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पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा का सरकार पर वार, कहा- चहेतों को बांटा जा रहा CM रिलीफ फंड - हिमाचल प्रदेश न्यूज

हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने सीएम रिलीफ फंड में बंदरबांट की बात कही है. सुधीर शर्मा ने आरटीआई की जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि कांगड़ा के सुलह विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रुपये की रकम ऐसे लोगों को दे दी गई जो इस तरह की मदद के पात्र ही नहीं थे.

Former minister Sudhir Sharma attacked government said  CM Relief Fund is being distributed to the favorites
सुधीर शर्मा, पूर्व शहरी विकास मंत्री
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Published : Dec 15, 2020, 9:31 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 10:31 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट में पीपीई किट घोटाला सामने आया था. अब सीएम रिलीफ फंड में बंदरबांट की बात सामने आई है. सुधीर शर्मा ने कांगड़ा में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से भारी-भरकम रकम का गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है.

उन्होंने भाजपा नेताओं सहित कई अपात्रों को यह राशि बांटने की बात कही है. सुधीर शर्मा ने आरटीआई की जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि कांगड़ा के सुलह विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रुपये की रकम ऐसे लोगों को दे दी गई जो इस तरह की मदद के पात्र ही नहीं थे.

पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा.

मुख्यमंत्री राहत कोष का हो रहा गलत इस्तेमालः सुधीर शर्मा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से हमेशा प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को सहायता दी जाती रही है लेकिन इस घटना से यह पता चलता है कि इस धन का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी तो एक क्षेत्र की जानकारी सामने आई है. उन्होंने ऐसे कई अन्य मामले होने की भी आशंका जताई है. सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री राहत कोष की सारी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता ने किया फंड के गलत इस्तेमाल का दावा

स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में सीएम रिलीफ फंड से एक करोड़ रुपये की राशि बांटी गई और वह भी ऐसे लोगों को इसके लायक नहीं थे. आरटीआई के आधार पर दावा किया गया है कि यह पैसा पंचायत प्रधानों, कारोबारियों, रिटायर्ड कर्मचारियों, पूर्व फौजियों, दुकानदारों, पत्रकारों और यहां तक कि बीजेपी के पदाधिकारियों तक को दे दी गई.

सीएम रिलीफ फंड से ऐसे लोगों को भी मदद दी गई जो कारोबारी हैं और आयकर देते हैं. ऐसे में फंड का गलत इस्तेमाल किया गया है. आम तौर पर यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है लेकिन यहां एसडीएम पालमपुर और एसडीएम धीरा के दफ्तरों से इन लोगों के नाम सीधे चेक जारी करके पैसे दिए गए.

ये भी पढ़ेंः विपक्षी दल किसान आंदोलन की आड़ में सेंक रहे राजनीतिक रोटियां: राजीव बिंदल

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना संकट में पीपीई किट घोटाला सामने आया था. अब सीएम रिलीफ फंड में बंदरबांट की बात सामने आई है. सुधीर शर्मा ने कांगड़ा में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से भारी-भरकम रकम का गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है.

उन्होंने भाजपा नेताओं सहित कई अपात्रों को यह राशि बांटने की बात कही है. सुधीर शर्मा ने आरटीआई की जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि कांगड़ा के सुलह विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक करोड़ रुपये की रकम ऐसे लोगों को दे दी गई जो इस तरह की मदद के पात्र ही नहीं थे.

पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा.

मुख्यमंत्री राहत कोष का हो रहा गलत इस्तेमालः सुधीर शर्मा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष से हमेशा प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को सहायता दी जाती रही है लेकिन इस घटना से यह पता चलता है कि इस धन का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने कहा कि अभी तो एक क्षेत्र की जानकारी सामने आई है. उन्होंने ऐसे कई अन्य मामले होने की भी आशंका जताई है. सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार को मुख्यमंत्री राहत कोष की सारी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता ने किया फंड के गलत इस्तेमाल का दावा

स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में सीएम रिलीफ फंड से एक करोड़ रुपये की राशि बांटी गई और वह भी ऐसे लोगों को इसके लायक नहीं थे. आरटीआई के आधार पर दावा किया गया है कि यह पैसा पंचायत प्रधानों, कारोबारियों, रिटायर्ड कर्मचारियों, पूर्व फौजियों, दुकानदारों, पत्रकारों और यहां तक कि बीजेपी के पदाधिकारियों तक को दे दी गई.

सीएम रिलीफ फंड से ऐसे लोगों को भी मदद दी गई जो कारोबारी हैं और आयकर देते हैं. ऐसे में फंड का गलत इस्तेमाल किया गया है. आम तौर पर यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है लेकिन यहां एसडीएम पालमपुर और एसडीएम धीरा के दफ्तरों से इन लोगों के नाम सीधे चेक जारी करके पैसे दिए गए.

ये भी पढ़ेंः विपक्षी दल किसान आंदोलन की आड़ में सेंक रहे राजनीतिक रोटियां: राजीव बिंदल

Last Updated : Dec 15, 2020, 10:31 PM IST
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