे जीवन में अनुशासन के साथ खड़े रहे सके. केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. वहीं, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के उपाध्यक्ष हनुमंत राव समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे.

ये भी पढ़ें : CM जयराम का कुल्लू दौरा आज: मातृ एवं शिशु अस्पताल करेंगे समर्पित, भुंतर में होगी जनसभा

धर्मशाला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) के विचारों का शोध होना जरूरी है. उन्होंने कहा की स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा उनके विचारों और आचरण का प्रसार कर रही है, जिससे विवेकानंद के विचारों पर लोग चल रहे हैं. राज्यपाल शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय और विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (वीकेके) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे.


विवेकानंद के विचारों पर होगा शोध: राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में भी स्वामी विवेकानंद के विचारों का आदान-प्रदान होना जरूरी है. उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद के विचारों को ध्यान में रखते हुए योग आसन को एक दूसरे के साथ बैठकर कैसे साझा करेंगे. इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. उन्होंने आशा प्रकट करते हुए कहा कि आने वाले समय में केंद्रीय विश्वविद्यालय में योग क्रियाओं और स्वामी विवेकानंद के विचारों पर शोध किया जाएगा. साथ ही बच्चों के आचरण के बारे में आगे क्या कुछ किया जा सकता इस पर भी विश्वविद्यालय विचार करेगा.

अग्निपथ योजना को समझना चाहिए: केंद्र की अग्निपथ योजना को लेकर राज्यपाल ने कहा कि इस विषय को समझना चाहिए यह क्या है. उन्होंने कहा मुझे लगता है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस योजना को बनाया गया. उन्होंने कहा कि युवाओं को इस योजना का विरोध ना करते हुए इसके समर्थन में आगे आना चाहिए . युवाओं को इस योजना के तहत प्रशिक्षण लेना चाहिए, जिससे वह आगे जीवन में अनुशासन के साथ खड़े रहे सके. केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. वहीं, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के उपाध्यक्ष हनुमंत राव समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे.

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