पालमपुरः विधानसभा क्षेत्र सुलह में मुख्यमंत्री राहत कोष और सरकार की अन्य राहत योजनाओं के तहत लोगों को बांटे गई राशि का मामला गरमा गया है. वहीं, बुधवार को पालमपुर में प्रैसवार्ता को सम्बोधित करते हुए पूर्व सीपीएस व सुलह विधानसभा के पूर्व विधायक जगजीवन पाल ने विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधा है और बंटी राशि में धांधली को लेकर इस्तिफा देने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष और सरकार की राहत योजनाओं में जो यह सहायता राशि विभिन्न लोगों में बांटी गई है, यह करोड़ों में है. यह राशि पात्र लोगों को ना बांटकर ऐसे लोगों को बांटी गई है, जो साधन संपन्न है. इसमें अमीर घरानों के युवा तक भी इसमें शामिल है.
जगजीवन पाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये राशि विभिन्न विभागों में ठेकेदारी कर रहे युवाओं, भाजपा समर्थित पंचायत प्रतिनिधियों, भाजपा महिला मोर्चा पदाधिकारियों सहित भाजपा कार्यकर्ताओं, बूथ प्रभारियों, भाजपा समर्थित पूर्व सैनिकों और यहां तक कि कुछ साधन संपन्न बिजनेसमैन को भी दी गई है. यह सहायता राशि विभिन्न प्रकार की मदों के माध्यम से जारी की गई है.
'इन लोगों का नाम सूच में शामिल'
पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला भाजपा अध्यक्ष हरि दत्त शर्मा का भी नाम सूची में है, जिन्हें 20,000 रुपये प्राप्त हुए हैं. पालमपुर भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष रागिनी रूकवाल 10,000 रुपये जबकि उनके पति सरकारी स्कूल में लेक्चर है. भाजना युवा मोर्चा सुलह के विकास धीमान को 15,000 रुपये वह ठेकेदार भी है. एक अन्य व्यक्ति जो एक निजी स्कूल चला रहा हैं, उसे भी 15,000 रुपये दिए गए हैं. कई व्यापारी जो आयकर का भुगतान कर रहे हैं, वे भी सूची में शामिल हैं.
सीएम व राज्यपाल से कार्रवाई की मांग
पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल का आरोप है कि 70 प्रतिशत पैसा इस तरह के भाजपा के लोगों को दिया गया है. उन्होंने राज्यपाल और प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की मुख्यमंत्री राहत कोष व सरकार की अन्य राहत योजनाओं को जो गलत तरीके आवंटन हुआ है, उसकी जांच करके और उनके खिलाफ एफआईआर करके पैसे वापस लिया जाने की मांग की है.
विपिन सिंह परमार से इस्तीफे की मांग
जगजीवन पाल ने विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार से नैतिकता के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष और विधायक पद से त्याग पत्र देने की मांग की है.
आरटीआई के माध्यम से हुआ खुलासा
पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल ने कहा कि उपमंडल अधिकारी नागरिक धीरा से आरटीआई के माध्यम से जानकारी हासिल की थी. जिन लोगों को यह सहायता राशि विभिन्न मदों में एसडीएमव तहसील कार्यालयों से चेकों के माध्यम से जारी हुई है.
चेकों के माध्यम से जारी हुई राशि
इन नियमों के अनुसार इन भुगतानों को सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाना था, लेकिन इन राशियों का खंडन करते समय इस तरह के नियमों का पालन नहीं किया गया और सभी लाभार्थियों को सभी एसडीएम पालमपुर और एसडीएम धीरा के कार्यालयों से व्यक्तिगत चेक जारी किए गए.
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