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फोरलेन संघर्ष समिति ने मांगों को लेकर DC को सौंपा ज्ञापन, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी

फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर के पदाधिकारियों ने जिला उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति से धर्मशाला में नूरपुर सर्कल व एसडीएम नूरपुर की ओर से कंडवाल से सियूनी तक के पहले चरण के विस्तारीकरण के लिए मुआवजा राशि की नागावड़ी मुहाल की आधिकारिक अधिसूचना के विरोध में ज्ञापन सौंप.

Fourlane Sangharsh Committee  submitted memorandum to SDM regarding demands
Fourlane Sangharsh Committee submitted memorandum to SDM regarding demands
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Published : Dec 15, 2020, 7:33 AM IST

धर्मशाला : फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर के पदाधिकारियों ने जिला उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति से धर्मशाला में नूरपुर सर्कल व एसडीएम नूरपुर की ओर से कंडवाल से सियूनी तक के पहले चरण के विस्तारीकरण के लिए मुआवजा राशि की नागावड़ी मुहाल की आधिकारिक अधिसूचना के विरोध में ज्ञापन सौंपा.

जिला उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने समिति के पदाधिकारियों की शिकायत को गंभीरता से लिया व इस संबंध में एडीएम कांगड़ा राकेश राठौर को समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया है.

वीडियो रिपोर्ट

एडीएम कांगड़ा से भी मुलाकात

इसके बाद समिति के नौ सदस्यों का शिष्टमंडल फोरलेन समिति के अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में एडीएम कांगड़ा से मिला और अपनी समस्या से अवगत करवाते हुए विरोध जताया.

पुनर्स्थापन कानून 2013 के मुताबिक दिया जाएगा मुआवजा

फोरलेन संघर्ष समिति के सदस्यों ने वर्तमान में प्रभावितों को दिए जा रहे मुआवजे के आर्डर को लेकर अपना विरोध जताते हुए कहा कि उन्हें यह रेट किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है. संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि चर्चा के बाद एडीएम कांगड़ा ने उन्हें आश्वस्त किया है कि फोरलेन प्रभावितों को पुनर्स्थापन कानून 2013 के मुताबिक प्रभावितों को विस्थापन मुआवजा राशि का भुगतान करने का भी कानून के दायरे के अंतर्गत आश्वासन दिया है.

पर्यावरण का नुकसान करने में सरकार कर रही मदद

समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से एनजीटी, सर्वोच्च न्यायालय के कानून 2013 पुनर्स्थापन कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रीनरी का ध्यान नहीं रखा गया है.

कंडवाल से मंडी तक लाखों छायादार पेड़ों का कतल होने जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार, राज्य सरकार मूक दर्शक बन कर हिमाचल प्रदेश की धरोहर पर्यावरण का नुकसान करने में मदद कर रही है. इसके अलावा उपाध्यक्ष ने कहा समिति ने सरकार के खिलाफ एनजीटी व उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का भी मन बनाया हुआ है.

3840 परिवार फोरलेन बनने से हुए प्रभावित

सुदर्शन शर्मा ने कहा कि मांगे न मामने पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. संघर्ष समिति का कहना है कि कंडवाल से सियूनी तक 3840 परिवार प्रभावित होने जा रहे है. जिनका भविष्य अंधकारमय बनता जा रहा है. सुदर्शन शर्मा ने कहा कि जिला उपायुक्त कांगड़ा ने समिति से दो दिन का समय मांगा है.

धर्मशाला : फोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर के पदाधिकारियों ने जिला उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति से धर्मशाला में नूरपुर सर्कल व एसडीएम नूरपुर की ओर से कंडवाल से सियूनी तक के पहले चरण के विस्तारीकरण के लिए मुआवजा राशि की नागावड़ी मुहाल की आधिकारिक अधिसूचना के विरोध में ज्ञापन सौंपा.

जिला उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने समिति के पदाधिकारियों की शिकायत को गंभीरता से लिया व इस संबंध में एडीएम कांगड़ा राकेश राठौर को समस्त जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया है.

वीडियो रिपोर्ट

एडीएम कांगड़ा से भी मुलाकात

इसके बाद समिति के नौ सदस्यों का शिष्टमंडल फोरलेन समिति के अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में एडीएम कांगड़ा से मिला और अपनी समस्या से अवगत करवाते हुए विरोध जताया.

पुनर्स्थापन कानून 2013 के मुताबिक दिया जाएगा मुआवजा

फोरलेन संघर्ष समिति के सदस्यों ने वर्तमान में प्रभावितों को दिए जा रहे मुआवजे के आर्डर को लेकर अपना विरोध जताते हुए कहा कि उन्हें यह रेट किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं है. संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि चर्चा के बाद एडीएम कांगड़ा ने उन्हें आश्वस्त किया है कि फोरलेन प्रभावितों को पुनर्स्थापन कानून 2013 के मुताबिक प्रभावितों को विस्थापन मुआवजा राशि का भुगतान करने का भी कानून के दायरे के अंतर्गत आश्वासन दिया है.

पर्यावरण का नुकसान करने में सरकार कर रही मदद

समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से एनजीटी, सर्वोच्च न्यायालय के कानून 2013 पुनर्स्थापन कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रीनरी का ध्यान नहीं रखा गया है.

कंडवाल से मंडी तक लाखों छायादार पेड़ों का कतल होने जा रहा है, लेकिन केंद्र सरकार, राज्य सरकार मूक दर्शक बन कर हिमाचल प्रदेश की धरोहर पर्यावरण का नुकसान करने में मदद कर रही है. इसके अलावा उपाध्यक्ष ने कहा समिति ने सरकार के खिलाफ एनजीटी व उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का भी मन बनाया हुआ है.

3840 परिवार फोरलेन बनने से हुए प्रभावित

सुदर्शन शर्मा ने कहा कि मांगे न मामने पर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा. संघर्ष समिति का कहना है कि कंडवाल से सियूनी तक 3840 परिवार प्रभावित होने जा रहे है. जिनका भविष्य अंधकारमय बनता जा रहा है. सुदर्शन शर्मा ने कहा कि जिला उपायुक्त कांगड़ा ने समिति से दो दिन का समय मांगा है.

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